धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज विश्व की सर्वोत्तम धार्मिक एवं सामाजिक संस्था December 7, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment “वेद और युक्ति प्रमाणों से युक्त सत्यार्थप्रकाश के कारण आर्यसमाज विश्व की सर्वोत्तम धार्मिक एवं सामाजिक संस्था है” -मनमोहन कुमार आर्य धार्मिक संस्था उसे कहते हैं जिससे मनुष्य के सभी कर्तव्यों का ज्ञान हो व वह उसका युक्ति तर्क व प्रमाण पूर्वक प्रचार करती हो। मनुष्यों के कर्तव्यों का जैसा विधान सृष्टि के सबसे प्राचीन […] Read more » आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म पौराणिक मत के रक्षक ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज October 18, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment ऋषि बलिदान एवं दीपावली पर्व पर मनमोहन कुमार आर्य सृष्टि के आरम्भ से महाभारतकाल तक संसार भर में वैदिक मत, भाषा, संस्कृति व सभ्यता का प्रचार व प्रसार रहा। महाभारत युद्ध के परिणामस्वरूप अव्यवस्था होने से वैदिक मत अज्ञान से ग्रस्त हो गया जिसका परिणाम वैदिक धर्म में अधंविश्वास, कुरीतियां और असमानता आदि जैसे विचार […] Read more » Featured आर्यसमाज ऋषि दयानन्द ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज ऋषि बलिदान दीपावली पर्व
धर्म-अध्यात्म शहीद भगत सिंह के दादा सरदार अर्जुन सिंह की आर्यसमाज की विचारधारा को पुष्ट करने के लिए लिखी पुस्तक ‘हमारे गुरु साहिबान वेद के पैरोकार थे’ और उसकी पृष्ठभूमि August 28, 2017 / August 28, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य इतिहास की हर छोटी बड़ी बात सभी ऋषि भक्तों को स्मरण हो, यह सम्भव नहीं है। इसके लिए समय समय पर इस विषय के ग्रन्थों को पढ़ना उपुयक्त रहता है। स्वाध्याय से हमें सबसे बड़ा लाभ यही प्रतीत होता है कि इस प्रवृत्ति से मनुष्य के ज्ञान में निरन्तर वृद्धि होती जाती […] Read more » आर्यसमाज शहीद भगत सिंह सरदार अर्जुन सिंह
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज एवं आर्य संस्थाओं के आवश्यक कर्तव्य एवं दायित्व August 21, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वर्तमान समय में आर्यसमाज की पहचान एक ऐसे भवन के रूप में होती हैं जहां आर्यसमाजी लोग रविवार को एकत्रित होकर यज्ञ, भजन एवं प्रवचन का कार्य करते हैं और फिर सप्ताह के शेष दिन अपने व्यवसाय आदि के कार्यों में लगे रहते हैं। हमारा अनुमान है कि यदि सर्वे किया जाये […] Read more » आर्यसमाज आर्यसमाज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज चकराता (देहरादून) व चकराता विषयक हमारे कुछ संस्मरण July 17, 2017 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on आर्यसमाज चकराता (देहरादून) व चकराता विषयक हमारे कुछ संस्मरण मनमोहन कुमार आर्य देहरादून में आर्यसमाज की स्थापना अक्तूबर, सन् 1880 में हुई थी जब ऋषि दयानन्द दूसरी बार देहरादून पधारे थे। देहरादून से लगभग 87 किमी. दूरी पर पर्वतीय व पर्यटक स्थल चकराता है। मसूरी की ही भांति चकराता भी पर्वतीय व वनाच्छादित होने के साथ मसूरी से अधिक ऊंचाई पर है परन्तु यह […] Read more » आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज अन्य सभी से भिन्न विद्या प्रधान सर्वोत्तम धार्मिक व सामाजिक संस्था है July 1, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज विद्या प्रधान एक धार्मिक एवं सामाजिक संगठन है। यह ऐसी संस्था है जो कि किसी भी विषय की उपेक्षा नहीं करती और सत्य ज्ञान को ही महत्व देती है। इसकी यह भी विशेषता है कि यह सत्य व असत्य के निर्णयार्थ ज्ञान व विज्ञान सहित चिन्तन, मनन व विचार एवं ध्यान […] Read more » आर्यसमाज विद्या प्रधान सर्वोत्तम धार्मिक व सामाजिक संस्था
