मीडिया लेख पत्रकारिता के व्यवहार में आई गिरावट November 7, 2020 / November 7, 2020 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप मीडिया को कोई एक पक्ष कभी मजबूत नहीं कर सकता, लेकिन परस्पर विरोधी विचारधाराओं के बीच पत्रकारिता का खनन अब लाभ-हानि का सबब है। पत्रकार के पत्रकार के प्रति सम्मान की शून्यता में उगते अर्णब गोस्वामी को शिखर मानने वालों की कमी नहीं और न ही विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल में देशद्रोह […] Read more » Decline in journalistic behavior पत्रकारिता पत्रकारिता के व्यवहार में गिरावट
मीडिया खेमों में बंटी पत्रकारिता से चौथा खम्भा गिर चुका है June 27, 2020 / June 27, 2020 by प्रियंका सौरभ | Leave a Comment प्रियंका सौरभ मीडिया लोकतंत्र में जनहित के प्रहरी के रूप में कार्य करता है। यह एक लोकतंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लोगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की घटनाओं की सूचना देने का काम करता है। मीडिया को लोकतांत्रिक देशों में विधानमंडल, कार्यकारी और न्यायपालिका के साथ “चौथा स्तंभ” माना जाता है। पाठकों को […] Read more » खेमों में बंटी पत्रकारिता पत्रकारिता
जन-जागरण लेख विविधा पत्रकारिता का लक्ष्य राष्ट्र निर्माण हो May 30, 2020 / May 30, 2020 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान दीनबंधु सीएफ एंड्रयूज ने लाला लाजपत राय से आग्रह किया कि वह अपना ध्यान भारत को एक ऐसा दैनिक पत्र देने के लिए केंन्द्रित करें, जो भारतीय जनमत के लिए वैसा ही करे जैसा कि सीपी स्काॅट के ‘मांचेस्टर गार्डियन’ ने ब्रिटिश जनमत के लिए किया। लाला लाजपत राय […] Read more » The goal of journalism should be nation building. पत्रकारिता
लेख मैं ककहरा सीख रहा था, वो प्रिंसीपल थे.. December 3, 2019 / December 3, 2019 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार मैं उन दिनों पत्रकारिता का ककहरा सीख रहा था. और कहना ना होगा कि रमेशजी इस स्कूल के प्रिंसीपल हो चले थे. यह बात आजकल की नहीं बल्कि 30 बरस पुरानी है. बात है साल 87 की. मई के आखिरी हफ्ते के दिन थे. मैं रायपुर से भोपाल पीटीआई एवं देशबन्धु के संयुक्त […] Read more » पत्रकारिता हिन्दी पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला
मीडिया पत्रकारिता की प्राथमिकता को टटोलने का समय May 30, 2019 / May 30, 2019 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment हिंदी पत्रकारिता दिवस, 30 मई 1826 – लोकेन्द्र सिंह ‘हिंदुस्थानियों के हित के हेत’ इस उद्देश्य के साथ 30 मई, 1826 को भारत में हिंदी पत्रकारिता की नींव रखी जाती है। पत्रकारिता के अधिष्ठाता देवर्षि नारद के जयंती प्रसंग (वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया) पर हिंदी के पहले समाचार-पत्र’उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन होता है। सुअवसर पर हिंदी पत्रकारिता का सूत्रपात होने पर संपादक पंडित […] Read more » 30 मई 1826 hindi patrakarita diwas पत्रकारिता हिंदी पत्रकारिता दिवस
समाज अपनी मृत्यु की खबर खुद लिखे पत्रकार August 31, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ अर्पण जैन ‘अविचल है न बिल्कुल अटपटा काम, विचित्र-सा। सैकड़ों लोगों के निधन की खबरें लिखने वाला अदद पत्रकार आज के दौर में क्यों भयाक्रांत है, या कहें पत्रकारिता क्यों अपना स्तर खोते जा रही है, इन सभी सवालों के मूल में समाज तत्व से सरोकार की भावना और चिंतन का गौण होना है। […] Read more » Featured अपनी मृत्यु की खबर खुद लिखे पत्रकार आचार्य श्रीराम शर्मा पत्रकारिता समाज
