राजनीति मप्र: सत्ता ही ब्रह्म है March 7, 2020 / March 7, 2020 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक मध्यप्रदेश में सरकार बने सवा साल ही हुआ है लेकिन उसकी अस्थिरता की चर्चा जोरों से चल पड़ी है। कांग्रेस और भाजपा दो सबसे बड़ी पार्टियां हैं, मप्र में लेकिन दोनों को विधानसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला। कांग्रेस को सीटें ज्यादा मिल गई लेकिन सत्तारुढ़ भाजपा को वोट ज्यादा मिले। कांग्रेस […] Read more » मप्र सत्ता सत्ता ही ब्रह्म है
राजनीति 2019 के चुनाव की दस्तक सुनें July 23, 2018 / July 23, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की ओर से चार साल में पहली बार पेश अविश्वास प्रस्ताव बड़े अंतर से गिर जाना हो या विपक्षी एकता में रह-रह कर दरार के संकेत मिलना, मोदी -शाह की जोड़ी के प्रति आमजनता में बढ़ रहा असंतोष एवं अविश्वास हो या राजनीतिक दलों की नीति एवं […] Read more » 2019 के चुनाव की दस्तक सुनें Featured कानून जाति दण्ड धर्म नरेन्द्र मोदी सरकार भाषा और प्रांत मंदिर मस्जिद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्यवस्था शक्ति सत्ता संप्रदाय
समाज आओ एक नयी दुनिया बसाये July 5, 2018 / July 5, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग आज का मनुष्य भूलभूलैया में फंसा हुआ है। यदि देखा जाये तो संसार का विस्तार यानी सुविधावादी और भौतिकवादी जीवनशैली एक प्रकार की भूलभूलैया ही है। भोग के रास्ते चारों ओर खुले हुए हैं। धन, सत्ता, यश और भोग – इन सबका जाल बिछा है और यह जान इतना मजबूत है कि एक […] Read more » Featured अकर्तव्य आओ एक नयी दुनिया बसाये धन पवित्रता-अपवित्रता यश और भोग सत्ता सार-असार
समाज आओ . आंदोलन – आंदोलन खेलें.!! April 24, 2018 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा आपका सोचना लाजिमी है कि भला आंदोलन से खेल का क्या वास्ता। देश ही नहीं बल्कि दुनिया में जनांदोलनों ने बड़े बड़े तानाशाहों को धूल में मिला दिया। लेकिन जब आंदोलन भी खेल भावना से किया जाने लगे तो ऐसी कुढ़न स्वाभाविक ही कही जा सकती है। दरअसल मेरे गृहराज्य में कुछ […] Read more » Featured आंदोलन मंजिल मुख्यमंत्री और सांसद लोकतांत्रिक राष्ट्र सड़क हादसों सत्ता
राजनीति चाचा-भतीजे में पार्टी और सत्ता के वर्चस्व की जंग October 27, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment पिछले कई दिनों से उत्तर प्रदेश सूबे के सबसे बडे राजनैतिक परिवार में सत्ता घमासान चल रहा है। लगातार कई दिनों से मीटिंग पर मीटिंग हो रही हैं फिर भी अब तक कोई हल नहीं निकल पाया है। झगडा यादव कुनबे का है इसलिए पार्टी का कोई भी सदस्य खुलकर नहीं बोल रहा है। जो […] Read more » Featured unquiet in samajwadi party चाचा-भतीजे सत्ता सत्ता के वर्चस्व की जंग
राजनीति न विचार न सिद्धांत: केवल सत्ता महान? October 24, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment हालांकि हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेताओं को इस बात की आज़ादी है कि वे अपनी सुविधा अथवा राजनैतिक नफे-नुकसान के मद्देनज़र जब चाहें तब दल-बदल कर सकते हैं। परंतु जब देश में सिद्धांत आधारित राजनैतिक संगठन मौजूद हों और इन संगठनों से जुड़े लोग मात्र सत्ता के लोभ में दल-बदल करते दिखाई दें तो यह प्रश्र उठना स्वाभाविक है कि कल तक अपनी धर्मनिरपेक्षता की डुगडुगी बजाने वाला नेता आज आिखर उस दल में कैसे शामिल हो गया जिसे वही नेता स्वयं सांप्रदायिकतावादी संगठन कह कर संबोधित करता था? Read more » Featured न विचार न सिद्धांत सत्ता
