कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण की चमक August 26, 2021 by ललित गर्ग | Leave a Comment जन्माष्टमी – 30 अगस्त, 2021 पर विशेष -ललित गर्ग – श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत नायक हैं। उनका जन्मोत्सव मानवजाति में उल्लास-उमंग को संचार करने के साथ नवीन मानवता के अभ्युदय का प्रतीक है, क्योंकि उन्होंने मनुष्य जाति को नया जीवन-दर्शन दिया। जीने की शैली सिखलाई। उनकी जीवन-कथा चमत्कारों से भरी है, लेकिन वे […] Read more » Janmashtami janmashtami 30 august 2021 krishnashtami Shri Krishna's shine in the vast sky of spirituality जन्माष्टमी - 30 अगस्त श्रीकृष्ण
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार राजनीति के आदर्श-प्रतिमान : श्रीकृष्ण August 10, 2020 / August 10, 2020 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment ‘महाभारत’ के ‘सभापर्व’ में राजनीतिक व्यक्ति (राजा) में छः गुण ( व्याख्यान शक्ति, प्रगल्भता, तर्ककुशलता, नीतिगत निपुणता, अतीत की स्मृति और भविष्य के प्रति दृष्टि अर्थात दूरदर्शिता) आवश्यक माने गए हैं। जो राजा इन छः गुणों से युक्त होता है, उसकी राजनीति ही सुफलवती बनती है। महाभारतकालीन राजनीति में राजनीति की उपर्युक्त समस्त अर्हताएं श्रीकृष्ण […] Read more » Model of politics Shri Krishna राजनीति के आदर्श-प्रतिमान श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण
लेख विश्ववार्ता जब संपूर्ण जंबूद्वीप अर्थात यूरोप और एशिया के महानायक के रूप में पूजे जाते थे श्रीकृष्ण April 15, 2020 / April 15, 2020 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment यूनान देश के यवना लोगों का हिरैक्लीज’ नाम का एक देवता रहा है। जिसकी वह लंबे समय से पूजा करते रहे हैं । कौन था यह हिरैक्लीज ? यदि इस पर विचार किया जाए तो पता चलता है कि इस नाम का देवता विश्व के सबसे अधिक बलशाली व ज्ञान सम्पन्न श्रीकृष्ण जी ही थे।इस […] Read more » यूरोप और एशिया के महानायक यूरोप और एशिया के महानायक श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म “श्रीकृष्ण के चरित्र को दूषित करने वाली भागवत पुराण की मिथ्या बातों को न मानें : आचार्य हरिशंकर अग्निहोत्री” September 10, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज हिण्डोन सिटी में रविवार 2 सितम्बर, 2018 को श्री कृष्ण-जन्माष्टमी पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर प्रातः चार दम्पत्तियों को यजुर्वेद पारायण यज्ञ के समापन दिवस पर यज्ञ का यजमान बनाया गया। इन यजमान दम्पत्तियों के पुंसवन संस्कार भी सम्पन्न किये गये। यज्ञ की पूर्णाहुति के बाद यज्ञ प्रार्थना […] Read more » आचार्य हरिशंकर भागवत पुराण महर्षि दयानन्द जी श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म श्रीकृष्ण परमात्मा के अवतार नहीं वरन महान योगी थे July 8, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on श्रीकृष्ण परमात्मा के अवतार नहीं वरन महान योगी थे अशोक “प्रवृद्ध” यह सर्वमान्य तथ्य है कि श्रीमद्भगवद्गीता का पूर्ण कथन उपनिषदादि ग्रंथों पर आधारित है। स्वयं श्रीकृष्ण ने श्रीमद्भगवद्गीता के तेरहवें अध्याय के चौथे श्लोक में यह स्वीकार किया है कि जो कुछ भी इस प्रवचन में कहा गया है, वही वेदों में, ऋषियों ने बहुत प्रकार से गान किया है और ब्रह्मसूत्रों में […] Read more » महान योगी श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण परमात्मा के अवतार