कहानी साहित्य साहित्य, राजनीति और पत्रकारिता के एक सूर्य का अस्त होना May 14, 2018 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार मन आज व्याकुल है। ऐसा लग रहा है कि एक बुर्जुग का साया मेरे सिर से उठ गया है। मेरे जीवन में दो लोग हैं। एक दादा बैरागी और एक मेरे घर से जिनका नाम इस वक्त नहीं लेना चाहूंगा। दोनों की विशेषता यह है कि उनसे मेरा संवाद नहीं होता है लेकिन […] Read more » ‘समागम’ Featured आंखों आंसुओं पत्रकारिता राजनीति साहित्य साहित्यकार डॉ. सरोज कुमार सूर्य अस्त
विविधा मैं ककहरा सीख रहा था, वो प्रिंसीपल थे.. April 11, 2018 by मनोज कुमार | 1 Comment on मैं ककहरा सीख रहा था, वो प्रिंसीपल थे.. मनोज कुमार मैं उन दिनों पत्रकारिता का ककहरा सीख रहा था. और कहना ना होगा कि रमेशजी इस स्कूल के प्रिंसीपल हो चले थे. यह बात आजकल की नहीं बल्कि 30 बरस पुरानी है. बात है साल 87 की. मई के आखिरी हफ्ते के दिन थे. मैं रायपुर से भोपाल पीटीआई एवं देशबन्धु के संयुक्त […] Read more » Featured ककहरा दैनिक भास्कर नई दुनिया पत्रकारिता भोपाल भौतिक रमेशजी
मीडिया पत्रकारिता: संकट में छिपा अवसर November 16, 2017 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment पत्रकारिता वर्तमान में साहित्य की सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण, प्रभावकारी एवं संभावनाओं से भरी विधा है। यदि आपमें मानव जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने की अभिलाषा है तो साहित्य की उपलब्ध विधाओं में तो इससे बेहतर कोई विकल्प नहीं दिखता। साहित्य की अन्य विधाओं की संरचना ही इस प्रकार की है कि लाक्षणिकता और संकेतात्मकता उनकी आधारभूत […] Read more » Featured Journalism कॉरपोरेटीकरण कॉर्पोरेट पत्रकारिता टी. आर. पी. पत्रकारिता प्रिंट मीडिया भारतीय पत्रकारिता भारतीय स्वाधीनता संग्राम
मीडिया पत्रकारिता में भी ‘राष्ट्र सबसे पहले’ जरूरी August 6, 2017 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment – लोकेन्द्र सिंह मौजूदा दौर में समाचार माध्यमों की वैचारिक धाराएं स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। देश के इतिहास में यह पहली बार है, जब आम समाज यह बात कर रहा है कि फलां चैनल/अखबार कांग्रेस का है, वामपंथियों का है और फलां चैनल/अखबार भाजपा-आरएसएस की विचारधारा का है। समाचार माध्यमों को लेकर आम समाज का इस प्रकार […] Read more » authentication of journalism Featured Journalism journalism in favour of nation positive journalism पत्रकारिता पत्रकारिता की विश्वसनीयता विश्वसनीयता
मीडिया पत्रकारिता की विश्वसनीयता : भरोसे का वज़न करता समाज July 17, 2017 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार इन दिनों भरोसा तराजू पर है. उसका सौदा-सुलह हो रहा है. तराजू पर रखकर उसका वजन नापा जा रहा है. भरोस कम है या ज्यादा, इस पर विमर्श चल रहा है. यह सच है कि तराजू का काम है तौलना और उसके पलड़े पर जो भी रखोगे, वह तौल कर बता देगा लेकिन […] Read more » Featured पत्रकारिता पत्रकारिता की विश्वसनीयता विश्वसनीयता
मीडिया ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता से टारगेटेड जर्नलिज्म May 27, 2017 by मनोज कुमार | Leave a Comment –मनोज कुमार ‘ठोंक दो’ पत्रकारिता का ध्येय वाक्य रहा है और आज मीडिया के दौर में ‘काम लगा दो’ ध्येय वाक्य बन चुका है। ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता से टारगेटेड जर्नलिज्म का यह बदला हुआ स्वरूप हम देख रहे हैं। कदाचित पत्रकारिता से परे हटकर हम प्रोफेशन की तरफ आगे बढ़ चुके हैं जहां उद्देश्य तय है, […] Read more » Featured जर्नलिज्म टारगेटेड जर्नलिज्म ध्येयनिष्ठ पत्रकारिता पत्रकारिता