लेख कालपी का वह ऐतिहासिक किला जहां पर आज के दिन दिया था क्रांतिकारियों ने अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान May 23, 2020 / May 23, 2020 by राकेश कुमार आर्य | 4 Comments on कालपी का वह ऐतिहासिक किला जहां पर आज के दिन दिया था क्रांतिकारियों ने अपना सर्वोत्कृष्ट बलिदान जब जब भी मई का महीना आता है तो प्रत्येक राष्ट्रभक्त भारतवासी के मन मस्तिष्क में 1857 की क्रांति के नायकों से जुड़ी वीर गाथाएं अनायास ही उभर आती हैं । 10 मई 1857 को उत्तर प्रदेश के मेरठ से इस क्रांति का शुभारंभ करने वाले क्रांतिवीर कोतवाल धनसिंह गुर्जर , महर्षि दयानंद , तात्या […] Read more » The historic fort of Kalpi where the revolutionaries gave their best sacrifice कालपी कालपी का ऐतिहासिक किला क्रांतिवीर कोतवाल धनसिंह गुर्जर तात्या टोपे बहादुर शाह जफर महर्षि दयानंद रानी लक्ष्मीबाई
राजनीति अटलजीः वे थे बेजोड़ नेता August 18, 2018 / August 18, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक अटलजी के निधन पर मैं क्या लिखूं, कैसे लिखूं ? अटलजी से मेरा 50-55 साल का संबंध रहा है। वे जब भी इंदौर आते, हमारे घर उनका भोजन पहले से तय होता। मेरे पिताजी और अटलजी, दोनों ही जनसंघ के प्रारंभिक कार्यकर्ता थे। मैं 1965 में पीएच.डी. करने के लिए दिल्ली आ […] Read more » अटलजीः वे थे बेजोड़ नेता आर्यसमाज इंदिराजी नरसिंहरावजी नेहरुजी महर्षि दयानंद
राजनीति आर्यसमाज जगे तो देश उठे February 6, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment पिछले दो दिन मैंने हैदराबाद में बिताए। मैं सोचता रहा कि निजाम के विरुद्ध आर्यसमाज ने जबर्दस्त आंदोलन न छेड़ा होता तो क्या आज हैदराबाद भारत का हिस्सा होता? हैदराबाद तो क्या, भारत की आजादी और एकता में जो योगदान महर्षि दयानंद और आर्यसमाज का था, उसके आगे सिर्फ गांधी ही टिक सकती है। कांग्रेस […] Read more » आर्यसमाज भगतसिंह और रामप्रसाद बिस्मिल महर्षि दयानंद महर्षि दयानंद के सपनों का भारत लाला लाजपतराय सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा स्वामी श्रद्धानंद
धर्म-अध्यात्म त्रैतवाद ‘ईश्वर-जीव-प्रकृति’ सिद्धांत के उद्गाता महर्षि दयानंद July 17, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on त्रैतवाद ‘ईश्वर-जीव-प्रकृति’ सिद्धांत के उद्गाता महर्षि दयानंद महर्षि दयानन्द ने जब उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में वैदिक धर्म का प्रचार आरम्भ किया तो उस समय त्रैतवाद की कहीं चर्चा नहीं होती थी। विद्वत जगत में आचार्य शंकर प्रोक्त अद्वैतवाद प्रतिष्ठित था जो केवल एक ईश्वर की ही सत्ता को मानता है, जीव व प्रकृति की पृथक व अनादि स्वतन्त्र सत्ता को […] Read more » ईश्वर-जीव-प्रकृति’ त्रैतवाद महर्षि दयानंद
धर्म-अध्यात्म जन्म-मरण से छूटने का एक ही उपाय वैदिक सन्ध्या और नित्यकर्म June 24, 2015 / June 24, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- वेदों का अध्ययन करने पर हमें ज्ञात होता है कि ईश्वर ने हमारे लिए ही यह सृष्टि बनाई है और इसमें हमारे सुख के लिए नाना प्रकार के पदार्थ बनाकर हमें निःशुल्क प्रदान किये हैं। यही नहीं, हमारा शरीर भी हमें ईश्वर से निःशुल्क प्राप्त हुआ है जिसका आधार हमारे पूर्व […] Read more » Featured जन्म-मरण से छूटने का एक ही उपाय वैदिक सन्ध्या और नित्यकर्म महर्षि दयानंद वेद