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज के प्रचार की धीमी गति के कारणों पर विचार May 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आर्यसमाज के प्रचार की धीमी गति में आर्यसमाज में पदाधिकारियों व सदस्यों की गुटबाजी व उसके पीछे कुछ लोगों के निहित स्वार्थ यथा लोकैषणा, वित्तैषणा तथा पुत्रैषणा भी सम्मिलित हैं। इस कारण योग्य लोग पदाधिकारी न चुने जाकर तिकड़मी व कम योग्यता वाले लोग पदाधिकारी बन जाते हैं। इससे एक हानि यह होती है कि बहुत से सज्जन व निष्पक्ष लोग आर्यसमाज में आना ही छोड़ देते हैं। Read more » आर्यसमाज
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द और आर्यसमाज ने विश्व के करोड़ों लोगों को वैदिक धर्म द्वारा सच्चे आध्यात्मिक एवं सांसारिक जीवन जीने का मार्गदर्शन दिया May 9, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य सभी प्राणियों में सबसे श्रेष्ठ प्राणी व योनि है। मनुष्य के पास जो मन है वह अन्य प्राणियों की तुलना में विशिष्ट गुणों व शक्तियों से सम्पन्न है। मनुष्य अपने मन से मनन, विचार व चिन्तन कर सकता है जबकि अन्य पशु, पक्षी आदि प्राणी ऐसा नहीं कर सकते। मनुष्य किसी […] Read more » आर्यसमाज ऋषि दयानन्द
राजनीति आर्यसमाज जगे तो देश उठे February 6, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment पिछले दो दिन मैंने हैदराबाद में बिताए। मैं सोचता रहा कि निजाम के विरुद्ध आर्यसमाज ने जबर्दस्त आंदोलन न छेड़ा होता तो क्या आज हैदराबाद भारत का हिस्सा होता? हैदराबाद तो क्या, भारत की आजादी और एकता में जो योगदान महर्षि दयानंद और आर्यसमाज का था, उसके आगे सिर्फ गांधी ही टिक सकती है। कांग्रेस […] Read more » आर्यसमाज भगतसिंह और रामप्रसाद बिस्मिल महर्षि दयानंद महर्षि दयानंद के सपनों का भारत लाला लाजपतराय सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा स्वामी श्रद्धानंद
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज के वेदसम्मत 10 नियमों के आदर्श पालक ऋषि दयानन्द January 9, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्यसमाज की स्थापना 10 अप्रैल, सन् 1875 को ऋषि दयानन्द सरस्वती ने मुम्बई में की थी। इसका उद्देश्य था विलुप्त वेदों की यथार्थ शिक्षाओं का जन-जन में प्रचार और उसके अनुरूप समाज व देश का निर्माण। महर्षि ने आर्यसमाज की स्थापना उनके वेद विषयक विचारों के प्रशंसकों वा अनुयायियों के अनुरोध पर […] Read more » 10 disciples of Arya Samaj आर्यसमाज आर्यसमाज के 10 नियम आर्यसमाज के वेदसम्मत 10 नियमों के आदर्श पालक ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द की दो मुख्य देन सत्यार्थ प्रकाश और आर्यसमाज August 5, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर् ऋषि दयानन्द महाभारतकाल के बाद उत्पन्न महापुरुषों में सत्यज्ञान व उसके प्रचार व प्रसार के कार्यों को करने वाले विश्व के सर्वोत्तम महापुरुष हैं। उनसे पूर्व इन कार्यों को करने वाला अन्य महापुरुष विश्व इतिहास में दृष्टिगोचर नहीं होता। महाभारत काल से पूर्व विश्व में सर्वत्र वेदों का प्रचार व प्रसार था, […] Read more » आर्यसमाज ऋषि दयानन्द की देन सत्यार्थ-प्रकाश
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज के यशस्वी विद्वान एवं उपदेशक पण्डित धर्मपाल शास्त्री June 2, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य देहरादून के एक गुरुकुल श्रीमद् दयानन्द आर्ष ज्योतिमठ गुरुकुल के वार्षिकोत्सव के अवसर पर 31 मई, 2015 को अपने पुराने परिचित आर्य विद्वान श्री धर्मपाल शास्त्री जी से हमारी भेंट हुई। 84 वर्षीय श्री धर्मपाल जी वर्षों पूर्व देहरादून में आर्यसमाज के पुरोहित रहे हैं। यद्यपि सन् 1970 में इन पंक्तियों क […] Read more » आर्यसमाज उपदेशक पण्डित धर्मपाल शास्त्री यशस्वी