धर्म-अध्यात्म विविधा आस्था और संस्कृति को सहेजता कुंभ January 15, 2019 / January 15, 2019 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक कुंभ का आयोजन भारतीयों के लिए एक धार्मिक संस्कार और सांस्कृतिक उत्सव का आयोजन भर नहीं, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और संसार को भारतीय मनीषियों के त्याग, तपस्या और बलिदान से परिचित कराने का अद्भुत अवसर भी है। दुनिया भर के करोड़ों लोगों का कुंभ की ओर खींचे चले […] Read more » Kumbh Kumbh saving faith and culture कुंभ
धर्म-अध्यात्म विशाल सामाजिक आयोजन है कुंभ January 9, 2019 / January 9, 2019 by विजय कुमार | Leave a Comment भारत में चार स्थानों पर प्रति बारह वर्ष बाद पूर्ण कुंभ और छह साल बाद अर्धकुंभ की परम्परा हजारों सालों से चली आ रही है। कुंभ का धार्मिक और पौराणिक महत्व तो है ही; पर इसे केवल धार्मिक आयोजन कहना उचित नहीं है। वस्तुतः कुंभ एक विराट सामाजिक आयोजन भी है। भारतीय समाज व्यवस्था में […] Read more » Kumbh कुंभ विशाल सामाजिक आयोजन कुंभ
कला-संस्कृति जन-जागरण समाज आइये, कुंभ को जाने May 3, 2016 by अरुण तिवारी | Leave a Comment सिर्फ स्नान नहीं है कुंभ अरुण तिवारी दुनिया में पानी के बहुत से मेले लगते हैं, लेकिन कुंभ जैसा कोई कोई नहीं। स्वीडन की स्टॉकहोम, ऑस्ट्रेलिया की ब्रिसबेन, अमेरिका की हडसन, कनाडा की ओटावा…जाने कितने ही नदी उत्सव साल-दर-साल आयोजित होते ही हैं, लेकिन कुंभ!.. कुंभ की बात ही कुछ और है। जाति, धर्म, अमीरी, […] Read more » Featured Kumbh कुंभ
धर्म-अध्यात्म राष्ट्रीय एकता को पुष्ट करता है कुंभ का वैचारिक मंथन April 16, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | Leave a Comment सागरमंथन से अमृत और विष दोनों ही निकले थे। हर मंथन का यही परिणाम होता है। विष त्याज्य होता है क्योंकि वह समाज के लिए अहितकारी होता है। समाज के भीतर से विष निकल जाए तो वह स्वस्थ हो जाता है। शुद्ध, प्रफुल्ल और उर्जावान। इसलिए समय के अंतराल के बाद मंथन आवश्यक हो जाता […] Read more » Kumbh कुंभ
धर्म-अध्यात्म नवभारत टाइम्स का जवाब, ‘दुनिया है मेला, पर कुंभ अलबेला’ February 7, 2010 / December 25, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 18 Comments on नवभारत टाइम्स का जवाब, ‘दुनिया है मेला, पर कुंभ अलबेला’ नवभारत टाइम्स के ब्लागर राकेश परमार ने महाकुंभ को 5 करोड़ मूर्खों का मेला कहा है। उनके ब्लाग के प्रत्युत्तर में प्रवक्ता से जुड़े पाठक राकेश कुमार ने निम्नांकित चिट्ठी हमें पोस्ट की है, हम उसे अपने पाठकों के लिए जस का तस प्रस्तुत कर रहे हैं।–संपादक राकेश परमार भाई, सादर नमस्कार। नवभारत टाइम्स.काम के ब्लाग […] Read more » कुंभ नवभारत टाइम्स