राजनीति शक्ति के साथ शांति का संदेश देता भारत January 21, 2021 / January 21, 2021 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment अहिंसा के मंत्र से दुनिया को अवगत कराने वाला भारत आज एक बार फिर विश्व के मानचित्र पर मजबूती के साथ उभर रहा है। बिना हथियार उठाए आज़ादी हासिल करने वाला गाँधी का यह देश आज आत्मनिर्भर भारत के मंत्र के सहारे हथियारों का निर्यातक बनने की ओर अग्रसर है। वो भारत जो कल तक […] Read more » India gives the message of peace with power अग्नि बैलिस्टिक मिसाइल अर्जुन टैंक अस्त्र मिसाइल अस्मि पिस्टल आकाश तेजस विमान ध्रुव हेलिकॉप्टर नाग मिसाइल पिनाक रॉकेट लांच सिस्टम शक्ति के साथ शांति का संदेश
कविता प्रकाश धरा आ नज़र आता June 12, 2018 / June 12, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment गोपाल बघेल ‘मधु’ प्रकाश धरा आ नज़र आता, अंधेरा छाया आसमान होता; रात्रि में चमकता शहर होता, धीर आकाश कुछ है कब कहता ! गहरा गहमा प्रचुर गगन होता, गुणों से परे गमन वह करता; निर्गुणी लगता पर द्रढी होता, कड़ी हर जोड़ता वही चलता ! दूरियाँ शून्य में हैं घट जातीं, विपद बाधाएँ व्यथा ना देतीं; घटाएँ राह से हैं छट जातीं, रहनुमा कितने वहाँ मिलवातीं ! भूमि गोदी में जब लिये चलती, तब भी टकराव कहाँ करवाती; ठहर ना पाती चले नित चलती, फिर भी आभास कहाँ करवाती ! संभाले सृष्टा सब ही करवाते, समझ फिर भी हैं हम कहाँ पाते; हज़म ‘मधु’ अहं को हैं जब करते, द्वार कितने हैं चक्र खुलवाते ! Read more » आ नज़र आता आकाश प्रकाश धरा भूमि गोदी
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हमें क्या-क्या दिया है? May 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर है या नहीं? यदि है तो उसने हमें क्या-क्या दिया है? यह प्रश्न पर स्वाभाविक रूप से मनुष्य के मन में विचार आ सकते हैं। प्रथम प्रश्न पर विचार करें तो हमें अपनी व अन्य मनुष्य की शक्तियों पर विचार करना पड़ता है। मैं मनुष्य हूं परन्तु मेरी शक्तियां सीमित हैं। […] Read more » Featured आकाश ईश्वर ने उत्तर चन्द्र ऋषिकृत ग्रन्थों जल ज्ञान दिया है? पर्वत पृथिवी मनुष्य व अन्य प्राणियों सहित अग्नि वन वनस्पतियों वायु शब्द सद्प्रेरणा समुद्र सुख व शान्ति हमें क्या-क्या
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का उद्देश्य संसार का उपकार करना” April 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य समाज की एक इकाई है। मनुष्य का अभिप्राय स्त्री व पुरुष दोनों से होता है। इन दोनों के समूहों से मिल कर समाज बनता है। समाज का अर्थ होता कि सभी मनुष्य स्त्री व पुरुष परस्पर समान अथवा बराबर हैं। पृथिवी के किसी भूभाग पर समाज के द्वारा ही देश का […] Read more » Featured अग्नि अन्न आकाश ओषिधियां जल दुग्घ फल फूल मनुष्य वनस्पतियां वायु समाज
विविधा आकाश का दुलार January 16, 2011 / December 16, 2011 by चैतन्य प्रकाश | 1 Comment on आकाश का दुलार -चैतन्य प्रकाश शिखर और सागर दोनों मनुष्य को आनंदित करते हैं मनुष्य की लगभग सारी यात्राएं शिखरों और सागरों की ओर उन्मुख रही हैं। मानवी सभ्यता के दो आत्यंतिक उत्कर्ष बिन्दुओं-धर्म और विज्ञान के विकास में शिखर और सागर सदैव प्रमुख सहयोगी रहे हैं। किसी शिखर (पहाड़) की तलहटी से या सागर के तट से […] Read more » Sky आकाश
धर्म-अध्यात्म आकाश प्रथम तत्व है ! September 19, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on आकाश प्रथम तत्व है ! – हृदयनारायण दीक्षित भारतीय दर्शन के पांच तत्व गांव-गांव तक चर्चित है। रामचरित मानस की क्षिति जल पावक गगन समीरा वाली चौपाई हिन्दी भाषी क्षेत्रों में गंवई गंवार भी गाते हैं। तुलसीदास ने पांच तत्वों वाली बात कोई अपनी तरफ से ही नहीं कही थी। लेकिन यही पांच तत्व समूचे भारतीय साहित्य में भी मौजूद […] Read more » Sky आकाश