धर्म-अध्यात्म “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” April 4, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और लगभग 7 दशक पूर्व हमारा जन्म हुआ था। प्रश्न है कि जन्म से पूर्व हमारा अस्तित्व था या नहीं? यदि नहीं था तो फिर यह अभाव से भाव अर्थात् अस्तित्व न होने से हुआ कैसे? विज्ञान का सिद्धान्त है कि किसी भी पदार्थ का रूपान्तर तो किया जा […] Read more » featuerd जन्म जन्मान्तरों पुनर्जन्म मनुष्य शरीर संस्कार
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का परिचय March 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का परिचय क्या है? हम मनुष्य हैं और अपने जीवनकाल में अनेक स्थानों पर हमें अपना परिचय देना होता है। हम वहां कहते हैं कि मेरा अमुक नाम है, मैं अमुक मात-पिता की सन्तान हूं। मैं अमुक स्थान पर रहता है। मेरी शिक्षा दीक्षा बी.ए. या एम.ए. अथवा विज्ञान स्नातक या […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य को न अपने पूर्वजन्मों और न परजन्मों का ज्ञान है March 1, 2018 / March 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य अपने शरीर के हृदय स्थान में निवास करने वाली एक शाश्वत एव अल्पज्ञ चेतन आत्मा है। अल्पज्ञ जीवात्मा को माता, पिता, आचार्य की सहायता से ज्ञान अर्जित करना पड़ता है। इन साधनों से अर्जित ज्ञान को वह अनेकानेक ग्रन्थों के अध्ययन व स्वाध्याय तथा अपने विचार एवं चिन्तन से उन्नत करता […] Read more » Human beings have no knowledge of their past or future परजन्म पूर्वजन्म मनुष्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य और उसकी जीवात्मा February 1, 2018 / February 1, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य दो पैर, दो हाथ तथा बुद्धि से सम्पन्न प्राणी को मनुष्य कह सकते हैं। पशुओं में प्रायः सबके पास चार पैर होते हैं। इसके अपवाद हो सकते हैं। कई पक्षियों के दो पैर होते हैं परन्तु हाथ नहीं होते। छोटे छोटे कीड़ो आदि में पैरों की संख्या अधिक भी हो सकती है। […] Read more » जीवात्मा मनुष्य
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हमें मनुष्य क्यों बनाया? January 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं इसलिये कि हमारे पास मनन करने के लिए बुद्धि है। बुद्धि से हम अध्ययन कर सकते हैं और सत्य व असत्य का निर्णय करने में सक्षम हो सकते हैं। मनुष्य अपनी बुद्धि की उन्नति किस प्रकार करते हैं, यह प्रायः हम सभी जानते हैं। मनुष्य का जीवन माता के […] Read more » Featured God humans Why did God make us humans ईश्वर ईश्वर ने मनुष्य क्यों बनाया मनुष्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य को सबसे प्रीतिपूर्वक, धर्मानुसार व यथायोग्य व्यवहार करना चाहिये December 30, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक प्रवृत्तियों वाले मनुष्य होते हैं। कुछ सज्जन प्रकृति होते हैं तो कुछ दुर्जन व दुष्ट प्रकृति के भी होते हैं। कुछ लोगों में कुछ कुछ सज्जनता व दुर्जनता दोनों होती हैं। मनुष्य को सबसे कैसा व्यवहार करना चाहिये, इसका उत्तर ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज के सातवें नियम द्वारा दिया […] Read more » 6 disciple of arya samaj Arya Samaj मनुष्य
समाज मनुष्य का शरीर ईश्वर प्रदत्त एक विशिष्ट वैज्ञानिक मशीन December 20, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य वेद एवं वैदिक ग्रन्थों का अध्ययन करने पर ईश्वर, जीवात्मा व प्रकृति का स्वरूप स्पष्ट होता है। ईश्वर इस संसार का रचयिता है। उसने जीवात्माओं के सुख व कर्म-फल भोग के लिए सूक्ष्म जड़ प्रकृति से इस सृष्टि को रचा है। हमारी यह सृष्टि अनन्त है। इसमें अनन्त सूर्य, चन्द्र, पृथिव्यां एवं […] Read more » मनुष्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य का जीवन व चरित्र उज्जवल होना चाहिये August 30, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जीवन व चरित्र उज्जवल होना चाहिये परन्तु आज ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। जो जितना बड़ा होता है वह अधिक संदिग्ध चरित्र व जीवन वाला होता है। धर्म हो या राजनीति, व्यापार व अन्य कारोबार, शिक्षित व अशिक्षित सर्वत्र चरित्र में गड़बड़ होने का सन्देह बना रहता है। […] Read more » मनुष्य मनुष्य का जीवन
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन सफल कैसे बने? August 8, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य हमारे मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है और उसे कैसे प्राप्त किया जा सकता है? इसका सरल उपाय तो वैदिक ग्रन्थों का स्वाध्याय है जिसमें ऋषि दयानन्द के ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश, ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका, संस्कारविधि, आर्याभिविनय आदि का महत्वपूर्ण स्थान है। दर्शनों व उपनिषदों सहित वेदादि भाष्यों का अध्ययन भी उपयोगी है। मनुष्य जीवन का […] Read more » मनुष्य
चिंतन धर्म-अध्यात्म आज का मनुष्य मनुष्योचित गुणों से हीन उसकी आकृति मात्र है July 15, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य संसार के अनेक प्राणियों में मनुष्य नाम व आकृति वाला भी एक प्राणी है। संसार के प्राणी दो व चार पैर वाले हैं जिनमें मनुष्य ही सम्भवतः दो हाथ व दो पैरों वाला प्रमुख व विशेष प्राणी है। मनुष्य की विशेषता इसकी विशेष आकृति व आकृति के अतिरिक्त इसमें विशेष बुद्धि तत्व […] Read more » मनुष्य
प्रवक्ता न्यूज़ क्या मनुष्य का कोई बुरा कर्म ईश्वर से छुप सकता व अदण्ड्य हो सकता है? November 23, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य इस संसार में अपने पूर्वजन्म व जन्मों के अवशिष्ट कर्मों के फलों को भोगने और नये कर्म करने के लिए आता है। मनुष्य जीवन भर जो अच्छे व बुरे कर्म करता है, उसका लेखा जोखा कौन रखता है? कैसे कर्मों का फल मिलता है और कैसे हमारी अगले जन्म की योनि […] Read more » अदण्ड्य ईश्वर बुरा कर्म मनुष्य
चिंतन श्रेय और प्रेय का मार्ग June 13, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण में दो ध्रुव – उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव हैं । दोनों ध्रुवों को ही पृथ्वी की धुरी कहा जाता हैं और दोनों में ही असाधारण शक्ति केन्द्रीभूत मानी जाती हैं । इसी भान्ति चेतन तत्त्व के भी दो ध्रुव हैं जिन्हें माया और ब्रह्म कहा जाता है […] Read more » Featured जिंदगी जीवन मनुष्य श्रेय और प्रेय का मार्ग