लेख समाज जैव विविधता के महत्व को रेखांकित करती है सनातन भारतीय संस्कृति June 25, 2022 / June 25, 2022 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment सनातन हिंदू संस्कृति में किसी भी जीव की हत्या निषेध है और ऐसा माना जाता है कि अपने लिए पूर्व निर्धारित भूमिका को निभाने के उद्देश्य से ही विभिन्न जीव इस धरा पर जन्म लेते हैं एवं सभी जीवों में आत्मा का वास होता है। इसलिए हिंदू धर्मावलम्बियों द्वारा पशु, पक्षियों, पेड़, पौधों, नदियों, पर्वतों, […] Read more » Sanatan Indian culture underlines the importance of biodiversity जैव विविधता सनातन भारतीय संस्कृति
विविधा जैव विविधता भारत की धरोहर है May 21, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव जिस तरह से आज पूरी दुनिया वैश्विक प्रदूषण से जूझ रही है और कृषि क्षेत्र में उत्पादन का संकट बढ़ रहा है, उस परिप्रेक्ष्य में जैव विविधता का महत्व बढ़ गया है। लिहाजा हमें जहां जैव कृषि सरंक्षण को बढ़ावा देने की जरूरत है, वहीं जो प्रजातियां बची हुई हैं, उनके भी सरंक्षण […] Read more » Featured चिड़ियाघरों जीव-जंतु जैव विविधता भारत की धरोहर मानव प्रजातियां सभ्यताएं और संस्कृतियां
जन-जागरण विविधा खल्क खुदा का, जैव विविधता इंसानी शिकंजे में May 22, 2015 / May 23, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment -अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस पर विशेष- -अरुण तिवारी- पहले मैं दिल्ली के जिस मकान में रहता था, वह मकान छोटा था, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था। क्योंकि वह मकान नहीं, घर था। उसमें चींटी से लेकर चिड़िया तक सभी के रहने की जगह थी। अब मकान थोड़ा बड़ा हो गया है। अब इसमें इंसान के अलावा […] Read more » Featured खल्क खुदा काः जैव विविधता इंसानी शिकंजे में जैव विविधता
विविधा व्यर्थ ही बीत गया जैव –विविधता वर्ष November 19, 2010 / December 19, 2011 by पंकज चतुर्वेदी | 2 Comments on व्यर्थ ही बीत गया जैव –विविधता वर्ष –पंकज चतुर्वेदी संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष २०१० को जैव –विविधता वर्ष घोषित किया है। ऐसा इस लिए की विश्व भर में जैव –विविधता गहरे संकट में है और इसे भी संरक्षण की जरुरत है। आदम सभ्यता ने अपने ऐश –आराम और सुख सुविधाओं के लिए सब को नजरअंदाज कर प्रकृति और पर्यावरण को बुरी […] Read more » Biodiversity जैव विविधता
खेत-खलिहान जैव विविधता पर संकट की छाया July 19, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जैव विविधता पर संकट की छाया – नेहा जैन भारत में जंगलों, आर्द्रभूमियों और समुद्री क्षेत्रों में कई तरह की जैव विविधता पाई जाती है। भारत में स्तनधारी जंतुओं में 350, पक्षियों में 1224, सांपों में 408, उभयचर प्राणियों में 197, मछलियों में 2546 और फल-पौधों में 15 हजार प्रजातियां है। परंतु जलवायु परिवर्तन, जंगलों की समाप्ति व कई अन्य कारणों […] Read more » Bio-diversity जैव विविधता
खेत-खलिहान जैव विविधता पर टूटता कहर March 20, 2010 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on जैव विविधता पर टूटता कहर धरती में पाई जाने वाली ”जैव विविधता” अनमोल सम्पदा है। इस सम्पदा के बारे में अधिकांश लोग परिचित नहीं हैं। जैव विविधता में प्रकृति का अनुपम सौंदर्य समाया हुआ है। वहीं जैव विविधता को संरक्षित कर हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए हुए हैं। जैव विविधता का आर्थिक महत्व भी है, जो आज हो रहे […] Read more » Bio-diversity जैव विविधता