लेख हिन्दी का किसी क्षेत्रीय भाषा से कोई संघर्ष नहीं है June 27, 2025 / June 27, 2025 by सुनील कुमार महला | Leave a Comment भारत विश्व का एक ऐसा देश है, जहां भाषाओं की विविधता पाई जाती है। यहां अलग-अलग समूहों द्वारा अनेक भाषाएं बोली,पढ़ी,लिखी व समझी जाती हैं, लेकिन भारत के संविधान में हिंदी को भारत की राजभाषा ( यानी कि आफिशियल लैंग्वेज) का दर्जा प्राप्त है। गौरतलब है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 343 (1) के […] Read more » हिन्दी
लेख हिंदी दिवस विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि ‘हिन्दी’ September 13, 2023 / September 13, 2023 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment · डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल‘ मानक बदल रहे हैं, इमारतों का क़द बढ़ रहा है, सीमाएँ विस्तारित हो रही हैं, आदमी चाँद पर जा रहा है, भारत चाँद के दक्षिण ध्रुव पर पहुँच रहा है, विश्व की प्रगति इतरा रही है, जनसंख्या बढ़ रही है, भाषाओं का फ़लक बदल रहा है, इन सबके बावजूद किसी भाषा के विस्तारित होते […] Read more » विश्व बाज़ार में भारत की प्रतिनिधि हिन्दी
लेख हिंदी दिवस हिन्दी आख़िर क्यों ? August 24, 2021 / August 24, 2021 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment संवाद की समरूपता में निहित है राष्ट्र की प्रगति § डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भाषा किसी दो सजीव में संवाद स्थापित करने का माध्यम है। जीव-जन्तु, पशु-पक्षियों और मनुष्य के अस्तित्व से ही संवाद का आरम्भ माना जाता है। प्रत्येक सजीव अपनी प्रजाति से किसी ने किसी भाषा में संवाद करते हैं। कोयल की कुहुक […] Read more » why hindi is important Why in Hindi? हिन्दी
कविता हिन्दी करती सबकी शुभकामना December 1, 2020 / December 1, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —विनय कुमार विनायकछोड़ो अंग्रेजी की बातें करनाजरा याद करो वी ओ चिदंबरम पिल्लई कोदेशी जल जहाज चलानेवाले‘कप्पलोट्टिय तमिलन’ देशभक्त थेअंग्रेजों ने कोल्हू का बैल बना पीड़ित कियाछोड़ो अंग्रेजी में काम करनादेशी शेर के लहू का अपमान सहोगे कबतक?छोड़ो भिंगी बिल्ली बननाअपनी मांद से निकलो तो, करो सिंह गर्जना,हिन्दी को समझो अपना! ऐ वीरशैव लिंगायत कर्नाटक […] Read more » poem on hindi अल्लुरी सीताराम राजू कोयपल्ली केलप्पन नय्यर रानी किट्टूर चेन्नमा वी ओ चिदंबरम पिल्लई हिन्दी
लेख हिंदी दिवस हिन्दी को भी चाहिए संक्रमण से मुक्ति September 14, 2020 / September 14, 2020 by विनोद बंसल | Leave a Comment -विनोद बंसल हिन्दी है माथे की बिंदी, इसका मान बढ़ाएंगे.हम सब भारतवासी मिलकर इसे समृद्ध बनाएंगे.. Read more » Hindi also needs freedom from infection हिन्दी हिन्दी को भी चाहिए संक्रमण से मुक्ति
हिंदी दिवस भारत के हृदय की भाषा है हिन्दी September 13, 2020 / September 13, 2020 by डॉ. वंदना सेन | Leave a Comment डॉ. वंदना सेन यह सर्वकालिक सत्य है कि कोई भी देश अपनी भाषा में ही अपने मूल स्वत्व को प्रकट कर सकता है। निज भाषा देश की उन्नति का मूल होता है। निज भाषा को नकारना अपनी संस्कृति को विस्मरण करना है। जिसे अपनी भाषा पर गौरव का बोध नहीं होता, वह निश्चित ही अपनी […] Read more » हिन्दी
