लेख शख्सियत देश की आजादी में अग्रणीय भूमिका थी लाला लाजपतराय जी की January 27, 2020 / January 27, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment लाला लाजपतराय जी की १५५ वी जयंती पर– -मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द के प्रमुख शिष्यों में एक नाम लाला लाजपत राय जी का है। लाला लाजपतराय जी ने ऋषि दयानन्द के जीवन व आर्यसमाज पर ग्रन्थों का प्रणयन किया है। लाला जी ने आर्यसमाज से सबंधित अनेक ग्रन्थ लिखे। डी.ए.वी. स्कूल की स्थापना […] Read more » लाला लाजपतराय
प्रवक्ता न्यूज़ “हिन्दू जाति के सच्चे रक्षक व उद्धारक महर्षि दयानन्द सरस्वती और आर्यसमाज” November 28, 2018 / November 28, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महर्षि दयानन्द एक पौराणिक पिता व परिवार में गुजरात प्रान्त के मौरवी जनपद के टंकारा नाम ग्राम में 12 फरवरी, सन् 1825 को जन्में थे। उनके पिता शिव भक्त थे। उनके परिवार के सभी सदस्य भी पौराणिक आस्थाओं में विश्वास रखने वाले जन्मना ब्राह्मण थे। स्वामी दयानन्द का बचपन का नाम मूल […] Read more » आचार्य डॉ. रामनाथ वेदालंकार पं. गंगा प्रसाद उपाध्याय पं. गणपति शर्मा पं. ब्रह्मदत्त जिज्ञासु पं. भगवद्दत्त जी पं. युधिष्ठिर मीमांसक भाई परमानन्द महर्षि दयानन्द सरस्वती महात्मा आनन्द स्वामी महाशय राजपाल रामप्रसाद बिस्मिल लाला लाजपतराय स्वामी अमर स्वामी स्वामी विद्यानन्द सरस्वती
धर्म-अध्यात्म समाज “राजा महेन्द्र प्रताप के देश की आजादी में बलिदान के कुछ विस्मृत प्रसंग” August 28, 2018 / August 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, देश को आजाद कराने में अनेक देशभक्त वीरों ने अपना जीवन बलिदान किया है। इन बलिदानी वीरों के परिवारों ने भी किसी से कोई कम बलिदान नहीं किये हैं। उनकी ओर प्रायः किसी का ध्यान ही नहीं जाता। प्रस्तुत लेख में राजा महेन्द्र प्रताप जी व उनकी धर्मपत्नी के बीच संवाद से […] Read more » feartured ऊधम सिंह आदि देशभक्तों चन्द्रशेखर आजाद भगत सिंह मदन लाल ढ़ीगरा राम प्रसाद बिस्मिल लाला लाजपतराय लाला हरदयाल सुभाष चन्द्र बोस सहित वीर सावरकर
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज धामावाला देहरादून का का सत्संग- ‘जो मनुष्य स्वराज्य की अर्चना करेगा वह कभी बुरा काम नहीं करेगाः आचार्य सत्यदेव निगमालंकार’ August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज धामावाला, देहरादून ऋषि दयानन्द द्वारा सन् 1879 में स्थापित आर्यसमाज है। ऋषि ने यहां विश्व की सबसे पहली शुद्धि की थी जिसमें जन्म से मुस्लिम बन्धु श्री मोहम्मद उमर को उनकी इच्छा से परिवार सहित ‘वैदिक धर्मी आर्य’ बनाया था। उनका नाम भी बदल कर अलखधारी किया था। यह व्यक्ति अपने […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी ऋषि दयानन्द केरल देवयज्ञ अग्निहोत्र पं. गुरुदत्त विद्यार्थी पं. राम प्रसाद बिस्मिल और अशफाक उल्ला खां पं. रामप्रसाद बिस्मिल बंगाल लाला लाजपतराय स्वामी श्रद्धानन्द
धर्म-अध्यात्म समाज “पराधीन भारत में अंग्रेजों की आर्यसमाजियों पर क्रूर दृष्टि के कुछ उदाहरण” August 10, 2018 / August 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, पराधीन भारत में अंग्रेज पादरियों और अधिकारियों की आर्यसमाज के अनुयायियों पर कू्रर दण्डात्मक दृष्टि थी। इसके लगभग 24 उदाहरण आर्यसमाज के विद्वान आचार्य पं. सत्यप्रिय शास्त्री, प्राचार्य, दयानन्द ब्राह्म महाविद्यालय, हिसार ने अपनी पुस्तक ‘भारतीय स्वातन्त्र्य संगाम में आर्यसमाज का योगदान’ में दिये हैं। वह पुस्तक के छठे अध्याय में […] Read more » ‘भारतीय स्वातन्त्र्य संगाम Featured आर्यसमाज भाई परमानन्द सहित पं. राम प्रसाद बिस्मिल लाला लाजपतराय शहीद भगत सिंह स्वामी श्रद्धानन्द
राजनीति आर्यसमाज जगे तो देश उठे February 6, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment पिछले दो दिन मैंने हैदराबाद में बिताए। मैं सोचता रहा कि निजाम के विरुद्ध आर्यसमाज ने जबर्दस्त आंदोलन न छेड़ा होता तो क्या आज हैदराबाद भारत का हिस्सा होता? हैदराबाद तो क्या, भारत की आजादी और एकता में जो योगदान महर्षि दयानंद और आर्यसमाज का था, उसके आगे सिर्फ गांधी ही टिक सकती है। कांग्रेस […] Read more » आर्यसमाज भगतसिंह और रामप्रसाद बिस्मिल महर्षि दयानंद महर्षि दयानंद के सपनों का भारत लाला लाजपतराय सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा स्वामी श्रद्धानंद
विविधा शख्सियत लाला लाजपतराय बलिदान दिवस-17 नवम्बर November 16, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। Read more » Featured लाला लाजपतराय लाला लाजपतराय बलिदान दिवस