धर्म-अध्यात्म समाज गणि राजेन्द्र विजय: आदिवासियों के मसीहा संतपुरुष May 17, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – भारत की भूमि संतों एवं मनीषियों की भूमि रही है। उनका व्यक्तित्व एवं उनकी आध्यात्मिक यात्रा जन-जन के लिये सदा ही आकर्षण, प्रेरणा एवं जिज्ञासा का केन्द्र रही है। इन महापुरुषों ने धर्म के क्षेत्र में अनेक क्रांतिकारी स्वर बुलंद किए। ऐसे ही विलक्षण एवं अलौकिक संतों में एक नाम है गणि […] Read more » Featured आदिवासी समाज आध्यात्मिक कवांट गणि राजेन्द्र विजयजी नक्सलवाद बलद बोडेली माओवाद रंगपुर संस्कारों
आर्थिकी समाज अर्थ एवं विकास के असन्तुलन से उपजी समस्याएं September 12, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- पैसे के बढ़ते प्रवाह में दो तरह की स्थितियां देखने को मिल रही है। एक स्थिति में अर्थ के सर्वोच्च शिखरों पर पहुंचे कुछ लोगों ने जनसेवा एवं जन-कल्याण के लिये अपनी तिजोरियां खोल रहे हैं तो दूसरी स्थिति में जरूरत से ज्यादा अर्जित धन का बेहूदा एवं भोंडा प्रदर्शन कर रहे हैं। […] Read more » Featured New India असन्तुलन आतंकवाद आर्थिक अपराध आर्थिक तंगी जन-कल्याण जनसेवा नक्सलवाद नया इंडिया भ्रष्टाचार माओवाद
मीडिया विविधा राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियां August 27, 2016 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जमीनी युद्धों के साथ वैचारिक साम्राज्यवाद से लड़ने का सही समय -संजय द्विवेदी देश की असुरक्षित सीमाओं और साथ-साथ देश के भीतर पल रहे असंतोष के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा का सवाल इन दिनों बहुत महत्वपूर्ण हो गया। आतंकवाद और माओवाद के मानवता विरोधी आचरण से टकराता राज्य अकेला इन सवालों से जूझ नहीं सकता। यह […] Read more » Cyber war Featured कोलोजियम आफ माइंड्स माओवाद मानवता विरोधी आचरण राष्ट्रीय सुरक्षा वैचारिक साम्राज्यवाद साइबर वारफेयर सूचना के साम्राज्यवाद के खिलाफ
राजनीति राजेन्द्र यादव, सलमा और माओवाद June 29, 2013 / July 19, 2013 by राजीव रंजन प्रसाद | 2 Comments on राजेन्द्र यादव, सलमा और माओवाद राजीव रंजन प्रसाद हंस का जुलाई अंक पढा। संपादकीय पढने के बाद लगा कि रिटायरमेंट की एक उम्र तय होनी चाहिये। छोडि़ये, सचिन ही कब रिटायर होना चाहते हैं तो राजेन्द्र यादव की पारी भी जारी रहे। चर्चा पर उतरने से पहले राजेन्द्र यादव के बस्तर विषयक ज्ञान की गहरायी को उनके ही शब्दों में […] Read more » माओवाद राजेन्द्र यादव सलमा
महत्वपूर्ण लेख विविधा राजेन्द्र यादव के हंस-महल में तरुण भटनागर की सेंधमारी September 2, 2012 / September 2, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 5 Comments on राजेन्द्र यादव के हंस-महल में तरुण भटनागर की सेंधमारी राजीव रंजन प्रसाद राजेन्द्र यादव के इस दुस्साहस की सराहना अवश्य करूंगा कि उन्होंने बस्तर के युवा कथाकार तरुण भटनागर के साथ हुए अपने संवादों के पत्र को सम्पादकीय (‘हंस, सितम्बर-2012 अंक’) बनाकर प्रस्तुत किया है। राजेन्द्र यादव बेनकाब हुए हैं और तरुण ने निर्भीक और गैर-समझौतावादी लेखन की अद्वितीय परिभाषा गढी है। पहले चर्चा […] Read more » बस्तर माओवाद राजेन्द्र यादव हंस