धर्म-अध्यात्म अहम् की लड़ाई और जीवन पुष्प May 12, 2015 / May 12, 2015 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment -राकेश कुमार आर्य- जब महाभारत युद्ध समाप्त हो गया तो पांचों पाण्डव और श्रीकृष्ण जी माता गांधारी के पास गये। जिन्होंने अपने पुत्रों के लिए करूणाजनक शब्दों में विलाप किया उसके विलाप को देखकर युधिष्ठिर का हृदय द्रवीभूत हो उठा। उन्होंने माता गांधारी के सामने बैठकर कहा-‘‘देवी! आपके पुत्रों का संहार करने वाला क्रूरकर्मा युधिष्ठिर […] Read more » Featured अहम् की लड़ाई और जीवन पुष्प पांडव महाभारत श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५८ April 30, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- “राधा!” उद्धव के कंठ से अस्फुट स्वर निकला। “कौन, उद्धव?” राधा का प्रतिप्रश्न उद्धव जी ने सुना। गोपियों से बात करते-करते, उन्हें समझाते-बुझाते सूरज कब पश्चिम के क्षितिज पर पहुंच गया उद्धव जी को पता ही नहीं चला। राधा ने उद्धव जी के पास आने की आहट भी नहीं सुनी। उद्धव जी […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५८ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५७ April 29, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment – विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण का लिखित संदेश उद्धव जी लेकर आये थे। उसे पाने के लिए सभी गोपियां अत्यन्त उद्विग्न थीं। किसी एक को लिखित संदेश देने पर छीनाझपटी की प्रबल संभावना देख उद्धव जी ने गोपियों के समक्ष संदेश पढ़ना ही उचित समझा। उन्हें आश्वस्त किया कि वे भगवान के शब्दों का ही […] Read more » Featured कृष्ण गोपी यशोदा यशोदानंदन-५७ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५६ April 28, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- उद्धव ने प्रत्यक्ष देखा कि श्रीकृष्ण के स्नेहपाश में बंधे नन्द बाबा और मातु यशोदा अपने पुत्र के असामान्य कार्यों का वर्णन करते-करते अत्यन्त व्याकुल हो गए और कुछ न बोल सके। दोनों का एक-एक पल श्रीकृष्ण के चिन्तन को समर्पित था। उनके अगाध वात्सल्य, प्रेम और स्नेह से उद्धव भी अभिभूत […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५६ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५३ April 25, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- श्रीकृष्ण ने एक संक्षिप्त उत्तर दिया और उसके बलिष्ठ हाथों को ऐसा जोरदार झटका दिया कि वह सीढ़ियों से लुढ़कता हुआ सीधे धरती पर पीठ के बल जा गिरा। उसका स्वर्ण-मुकुट ठन-ठन आवाज करता हुआ लुढ़कते-लुढ़कते जनसमूह में विलीन हो गया। उसके रूखे घने केश अस्त-व्यस्त होकर बिखर गए। बड़े-बड़े और शक्तिशाली […] Read more » Featured कृष्ण गीता गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५३ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म विविधा यशोदानंदन-५१ April 23, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- “हे नन्दलाल! हे श्रीकृष्ण-बलराम! तुम दोनों आदरणीय वीर हो। हमें महाराज द्वारा ज्ञात हुआ है कि तुम दोनों मल्ल-उद्ध में निपुण हो। तुम्हारा कौशल देखने के लिए ही तुम्हें यहां आमंत्रित किया गया है। नीति वचन है कि जो प्रजा मन, वचन और कर्म से राजा का प्रिय कार्य करती है, उसका […] Read more » Featured कृष्ण गोपियां यशोदा यशोदानंदन-५१ श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-५० April 22, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment -विपिन किशोर सिन्हा- ढोल-नगाड़ों की ध्वनि मथुरा नगर के बाहर भी पहुंच रही थी। स्नानादि प्रातःकर्मों से निवृत्त होने के पश्चात् श्रीकृष्ण तथा बलराम ने मल्लयुद्ध की रंगभूमि से आ रही नगाड़ों की ध्वनि सुनी। शीघ्र ही तैयार होकर उन्होंने रंगभूमि की ओर प्रस्थान किया। रंगभूमि के विशाल द्वार पर एक विशालकाय हाथी ने भयंकर […] Read more » Featured कृष्ण गोकुल यशोदानंदन-५० श्रीकृष्ण