कविता प्रकृति का समीकरण September 8, 2018 / September 13, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment डॉ. छन्दा बैनर्जी प्रकृति ने हमें मौके दिए हैं हर बार लेकिन , हम बुद्धिजीवी कहलाने वालों ने उसी प्रकृति पर प्रहार किये है बार-बार , चारों तरफ दो-दो गज ज़मीन पर चढ़ा कर कई-कई मंज़िलें सब कुछ सहने वाली धरती मां पर हम जुल्म पर जुल्म क्यों कर चले ? हम क्या सोच रहे […] Read more » धरती प्रकृति बरसने बुद्धिजीवियों
जरूर पढ़ें विविधा धुंआ, धर्म और धरती… May 29, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- पूरा विश्व ही नहीं बल्कि संपूर्ण पृथ्वी तथा ब्रह्मांड का एक बड़ा हिस्सा इस समय ग्लोबल वार्मिंग का शिकार है। सहस्त्राब्दियों पुराने गलेशियर व हिमखंड पिघल चुुके हैं। दुनिया की कई बर्फ़ीली पहाड़ी चोटियां इतिहास बन चुकी हैं। इनका एकमात्र कारण वैज्ञानिकों द्वारा यही बताया जा रहा है कि विकास के नाम पर […] Read more » Featured धरती धर्म धुंआ ब्रह्मांड विश्व
पर्यावरण धरती के दायित्वों की अनदेखी करने का भार May 10, 2011 / December 13, 2011 by मनोज श्रीवास्तव 'मौन' | 3 Comments on धरती के दायित्वों की अनदेखी करने का भार मनोज श्रीवास्तव ”मौन” यूरोपीय देश अपने आप को विकसित कहते हैं उन्हें भी धरती की धधकती हुई ज्वालामुखी ने आश्चर्यजनक क्षति दी है। चीन में बर्फबारी ने काफी नुकसान किया है। अमेरिका में कटरिना व रीना तूफान अक्सर तबाही मचाते रहते हैं। जापान और चिली जैसे देश भूकम्प और सूनामी की भेंट चढ़ रहे है। […] Read more » Earth धरती
पर्यावरण भूगर्भीय घटनाएं व भूकम्प से दिन की लम्बाई में कमी तथा धुरी छोड़ने पर विवश धरती June 18, 2010 / December 23, 2011 by मनोज श्रीवास्तव 'मौन' | 5 Comments on भूगर्भीय घटनाएं व भूकम्प से दिन की लम्बाई में कमी तथा धुरी छोड़ने पर विवश धरती – मनोज श्रीवास्तव ”मौन’‘ धरती पर भूकम्प के अध्ययन कार्य में हजारों वैज्ञानिक लगे हुए हैं जो इस बात पर विचार कर रहे हैं कि भूकम्प जैसी प्राकृतिक घटनाएं जान माल का नुकसान करने के अतिरिक्त और किस-किस तरह से धरती को प्रभावित कर सकती हैं। आने वाले भूकम्पों में संख्यात्मक दृष्टि से गुणात्मक वृद्धि […] Read more » Earth धरती भूकम्प भूगर्भीय घटनाएं
खेत-खलिहान हरित क्रांति : धरती को बंजर होने से बचाने की दरकार April 28, 2010 / December 24, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 1 Comment on हरित क्रांति : धरती को बंजर होने से बचाने की दरकार मौजूदा खाद्यान्न की जरूरत को देखते हुए देश में दूसरी हरित क्रांति पर खासा जोर दिया जा रहा है, लेकिन सवाल यह है कि जब सोना उगलने वाली धरती ही बंजर हो जाएगी तो अनाज कैसे पैदा होगा। इसलिए भूमि की उर्वरक शक्ति को बचाए रखना बेहद जरूरी है, वरना कृषि के विकास की तमाम […] Read more » Green Revolution धरती बंजर हरित क्रांति