धर्म-अध्यात्म विविधा सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति April 28, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- ईश्वर ने मनुष्य को ऐसा प्राणी बनाया है जिसमें शक्ति वा ऊर्जा की प्राप्ति के लिए इसे भोजन की आवश्यकता पड़ती है। यदि इसे प्रातः व सायं दो समय कुछ अन्न अर्थात् रोटी, सब्जी, दाल, कुछ दुग्ध व फल आदि मिल जायें तो इसका जीवन निर्वाह हो जाता है। भोजन के बाद […] Read more » Featured ईश्वर महर्षि दयानंद वेद सच्चे आध्यात्मिक श्रम से अभ्युदय व निःश्रेयस की प्राप्ति
धर्म-अध्यात्म वर्ण और जन्मना जाति व्यवस्था तथा हमारा वर्तमान समाज April 22, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य– उपलब्ध ज्ञान के आधार पर यह ज्ञात होता है कि अमैथुनी सृष्टि के प्रथम दिन ही जगत पिता ईश्वर ने अपनी शाश्वत् प्रजा मनुष्यों के कल्याणार्थ श्रेष्ठ पवित्र आत्माओं जो अग्नि, वायु, आदित्य व अंगिरा नामक चार ऋषि कहे जाते हैं, को क्रमशः चार वेदों ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद तथा अथर्ववेद का ज्ञान […] Read more » Featured महर्षि दयानंद वर्ण और जन्मना जाति व्यवस्था तथा हमारा वर्तमान समाज वर्तमान समाज वेद
कला-संस्कृति विधि-कानून वेद, महर्षि दयानंद और भारतीय संविधान September 1, 2012 / September 1, 2012 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारतीय संविधान में मूल कर्तव्य और वेद का राष्ट्र संगठन वेद मानवजाति के लिए सृष्टि के आदि में ईश्वरप्रदत्त संविधान हैं। अत: ऐसा नही हो सकता कि हमारा आज का मानव कृत संविधान तो नागरिकों के मूल कत्र्तव्यों का निरूपण करे और वेद इस विषय पर चुप रहे। वेदों में मानव और […] Read more » भारतीय संविधान महर्षि दयानंद वेद
लेख शख्सियत महर्षि दयानंद जयंती 17 फरवरी पर विशेष February 9, 2012 / February 9, 2012 by अखिलेश आर्येन्दु | 3 Comments on महर्षि दयानंद जयंती 17 फरवरी पर विशेष अखिलेश आर्येन्दु दिव्य गुणों से विभूषित महर्षि दयानंद का मानवता को अद्वितीय अवदान महर्षि दयानंद के पास एक दिन एक निराश व्यक्ति आया और बोला-स्वामी जी, मैं सुखी होना चाहता हूं, क्या करूं?’ महर्षि कुछ पल रुके और गम्भीरता से बोले, ‘ हर कार्य को अच्छी तरह से, मन लगाकर, ईश्वर पर भरोसा रखते हुए […] Read more » birthday of dayanand saraswati 17 feb maharshi dayanand saraswati महर्षि दयानंद महर्षि दयानंद जयंती 17 फरवरी
कला-संस्कृति महर्षि दयानंद के महाप्रयाण (दीपावली) पर विशेष October 28, 2011 / December 5, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु महर्षि दयानंद : तमसो मा ज्योतिर्गय के युगधर्मी संवाहक उपनिशदों में अंधकार से प्रकाश की तरफ जाने की प्रेरणा दी गर्इ है। तमसो मा ज्योतिर्गमय। अंधकार मृत्यु के समान और प्रकाश जीवन और अमरता के समान माना गया है। मौत से छुटकारा पाने की एक छटपटाहट इंसान के मन में गहरार्इ से दिखार्इ […] Read more » Diwali दीपावली पर विशेष महर्षि दयानंद