राजनीति आलोचना तो हो, लेकिन नीचा दिखाने के लिए नहीं : स्मृति ईरानी March 18, 2016 / March 18, 2016 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment उमेश चतुर्वेदी केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इन दिनों निशाने पर हैं..चूंकि केंद्र में मंत्री हैं, लिहाजा आलोचनाओं के घेरे में उनका होना स्वाभाविक भी है। जम्हूरियत में लोकतंत्र के स्वघोषित चौथे खंभे मीडिया और विपक्ष के निशाने पर मंत्रियों का आना नई बात नहीं है। लेकिन पहले हैदराबाद के केंद्रीय विश्वविद्यालय में कथित दलित छात्र […] Read more » Criticism of Smriti Irani आलोचना स्मृति ईरानी स्मृति ईरानी का विरोध
आलोचना महत्वपूर्ण लेख ‘नामवर सिंह आलोचक कम और साहित्य के प्रौपेगैण्डिस्ट ज्यादा नजर आते हैं’ May 10, 2012 / June 6, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 5 Comments on ‘नामवर सिंह आलोचक कम और साहित्य के प्रौपेगैण्डिस्ट ज्यादा नजर आते हैं’ जगदीश्वर चतुर्वेदी हाल ही में राजकमल प्रकाशन के द्वारा नामवर सिंह के विचारों,आलोचना निबंधों ,व्याख्यानों और साक्षात्कारों पर केन्द्रित 4 किताबें आयी हैं। चार और आनी बाकी हैं। इन किताबों का ‘कुशल’ संपादन आशीष त्रिपाठी ने किया है। ये किताबें आधुनिक युग में विचारों की भिड़ंत के सैलीबरेटी रूप का आदर्श नमूना है। सैलीबरेटी आलोचना […] Read more » आलोचना नामवर सिंह
प्रवक्ता न्यूज़ प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान मधुरेश और ज्योतिष जोशी को July 24, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment रायपुर। द्वितीय प्रमोद वर्मा स्मृति आलोचना सम्मान से प्रतिष्ठित कथाआलोचक मधुरेश और युवा आलोचक ज्योतिष जोशी को सम्मानित किया जायेगा। यह सम्मान उन्हें 31 जुलाई, प्रेमचंद जयंती के दिन रायपुर, छत्तीसगढ़ में आयोजित द्वितीय अखिल भारतीय प्रमोद वर्मा स्मृति समारोह में प्रदान किया जायेगा। इसके अलावा राज्य स्तरीय प्रमोद वर्मा सम्मान से राज्य के वरिष्ठ […] Read more » Pramod Verma आलोचना प्रमोद वर्मा सम्मान स्मृति
आलोचना श्रद्धालु आलोचना के प्रतिवाद में June 11, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी आधुनिक हिन्दी आलोचना इन दिनों ठहराव के दौर से गुजर रही है,आलोचना में यह गतिरोध क्यों आया? आलोचना में जब गतिरोध आता है तो उसे कैसे तोड़ा जाए? क्या गतिरोध से मुक्ति के काम में परंपरा हमारी मदद कर सकती है? क्या परंपरागत आलोचना के दायरे को तोड़ने की जरूरत है? ये कुछ […] Read more » Criticism आलोचना
आलोचना नपुंसक आलोचक और नदारत आलोचना March 29, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on नपुंसक आलोचक और नदारत आलोचना स्वातंत्र्योत्तर हिन्दी साहित्य को लेकर काफी लिखा गया है। खासकर कविता, कहानी, उपन्यास और आलोचना के क्षेत्र में अनेक महत्वपूर्ण कृतियां हैं जो किसी न किसी रूप में साहित्यिक परिदृश्य पर रोशनी डालती हैं। हम खुश हैं कि हमारे पास रामविलास शर्मा हैं, नामवरसिंह हैं, शिवकुमार मिश्र हैं, रमेशकुंतल मेघ हैं, अशोक वाजपेयी हैं। जाहिरा […] Read more » hindi आलोचक आलोचना हिंदी