धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-49 April 21, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -बिपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण अपने सभी बन्धु-बान्धवों और अनुचरों के साथ मथुरा आए थे। अपने साथ प्रचूर मात्रा में खाद्य-सामग्री भी लाना नहीं भूले थे। शिविर में पहुंचते ही अनुचर सेवा में तत्पर हो गए। उन्होंने दोनों भ्राताओं के पांव पखारे और उत्तम आसन दिए। दाउ के साथ अगले दिन के कार्यक्रम पर विस्तार से […] Read more » Featured कृष्ण यशोदानंदन-49 श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४८ April 20, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण ने मुस्कुरा कर अपनी सहमति दे दी। सुदामा ने भांति-भांति के पुष्पों से दो अति सुन्दर मालायें बनाईं और श्रीकृष्ण-बलराम को अपने हाथों से सजाया। उसके घर में जितने पुष्प थे, उसने सबका उपयोग कर ग्वालबालों को पुष्प-हार पहनाये। दोनों भ्राता अत्यन्त प्रसन्न हुए। सुदामा ने प्रभु के चरणों में अविचल […] Read more » Featured कृष्णा गीता यशोदानंदन-४८ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४० April 11, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अपनी अद्भुत लीला समाप्त कर श्रीकृष्ण ने व्रज लौटने का निश्चय किया। व्रज में श्रीकृष्ण की अनुपस्थिति से प्रोत्साहित अरिष्टासुर ने व्रज को तहस-नहस करने के उद्देश्य से व्रज में प्रवेश किया। उसने वृषभ का रूप धारण कर रखा था। उसके कंधे के पुट्ठे तथा डील-डौल असामान्य रूप से विशाल थे। उसके खुरों के पटकने […] Read more » Featured बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन-४० श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-२९ March 21, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment श्रीकृष्ण जैसे-जैसे बड़े हो रहे थे, उनके सम्मोहन में गोप-गोपियां, ग्वाल-बाल, पशु-पक्षी, नदी-नाले, पहाड़ी-पर्वत, पेड़-पौधे, वन-उपवन – सभी एक साथ बंधते जा रहे थे। उन्होंने अब छठे वर्ष में प्रवेश कर लिया था। उनकी सुरक्षा के लिए चिन्तित माता-पिता अब अपेक्षाकृत अधिक विश्वास से भर गए थे। अपने बाल्यकाल में ही उन्होंने पूतना से लेकर […] Read more » यशोदानंदन यशोदानंदन-२९ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म संसार के मार्गदर्शक हैं श्रीकृष्ण August 19, 2014 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment -अरविंद जयतिलक- परम सत्य वह है जिससे प्रत्येक वस्तु अद्भुत है। श्रीकृष्ण साक्षात परब्रह्म हैं। ईश्वर हैं। समस्त पदार्थों के बीज हैं। नित्यों के नित्य और जगत के नियंता हैं। शास्त्रों में ब्रह्म को निर्विशेष कहा गया है। श्रीकृष्ण साकार हैं। श्रीकृष्ण ध्वंस और निर्माण, क्रोध और करुणा, पार्थिकता और आध्यामिकता, सगुण और निर्गुण, राजनीति, […] Read more » कृष्णा भागवान कृष्ण श्रीकृष्ण संसार के मार्गदर्शक हैं श्रीकृष्ण
महत्वपूर्ण लेख यत्र योगेश्वरः कृष्णो… August 8, 2014 by बी एन गोयल | Leave a Comment -बीएन गोयल- -श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष- (अभी कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एआर दवे ने एक सम्बोधन में कहा, यदि वे तानाशाह होते तो बच्चों के लिए पहली कक्षा से गीता का पढ़ना-पढ़ानाअनिवार्य कर दे। इस वक्तव्य के पीछे श्री दवे की समाज और देश के कल्याण के प्रति आंतरिक पीड़ा झलकती है।गीता के नाम के साथ […] Read more » कृष्ण यत्र योगेश्वरः कृष्णो श्रीकृष्ण