महत्वपूर्ण लेख राजनीति आर्य समाज और हिन्दू महासभा को निगलता आरएसएस May 30, 2019 / May 30, 2019 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on आर्य समाज और हिन्दू महासभा को निगलता आरएसएस राकेश कुमार आर्य बात 1920 – 21 की है , जिस समय अंग्रेजी सरकार ने तुर्की के बादशाह को उसके पद से हटा दिया था , जो कि मुस्लिम जगत का खलीफा अर्थात धर्मगुरु था। इसको लेकर भारत के मुसलमानों में आक्रोश था । उस आक्रोश को समर्थन देकर गांधी जी ने भारत की राजनीति […] Read more » आरएसएस आर्य समाज हिन्दू महासभा
धर्म-अध्यात्म विश्व में सत्य की प्रचारक धार्मिक एवं सामाजिक संस्था आर्य समाज September 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य सत्य को मानना व उसका प्रचार करना ही धर्म है और जो असत्य है उसे जानना व उसका त्याग करना व कराना भी धर्म ही है। आजकल हम देखते हैं कि संसार अनेक मत-मतान्तर व पंथों से भरा हुआ है। सबकी परस्पर कुछ समान व कुछ असमान मान्यतायें हैं। सबके अपने […] Read more » आर्य समाज विश्व विश्व में सत्य की प्रचारक सत्य की प्रचारक
धर्म-अध्यात्म सन्त गुरू रविदास और आर्य समाज February 10, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment सन्त रविदास जी सन् 1377 में जन्में व सन् 1527 में मृत्यु को प्राप्त हुए। ईश्वर की कृपा से उन्हें काफी लम्बा जीवन मिला। यह उस काल में उत्पन्न हुए जब हमारे देश में अन्य कई सन्त, महात्मा, गुरू, समाज सुधारक पैदा हुए थे। गुरूनानक (जन्म 1497), तुलसीदास (जन्म 1497), स्वामी रामानन्द (जन्म 1400), सूरदास (जन्म 1478), कबीर (1440-1518), मीराबाई (जन्म 1478) आदि उनके समकालीन थे। गुरू रविदास जी के जीवन काल में देश में सन् 1395-1413 अवधि में मैहमूद नासिरउद्दीन, सन् 1414-1450 अवधि में मुहम्मद बिन सईद तथा सन् 1451 से 1526 तक लोधी वंश का शासन रहा। Read more » sant ravidas jayanti आर्य समाज रविदास सन्त गुरू रविदास
धर्म-अध्यात्म आर्यसमाज का सार्वभौमिक कल्याणकारी लक्ष्य एवं उसकी पूर्ति में बाधायें May 6, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य– आर्य समाज का उद्देश्य संसार में ईश्वर प्रदत्त वेदों के ज्ञान का प्रचार व प्रसार है। यह इस कारण कि संसार में वेद ज्ञान की भांति ऐसा कोई ज्ञान व शिक्षा नहीं है जो वेदों के समान मनुष्यों के लिए उपयोगी व कल्याणप्रद हो। वेद ईश्वर के सत्य ज्ञान का भण्डार हैं […] Read more » Featured आर्य समाज आर्यसमाज का सार्वभौमिक कल्याणकारी लक्ष्य एवं उसकी पूर्ति में बाधायें दयानंद सरस्वती वेद
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द, आर्य समाज और गुरूकुलीय शिक्षा May 5, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- महर्षि दयानन्द ने मुख्यतः वेद प्रचार के लिए ही आर्यसमाज की स्थापना की थी। यह बातें गौण हैं कि यह स्थापना कहां की गई या कब की गई थी। किसी संस्था के गठन का उद्देश्य ही महत्वपूर्ण होता है। इसका उत्तर महर्षि दयानन्द ने स्वयं आर्यसमाज के 10 नियमों में से तीसरे […] Read more » Featured आर्य समाज गुरूकुलीय शिक्षा महर्षि दयानन्द वेद
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द का सन् 1879 में देहरादून आगमन और आर्य समाज April 21, 2015 / April 21, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- स्वामी दयानन्द ने सन् 1863 में मथुरा में प्रज्ञाचक्षु दण्डी स्वामी गुरू विरजानन्द सरस्वती से विद्या प्राप्त कर गुरू की प्रेरणा व आज्ञा से सत्य के मण्डन व असत्य का खण्डन का कार्य चुना था। उन्होंने अपने अपूर्व ज्ञान व वैदुष्य के कारण वैदिक मान्यताओं को सत्य पाया और अन्य विचारधाराओं को […] Read more » Featured आर्य समाज महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द का सन् 1879 में देहरादून आगमन और आर्य समाज
