राजनीति उपचुनाव में एक बार फिर मतदाता मुखर हुआ June 1, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग भारत के लोकतन्त्र की सबसे बड़ी विशेषता यह रही है कि चुनाव के समय मतदाता ही बादशाह होता है। इस समय राजनेताओं के भाग्य का फैसला करने का अधिकार उसी को होता है। हमने यह बात सत्तर वर्षीय लोकतंत्र के जीवन में एक बार नहीं, बल्कि अनेक बार देखी है। जब-जब इन मतदाताओं […] Read more » Featured उपचुनाव में एक बार फिर छत्तीसगढ़ और राजस्थान जोकीहाट उपचुनाव प. बंगाल में ममता भारत मतदाता मुखर हुआ मध्य प्रदेश मीठी गूंज लोकतन्त्र
राजनीति जय मूर्छित लोकतन्त्र की!! January 21, 2015 / January 21, 2015 by एडवोकेट मनीराम शर्मा | Leave a Comment लालू यादव के परिजनों ने सुप्रीम कोर्ट में 1 मार्च 2007 को रिव्यु याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट द्वारा केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को राज्य सरकार की सहमति के बिना जांच का आदेश देने को क्षेत्राधिकार से बाहर बताया और कहा कि यह राजनीति से प्रेरित है | याचिका पर न्यायाधिपतिगण कबीर और दत्तु ने सुनवाई […] Read more » लोकतन्त्र
व्यंग्य अनावरण एक(गांधी) मूर्ति का (एक व्यंग्य) October 4, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment नेता जी ने अपनी गांधी-टोपी सीधी की।रह रह कर टेढी़ हो जाया करती है। विशेषत: जब वह सत्ता सुख से वंचित रहते हैं।धकियाये जाने के बाद टेढी़ ,मैली-कुचैली हो जाती है।समय-समय पर सीधी रखना एक बाध्यता हो जाती है,अन्यथा विरोधी दल ’टोपी-कोण" पर ही हंगामा शुरू कर सकते हैं Read more » Mahatma Gandhi अनावरण गांधी नेता लोकतन्त्र
राजनीति मतदाता और राजनेताओं के मध्य लोकतन्त्र April 27, 2009 / December 27, 2011 by डा. कुमारेन्द्र सिंह सेंगर | Leave a Comment राजनीति का पहला सबक या कहें कि लोकतन्त्र की पहली परिभाषा यह कि ‘‘जनता का शासन, जनता के लिए, जनता के द्वारा'' का कोई सैद्धान्तिक प्रभाव नहीं रह गया है। हो सकता है कि.. Read more » Democracy लोकतन्त्र