राजनीति सिर्फ नक्सल ही समस्या नहीं है August 3, 2012 / August 3, 2012 by शम्स तमन्ना | Leave a Comment शम्स तमन्ना देश के कुछ राज्य ऐसे हैं जिनके बारे में आप आम आदमी से भी पूछिए तो वह किसी मंझे हुए राजनीतिज्ञ की तरह उसका इतिहास, भूगोल और वर्तमान स्थिति बयान कर देगा। हालांकि उसका यह सामान्य ज्ञान मीडिया के तथ्यों पर आधारित होता है। जो मीडिया बताती है आम आदमी उसे ही सच […] Read more » नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद का दुःस्वप्न / विवेकानंद उपाध्याय June 11, 2012 / June 11, 2012 by डॉ. विवेकानंद उपाध्याय | 3 Comments on नक्सलवाद का दुःस्वप्न / विवेकानंद उपाध्याय पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले का एक गांव है नक्सलबाड़ी, जहाँ 25 मई 1967 को चारू मजूमदार और कानू सान्याल के नेतृत्व में एक सशस्त्र आंदोलन शुरू हुआ जिसके बारे में हिंदी कवि धूमिल ने कहा था कि भूख से तनी हुई मुट्ठी का नाम नक्सलबाड़ी है। लेकिन नक्सलवादी गतिविधियों से हम जानते हैं कि […] Read more » नक्सलवाद माओवाद
राजनीति दलितों-आदिवासियों की हत्या कैसा वर्ग-संघर्ष है ? June 7, 2012 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment जयराम विप्लव लाल आतंकवाद ( माओवाद ) समर्थक बताएंगे कि दलितों/ वंचितों /आदिवासियों की हत्या कैसा “वर्ग-संघर्ष” है ? एक दशक पहले हुए दंगों पर हर रोज गला साफ़ करने वाले दिल्ली में जमे कुबुद्धिजीवी लोग माओवादियों द्वारा किये जा रहे सामूहिक नरसंहारों के ऊपर चुप्पी क्यों साधे रहते हैं ? इस तरह की घटनाओं […] Read more » आदिवासी दलित नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सल समस्याः जड़ में हल तलाश कीजिए May 16, 2012 / June 19, 2012 by शम्स तमन्ना | 1 Comment on नक्सल समस्याः जड़ में हल तलाश कीजिए शम्स तमन्ना रामेश्वरी(बदला हुआ नाम) 56 वर्ष, अब अपने घर वापस नहीं चाहती है। हालांकि उसका अपना घर और खेत सब मौजूद है। लेकिन जिस गांव को उसने नक्सलियों के डर से बारह साल पहले छोड़ दिया वहां दुबारा जिंदगी शुरू करना मंजूर नहीं है। नक्सलियों द्वारा अपने पति की हत्या का मंजर वह आज […] Read more » नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद के खिलाफ हमारी मिमियाहटें May 7, 2012 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on नक्सलवाद के खिलाफ हमारी मिमियाहटें कोई भ्रष्ट तंत्र माओवाद से कैसे जीतेगा जंग ? संजय द्विवेदी उड़ीसा और छत्तीसगढ़ की सरकारें दो कलेक्टरों और एक विधायक के अपहरण से सदमे से फिर उबर आई हैं। लेकिन यह सवाल मौजूं है कि आखिर कब तक? उड़ीसा के मलकानगिरी के कलेक्टर से लेकर छत्तीसगढ़ के सुकमा कलेक्टर के अपहरण तक हमने देखा […] Read more » नक्सलवाद माओवाद
समाज माओवाद के विरुद्ध निर्णायक युद्ध का समय March 28, 2012 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद सरकार के विधायक झीना हिकाका को माओवादियों द्वारा बंधक बनाने की घटना ने माओवादियों के बुलंद हौसले और सरकार की कमजोरी को तो उजागर किया ही है, साथ ही राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के मध्य चले आ रहे टकराव को भी सार्वजनिक कर दिया है| इससे पहले दो हफ्ते पूर्व […] Read more » moaists माओवाद माओवाद के विरुद्ध निर्णायक युद्ध
राजनीति माओवादियों को खत्म करना है तो ईसाई चर्च पर लगाम लगाये सरकार January 23, 2012 / January 23, 2012 by गौतम चौधरी | 4 Comments on माओवादियों को खत्म करना है तो ईसाई चर्च पर लगाम लगाये सरकार गौतम चौधरी लाल कुत्ता जो भौंकता है, काटने के लिए दौड़ता, बडा खतरनाक है। मैंने भी मान लिया। कुत्ता कुछ अलग किस्म का है। इसकी रगों में माओ और लेनिन दोनों के खून बह रह है। यह अपने देष का नहीं, विदेशी नस्ल का है, क्योंकि इसके पुंछ कट हुए हैं। ऐसे ही कुछ कुत्तों […] Read more » conversion of religion in India maoism ईसाई चर्च धर्मांतरण माओवाद