राजनीति जातिगत जनगणना का सियासी खेल September 8, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव स्वतंत्र भारत में पहली बार 2021 में होने वाली जनगणना में विभिन्न पिछड़ी जातियों के जातिवार आंकड़ें एकत्रित किए जाएंगे। इसके पहले 1931 में जातिगत जनगणना ब्रिटिश शासन में की गई थी। इसी आधार पर मंडल आयोग की सिफारिशों पर तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह सरकार ने संविधान में संशोधन कर 1989 में पिछड़ी […] Read more » भगवान महावीर राजा राममोहन राय विवेकानंद संत ज्योतिबा फुले डाॅ. आम्बेडकर संत रैदास स्वामी दयानंद सरस्वती
शख्सियत समाज स्वामी विवेकानंद: भारतीय संस्कृति के वैश्विक उद्घोषक January 11, 2018 / January 11, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात कर लिया था यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होनें कहा था कि – “यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णतः पढ़ लीजिये”. नोबेल से सम्मानित फ्रांसीसी लेखक रोमां रोलां ने स्वामी जी के […] Read more » Featured Global Announcer of Indian Culture Indian Culture Swami Vivekananda भारतीय संस्कृति विवेकानंद वैश्विक उद्घोषक स्वामी विवेकानंद
समाज युवा पीढ़ी संभल करके विवेकानंद हो जाए January 11, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment युगपुरुष, वेदांत दर्शन के पुरोधा, मातृभूमि के उपासक, विरले कर्मयोगी, दरिद्र नारायण मानव सेवक, तूफानी हिन्दू साधु, करोड़ों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत व प्रेरणापुंज स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता आधुनिक नाम कोलकता में पिता विश्वनाथ दत्त और माता भुवनेश्वरी देवी के घर हुआ था। दरअसल यह वो समय था जब यूरोपीय देशों […] Read more » विवेकानंद
धर्म-अध्यात्म भारत के लिए मानव संस्कृति का विकास बहुत जरुरी है-विवेकानंद July 3, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment स्वामी विवेकानंद(जन्म: 12 जनवरी,1863 – मृत्यु: 4 जुलाई,1902) शैलेन्द्र चौहान “जो सत्य है, उसे साहसपूर्वक निर्भीक होकर लोगों से कहो। उससे किसी को कष्ट होता है या नहीं, इस ओर ध्यान मत दो। दुर्बलता को कभी प्रश्रय मत दो।’ जो बातों का बादशाह नही, बल्कि उसे करके दिखाता है। वही प्रेरक इतिहास रचता है।“ विवेकानन्द […] Read more » मानव संस्कृति का विकास विवेकानंद
परिचर्चा हरि व्यापक सर्वत्र समाना, प्रेम ते प्रकट होहिं मैं जाना June 24, 2015 / June 24, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 2 Comments on हरि व्यापक सर्वत्र समाना, प्रेम ते प्रकट होहिं मैं जाना -संतोष कुमार त्रिपाठी- मैं विवेकानंद का पुनर्जन्म और इस जन्म में कल्कि अवतार हूँ। नोस्त्रेदामस की भविष्यवाणियों का चंद्रमा नामक भारतीय और एंटी क्राइस्ट भी मै हूँ। अमेरिकन महिला भविष्यवक्ता जीन डिक्सन द्वारा बोला गया गांधी जन्म भी मै हूँ। यह बात मैं वर्ष 1997 से ही , जब मै आईआईटी दिल्ली से यम […] Read more » Featured नरेंद्र मोदी प्रेम ते प्रकट होहिं मैं जाना विवेकानंद हरि व्यापक सर्वत्र समाना
राजनीति कम्युनिस्टों के नए ब्रांड एंबेसडर:विवेकानंद June 14, 2012 / June 14, 2012 by राजीव पाठक | 8 Comments on कम्युनिस्टों के नए ब्रांड एंबेसडर:विवेकानंद वैचारिक अस्पृश्यता ने दुनिया को सैकड़ों छोटे बड़े युद्ध की ज्वाला में जलाया है | सरहदों की लकीरें भी इस वैचारिक अस्पृश्यता की गवाही देती है | आज भी सामाजिक अस्पृश्यता से ज्यादा खतरनाक है तथाकथित बुद्धिजीवियों का वाद राग और उससे उपजते वैचारिक छुआ-छूत से समाज के सर्वांगीण विकास में रूकावट आना | ऐसे […] Read more » कम्युनिस्टों के नए ब्रांड एंबेसडर विवेकानंद वैचारिक अस्पृश्यता