गजल उल्फत-ए-ज़िन्दगी May 27, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -लक्ष्मी जायसवाल- क्यों मेरी ज़िन्दगी पर मेरा इख़्तियार नहीं है क्या इस पर अब मेरा कोई भी अधिकार नहीं है। ज़िन्दगी के खेल में कैसे मैं इतनी पिछड़ गई कि अपने ही सपनों से अब मैं फिर बिछड़ गई। संवरने लगी थी ज़िन्दगी मेरे नादां अरमानों से क्यों मैं इन्हें संभाल नहीं पायी वक़्त के […] Read more » गज़ल जीवन पर गज़ल
गजल कब से भटकता है सफीना May 24, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- साहिलों की जुस्तजू में, कब से भटकता है सफीना जाता है क़रीबे भंवर, कि कहीं नाख़ुदा तो मिल जाए स्याही से खींचते हैं कुछ लोग, सेहर की उम्मीद को उनको भी काश कभी कोई मशाले हुदा तो मिल जाए ढूढ़ते रहते हैं खुद को हर जा, कहीं हम हैं भी कि नहीं हैं […] Read more » गज़ल गज़ल संग्रह हिन्दी गजल
गजल साहित्य गज़ल ; पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई पैगाम मेरा लेकर जो बादे सबा गई सुनते हैं नमी आँख में उनके भी आ गई। मैं आईने के सामने पहुँची जिस घडी मेरी बुराई साफ़ नज़र मुझको आ गई। एक मैकदा सा बंद था उसकी निगाह में मदहोश कर गई मुझे बेखुद बना गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; झुकी तो हया हो गई – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment झुकी तो हया हो गई झुकी तो हया हो गई उठी तो दुआ हो गई। बढ़ी इतनी दीवानगी मुहब्बत सजा हो गई। तुम्हारे बिना जिंदगी बड़ी बेमज़ा हो गई। अजाब मुस्कराहट तेरी सरापा कज़ा हो गई। हुई तुमसे क्या दोस्ती ये दुनिया खफा हो गई। Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment मैखाने में जरा कभी आकर तो देखिये मैख़ाने में जरा कभी आकर तो देखिये एक बार ज़ाम लब से लगाकर तो देखिये। दुनिया को तुमने अपना बनाया तो है मगर हमको भी कभी अपना बनाकर तो देखिये। तुम हाले दिल पे मेरे हंसोगे न फिर कभी पहले किसी से दिल को लगाकर तो देखिये। जिसकी […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; हर अदा में कमाल था – सत्येंद्र गुप्ता February 7, 2012 / February 7, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment हर अदा में कमाल था कोई हर अदा में कमाल था कोई आप अपनी मिसाल था कोई। उसके आशिक थे मिस्ले-परवाना हुस्न से मालामाल था कोई। उससे छुटकारा मिल गया हमको एक जाने बवाल था कोई। वो मिला है न मिल सकेगा कभी एक दिल में ख्याल था कोई। बेचकर खून रोटियाँ लाया भूख से […] Read more » famous gazals gazal gazal by satyendra gupta Gazals गज़ल गज़लें सत्येन्द्र गुप्ता की गज़लें सर्वश्रेष्ठ गज़लें
गजल साहित्य गज़ल ; देवी देवता सखा सहोदर – प्रभुदयाल श्रीवास्तव January 30, 2012 / January 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment देवी देवता सखा सहोदर सबके सब बेकार हो गये ज्योंही मां उतरी आंखों में सपने सब साकार हो गये|| जैसे गये रसोई में तो मां की सूरत याद आई लोटा थाली डोंगे मग्गे सब मां के आकार हो गये|| जब जब भी तड़्फा हूं मां की किसी तरह सूरत देखूं सारी रात दिखाऊं […] Read more » gazal गज़ल देवी देवता सखा सहोदर
गजल साहित्य गज़ल ; हवा से न कहना – सत्येंद्र गुप्ता January 29, 2012 / January 29, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | 2 Comments on गज़ल ; हवा से न कहना – सत्येंद्र गुप्ता हवा से न कहना, वो सब को बता देगी तेरा हर ज़ख्म दुनिया को दिखा देगी। तू डूबा हुआ होगा अपने गम में कहीं वो जमाने भर में बहुत शोर मचा देगी। चाहना उसे दिल से एक फासला रखकर शुहरत बिगड़ गई तो हस्ती मिटा देगी। तू दरिया प्यार का है, वो चाँद सूरत है […] Read more » gazal गज़ल हवा से न कहना
गजल साहित्य गज़ल ; जंग लगे हथियारों में – सत्येंद्र गुप्ता January 28, 2012 / January 28, 2012 by सत्येन्द्र गुप्ता | Leave a Comment जंग लगे हथियारों में अब नई धार लगानी है नये अंदाज़ में वन्दे-मातरम की आवाज़ सुनानी है। नहीं खेलने देंगे किसी को हम अपने सम्मान से भ्रष्टाचार की होली भी तो हमको ही जलानी है। सशक्त और समर्द्ध राष्ट्र अपना हमें बनाना है इसके लिए हम को कोई नई चाल अपनानी है। घोटालों का ताना […] Read more » gazal Gazalen गज़ल