विविधा अंतर्राज्यीय भाषा समन्वय से भारत में स्थापित होगी हिन्दी March 16, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ विविधताओं में एकता की परिभाषा से अलंकृत राष्ट्र यदि कोई हैं तो भारत के सिवा दूसरा नहीं | यक़ीनन इस बात में उतना ही दम हैं जितना भारत के विश्वगुरु होने के तथ्य को स्वीकार करने में हैं | भारत संस्कृतिप्रधान और विभिन्न जाति, धर्मों, भाषाओं, परिवेश व बोलियों को साथ […] Read more » Featured India Inter-State Language Coordination अंतर्राज्यीय भाषा समन्वय भारत भारत में स्थापित होगी हिन्दी हिन्दी
लेख हिंदी दिवस आर्यसमाज विश्व की प्रथम धार्मिक सामाजिक संस्था जिसने हिन्दी को धर्मभाषा के रूप में अपनाकर वेदों का प्रचार किया September 15, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment आज हिन्दी दिवस पर- मनमोहन कुमार आर्य आर्य समाज की स्थापना गुजरात में जन्में स्वामी दयानन्द सरस्वती जी ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई नगरी में की थी। आर्यसमाज क्या है? यह एक धार्मिक एवं सामाजिक संस्था है जिसका उद्देश्य धर्म, समाज व राजनीति के क्षेत्र से असत्य को दूर करना व उसके स्थान […] Read more » धर्मभाषा हिन्दी
लेख हिंदी दिवस शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी September 13, 2017 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी प्रमोद भार्गव वर्तमान वैष्विक परिदृष्य में हिन्दी अनेक विरोधाभासी स्थितियों से जूझ रही है। एक तरफ उसने अपनी ग्राह्यता तथा तकनीकी श्रेष्ठता सिद्ध करके वैष्विक विस्तार पाया है और वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा बन गई है। इसीलिए यह जनसंपर्क और बाजार की उपयोगी भाषा बनी हुई है। […] Read more » Featured शैक्षिक परिदृष्य में विस्थापित होती हिन्दी
विविधा स्वार्थ के लिए भोजपुरी और हिन्दी-दोनों को कमजोर करने का कुचक्र December 5, 2016 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on स्वार्थ के लिए भोजपुरी और हिन्दी-दोनों को कमजोर करने का कुचक्र डॉ. अमरनाथ हिन्दी आज टूटने के कगार पर है. भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग तेज हो गई है. भोजपुरी क्षेत्र के दो सांसदों ने संसद में फिर से यह माँग की है. पिछले 8अगस्त और इसके बाद 15 नवंबर को इस माँग के समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर […] Read more » कमजोर करने का कुचक्र भोजपुरी भोजपुरी को स्वायत्तता संवैधानिक-मान्यता भोजपुरी हिन्दी
जन-जागरण विविधा हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार करने वाले हिन्दी के अपने । November 30, 2016 / November 30, 2016 by प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी | 4 Comments on हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार करने वाले हिन्दी के अपने । – प्रो. कृष्ण कुमार गोस्वामी हिंदुस्तान समाचारपत्र के 13 नवंबर 2016 के अंक में केंद्रीय गृह मंत्री माननीय श्री राज नाथ सिंह के एक सभा में भोजपुरी को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद में विधेयक पारित करने का आश्वासन दिया है। यह बहुत बड़ी विडंबना है कि हिन्दी को तोड़ने […] Read more » Featured हिन्दी हिन्दी की अस्मिता पर प्रहार
विविधा हिंदी दिवस हिन्दी नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा: प्रा. अनूप सिंह September 13, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment हिन्दी दिवस के अवसर पर -मनमोहन कुमार आर्य 14 सितम्बर, 2016 को हिन्दी दिवस है। इस अवसर पर हम आर्य विद्वान प्रा. अनूप सिंह जी (1944-2001) का हिन्दी के महत्व और आर्यसमाज के हिन्दी के प्रचार प्रसार में योगदान पर एक पुराने व्याख्यान को प्रस्तुत कर रहे हैं। प्रा. अनूप सिंह आर्यसमाज में हमारे प्रवेश […] Read more » हिन्दी हिन्दी नहीं रहेगी तो देश टूट जायेगा