धर्म-अध्यात्म महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग April 14, 2015 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती इतिहास में हुए ज्ञात वैदिक विद्वानों में अपूर्व विद्वान हुए हैं। वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेदों का आविर्भाव सृष्टि की उत्पत्ति के आरम्भ में 1.96 अरब वर्ष पहले हुआ था। हमारे पूर्वजों ने इस ग्रन्थ रत्न की प्राणपण से रक्षा की। […] Read more » aary samaj Featured आर्य समाज मनमोहन कुमार आर्य महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द के जीवन के कुछ प्रेरक प्रसंग
जन-जागरण धर्म-अध्यात्म साहित्य आर्य समाज के उर्दू साहित्य का संरक्षण व उसका हिन्दी अनुवाद March 24, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महाभारत काल के बाद लगभग 5000 वर्ष का समय भारत के धार्मिक एवं सामाजिक जगत के लिए ह्रास व पतन का था। ऐसे समय में महर्षि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में आर्य समाज की स्थापना की। महर्षि दयानन्द वेदों के पारदर्शी विद्वान थे और महाभारत काल के बाद वा विगत 5,000 वर्षों […] Read more » आर्य समाज आर्य समाज के उर्दू साहित्य का संरक्षण व उसका हिन्दी अनुवाद उर्दू साहित्य
विविधा आर्य समाज सत्य-ज्ञान से पूर्ण एक वैश्विक धार्मिक संस्था March 18, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आर्य समाज ईश्वर प्रदत्त, संसार के सबसे प्राचीन, सत्य-ज्ञान व तर्क पर पूर्णतया आधारित वैदिक धर्म का विश्व में प्रचार-प्रसार करने वाली अपनी तरह की एकमात्र वैश्विक धार्मिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था है। अन्य देशी व विदेशी संस्थायें जो संसार में अपने-अपने धर्म व मतों का प्रचार करती हैं, वह अज्ञान व […] Read more » आर्य समाज आर्य समाज के स्थापना दिवस वैदिक धर्म वैश्विक धार्मिक संस्था सत्य-ज्ञान से पूर्ण एक वैश्विक धार्मिक संस्था
प्रवक्ता न्यूज़ उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द और आर्य समाज March 11, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द और आर्य समाज आर्य समाज उन्नीसवीं शताब्दी व उसके बाद देश का सामाजिक व राजनैतिक क्रान्ति का एम महान संगठन था व है जिसने अपनी मनुष्य जीवन के उद्देश्य को सफल करने वाली तर्कसंगत विचारधारा के कारण देश के सभी मतों व सम्प्रदायों को प्रभावित किया। महर्षि दयानन्द जिन अंग्रेज अधिकारियों, पादरियों, मौलवियों व विद्वानों आदि से मिलकर […] Read more » आर्य समाज उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचन्द
कला-संस्कृति यदि आर्य समाज स्थापित न होता तो क्या होता? May 13, 2014 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on यदि आर्य समाज स्थापित न होता तो क्या होता? -मनमोहन कुमार आर्य- इस समय वेद व सृष्टि सम्वत् 1,96,08,53,115 आरम्भ हो रहा है। द्वापर युग की समाप्ति पर लगभग 5,000 वर्ष पूर्व महाभारत का प्रसिद्ध युद्ध हुआ था। इस प्रकार लगभग 1,96,08,48,00 वर्ष पूर्व महाभारत युद्ध तक सारे भूमण्डल पर एक ही वैदिक धर्म व संस्कृति विद्यमान थी। महाभारत युद्ध से धर्म व संस्कृति […] Read more » आर्य आर्य समाज आर्य समाज का महत्व