विविधा सत्ता मनमानी करे, दुखी प्रजाजन रोय! तो कुर्सी भी इंद्र की, डगमग-डगमग होय। June 11, 2014 by श्रीराम तिवारी | 3 Comments on सत्ता मनमानी करे, दुखी प्रजाजन रोय! तो कुर्सी भी इंद्र की, डगमग-डगमग होय। -श्रीराम तिवारी- इससे पहले कि ‘हम भारत के जन-गण’- इस चुनावी जीत के आकर्षक- वोटलुभावन नारों के ३५ पेजीय पुलन्दे को ठीक से पढ़ सकें जो कि भाजपा द्वारा सम्पादित, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रचित, महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी महोदय द्वारा संसद के ‘संयुक्त अधिवेशन में’ रखा गया। उनके द्वारा अंग्रेजी में पठित तथा महामहिम […] Read more » दुखी प्रजा सत्ता सत्ता कुर्सी सत्ता मनमानी
चुनाव राजनीति सत्ता चाहिए? औरंगजेब बनना पड़ेगा April 26, 2014 by गुलशन कुमार गुप्ता | Leave a Comment -गुलशन कुमार गुप्ता- ‘अ’ से अन्ना, ‘अ’ से औरंगजेब। चूंकि दोनों की राशि एक है शायद, इसलिए गांधी जी के सिद्धांतों पर चलने वाले अन्ना और मुहम्मद की नसीहतों को मानने वाले औरंगजेब के कारनामों में आज कुछ समानता प्रतीत हो रही है, हालांकि उद्देश्य में भिन्नता है। ऐसा नहीं है कि भारत में आन्दोलानों […] Read more » politics राजनीति सत्ता सत्ता की राजनीति
मीडिया मीडिया, सत्ता और जन अपेक्षाएं June 26, 2012 by डॉ. धनाकर ठाकुर | 2 Comments on मीडिया, सत्ता और जन अपेक्षाएं डॉ. धनाकर ठाकुर मुजफ्फरपुर, जिसे मैं २.१०.२००४ को यहाँ पारित बारहवें अंतर्राष्ट्रीय मैथिली सम्मलेन के एक प्रस्ताव के अनुसार खुदीरामपुर कहना पसंद करता हूँ, के प्रेस क्लब में आज अल्पायु में ट्रेन दुर्घटना में दिवंगत विनय तरुण(20.8.1980-22.6.2010) की स्मृति में उसके मित्र अखलाख अवं अन्य के द्वारा आयोजित इस गोष्ठी में सभाध्यक्ष एवं वरिष्ठ वक्ताओं […] Read more » जन अपेक्षा मीडिया सत्ता
आर्थिकी सत्ता बुनती है गरीबी का मकड़जाल July 15, 2011 / December 8, 2011 by सचिन कुमार जैन | 3 Comments on सत्ता बुनती है गरीबी का मकड़जाल सचिन कुमार जैन सरकार ने गरीबों का बलिदान अभियान शुरू किया है| इसे गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान का सर्वेक्षण के नाम से जाना जाता है| इस सर्वे का मकसद गरीबों की पहचान करना नहीं बल्कि उन्हें उनके संवैधानिक हकों से वंचित करना है| पूरे देश में अगले 10 महीनों […] Read more » poverty गरीबी मकड़जाल सत्ता
राजनीति क्या ममता को सत्ता में बिठाने के लिए पूर्लिया में हथियार गिरवाए थे? May 2, 2011 / December 13, 2011 by श्रीराम तिवारी | Leave a Comment किशोरावस्था में ही कहीं किसी से सुना था कि हरएक नवाचार या क्रांति का सूरज पहले पूर्व में यानि कि बंगाल मेंही उदित होता है,बाद में सारा भारत उस नव प्रभात कि रश्मियों से आप्लावित होता जाता है. जिज्ञासा वश तत्कालीन उपलब्ध साहित्य में सेबंगाल के अधिकांश प्रभृति विभुतिजनों के हिंदी अनुवादों को आद्द्योपंत पढने […] Read more » Mamta Benaji क्या पूर्लिया ममता सत्ता हथियार