धर्म-अध्यात्म देश में गुरुकुल होंगे तभी आर्यसमाज को वेदप्रचारक विद्वान बन सकते हैं December 4, 2019 / December 4, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य परमात्मा ने सृष्टि के आरम्भ में वेदों का ज्ञान दिया था। इस ज्ञान को देने का उद्देश्य अमैथुनी सृष्टि में उत्पन्न व उसके बाद जन्म लेने वाले मनुष्यों की भाषा एवं ज्ञान की आवश्यकता को पूरा करना था। सृष्टि के आरम्भ से लेकर महाभारत काल पर्यन्त भारत वा आर्यावत्र्त सहित विश्व […] Read more » gurukul गुरुकुल
धर्म-अध्यात्म गुरुकुल न होते वेद और शास्त्रों की रक्षा सहित धर्म रक्षा होनी सम्भव नहीं थी November 12, 2019 / November 12, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य के जीवन में शरीर और आत्मा दोनों का महत्व होता है। यदि शरीर न रहे तो आत्मा का महत्व नहीं और आत्मा न रहे तो शरीर का महत्व नहीं होता। इसी प्रकार महत्व में दोनों एक दूसरे के पूरक हैं तथापि शरीर से आत्मा के निकल जाने पर शरीर महत्वहीन […] Read more » गुरुकुल
धर्म-अध्यात्म “अंग्रेज सरकार की गुरुकुल कांगड़ी पर तिरछी नजर का प्रामाणिक विवरण” December 5, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द जी के प्रमुख शिष्य स्वामी श्रद्धानन्द, पूर्व नाम महात्मा मुंशीराम जी, की एक जीवनी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के ही एक वरिष्ठ स्नातक, यशस्वी पत्रकार एवं स्वतन्त्रता सेनानी पं. सत्यदेव विद्यालंकार ने लिखी है। इस पुस्तक का पहला संस्करण स्वामी श्रद्धानन्द जी के बलिदान के 7 वर्ष बाद सन् 1933 में […] Read more » गुरुकुल तपस्या और भक्तिभाव त्याग पं. सत्यदेव विद्यालंकार स्वामी दयानन्द
धर्म-अध्यात्म “प्रसिद्ध भजन “डूबतो को बचा लेने वाले मेरी नैय्या है तेरे हवाले” की पृष्ठ भूमि” October 10, 2018 / October 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, पं. सत्यपाल पथिक जी से हमारा कई वर्षों से परिचय है। हम देहरादून के गुरुकुल पौंधा, वैदिक साधन आश्रम तपोवन सहित टंकारा, अजमेर, दिल्ली व हरिद्वार आदि स्थानों पर अनेक बार उनसे मिले हैं। पथिक जी यदा-कदा हमारे आर्य पत्र पत्रिकाओं में लेख देखते रहते हैं इसलिये भी वह हमें जानते हैं। […] Read more » आर्यसमाज गुरुकुल श्री दिनेश पथिक सैनिक हरि सिंह नलवा
धर्म-अध्यात्म ‘अमेरिका के प्रो. सतीश भटनागर का गुरुकुल पौन्धा एवं तपोवन आश्रम का भ्रमण’ July 2, 2018 / July 2, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ‘अमेरिका के प्रो. सतीश भटनागर का गुरुकुल पौन्धा एवं तपोवन आश्रम का भ्रमण’ मनमोहन कुमार आर्य, डा. सतीश भटनागर, आयु 79 वर्ष, अमेरिका में फिजिक्स, गणित आदि विषयों के प्रोफेसर हैं। उन्होंने बताया कि वहां रिटायरमेन्ट नहीं होता और मनुष्य जब तक स्वस्थ रहता है, कार्य कर सकता है। डा. भटनागर आर्यसमाज के सुप्रसिद्ध संन्यासी स्वामी दीक्षानन्द सरस्वती जी के भांजे हैं और उनकी गतिविधियों से बहुत निकटता […] Read more » ‘अमेरिका के प्रो. सतीश भटनागर का गुरुकुल पौन्धा एवं तपोवन आश्रम का भ्रमण’ Featured गुरुकुल डा. सतीश भटनागर श्री प्रेम प्रकाश शर्मा स्वामी चित्तेश्वरानन्द जी
समाज २७ बार रक्तदान कर आदर्श उपस्थित करने वाले आदर्श व्यक्ति-“आर्यसमाज धामावाला- डा. विनीत कुमार” June 18, 2018 / June 18, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला-देहरादून ऋषि दयानन्द के कर कमलों से स्थापित आर्यसमाज है। विश्व में किसी मुस्लिम बन्धु की उसके पूरे परिवार सहित पहली शुद्धि ऋषि दयानन्द जी ने इसी आर्यसमाज में की थी और उसका नाम अलखधारी रखा था। आर्यसमाज धामावाला से अतीत में अनेक प्रसिद्ध विद्वान व नेता जुड़े रहे हैं जिन्होंने […] Read more » २७ बार रक्तदान कर Featured आदर्श उपस्थित करने वाले आदर्श व्यक्ति आर्यनेता श्री ओम्प्रकाश त्यागी गुरुकुल डा. भवानीलाल भारतीय पं. प्रकाशवीर शास्त्री मेश्वरानन्द सरस्वती लाला राम गोपाल शालवाले शायद गुरुकुल वृन्दावन शास्त्रार्थ महारथी पं. ओम् प्रकाश शास्त्री - खतौली स्वामी अमर स्वामी सरस्वती स्वामी डा. सत्यप्रकाश जी स्वामी मुनीश्वरानन्द सरस्वती स्वामी सत्यपति जी
धर्म-अध्यात्म “प्रलोभनों को त्याग कर सत्य मार्ग पर चलें : आचार्य आशीष” June 6, 2018 / June 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, द्रोणस्थली कन्या गुरुकुल महाविद्यालय का वार्षिकोत्सव 4 जून से आरम्भ हुआ है जो 6 जून 2018 को समाप्त होगा। हमें आज इस गुरुकुल के उत्सव में सम्मिलित होने का अवसर मिला। हमारे पहुंचने से पूर्व गुरुकुल की 7 ब्रह्मचारिणियों का समावर्तन संस्कार सम्पन्न हो चुका था और उसके बाद विद्वानों द्वारा […] Read more » Featured गन्ध गुरुकुल परमात्मा प्रलोभनों को त्याग कर मनुष्य रस रूप सत्य मार्ग पर चलें
कविता पंछियों के मंत्र पाठ से प्रभात, मंगल-प्रभात होता: May 19, 2018 by डॉ. मधुसूदन | Leave a Comment डॉ. मधुसूदन (एक) एक चुनौती भरी कठिन प्रस्तुति: कवि की कल्पना कविकल्पना ही कहलाती है. कवि जो देखता है वो रवि भी नहीं देख सकता. एक ऐसी ही थोडी कठिन कविता प्रस्तुत करता हूँ. कुछ बौद्धिक व्यायाम होगा. पर बिना बौद्धिक व्यायाम वास्तव में मनोरंजन भी संभव नहीं होता. कुछ पाठक तो लाभान्वित होंगे […] Read more » आंँगन आँगनों गुरुकुल वृक्ष-झुण्ड वृक्षों वृक्षों शाख शाख