धर्म-अध्यात्म “सभी दुःखों से मुक्ति व आनन्दमय मोक्ष की प्राप्ति के चार साधन” November 2, 2018 / November 2, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य को अपने पूर्वजन्म के शुभ कर्मों के परिणामस्वरूप परमात्मा से यह श्रेष्ठ चोला व शरीर मिला है। सब प्राणियों से मनुष्य का शरीर श्रेष्ठ होने पर भी यह प्रायः सारा जीवन दुःख व क्लेशों से घिरा रहता है। दूसरों लोगों को देख कर यह अपनी रुचि व सामर्थ्यानुसार विद्या प्राप्त कर […] Read more » अधिकानन्द अन्न आनन्द कर्म गुण जल न्यून आनन्द वायु सुभाषित स्वभाव
धर्म-अध्यात्म युवा अपने परिवारों में यदि वृद्धों के साथ संगतिकरण करेंगे तो वृद्धो को सुख मिलेगा : आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ” October 5, 2018 / October 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम, तपोवन-देहरादून में चल रहे शरदुत्सव के दूसरे दिन आज 4 अक्टूबर, 2018 को प्रातः 6.30 बजे से यजुर्वेद पारायण किया गया। स्वामी चित्तेश्वरानन्द सरस्वती जी के ब्रह्मत्व में यज्ञ हुआ। मंत्रों का उच्चारण गुरुकुल पौंधा के दो ब्रह्मचारियों श्री ओम्प्रकाश जी और श्री विनीत कुमार जी ने किया। यज्ञ […] Read more » अग्नि अन्न कपूर चन्द्र जल दीपक पृथिवी यजमान यज्ञ के ब्रह्मा यज्ञकुण्ड वायु समिधा सूर्य
धर्म-अध्यात्म “जन्म व मृत्यु शरीर के आदि व अन्तिम छोर हैं और अन्त्येष्टि संस्कार अन्तिम क्रिया है” August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जन्म से जीवन का आरम्भ होता है और मृत्यु होने पर जीवन समाप्त हो जाता है। जन्म का अर्थ है कि एक चेतन, अल्पज्ञ, ससीम, सूक्ष्म और अनादि व नित्य जीवात्मा का माता के गर्भ में शरीर का निर्माण व जन्म तथा मृत्यु का अर्थ है कि शरीरस्थ जीवात्मा का […] Read more » Featured अग्नि ऋषि दयानन्द एकादशाह गया श्राद्ध जन्म जल दशगात्र द्वादशाह पृथिवी मासिक मृत्यु शरीर वायु वार्षिक सपिण्डी कर्म
धर्म-अध्यात्म “सृष्टि रचना, उसका पालन एवं सृष्टि की अपौरुषेय रचनाएँ ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण” June 30, 2018 / June 30, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम संसार में अनेक रचनायें देखते हैं। रचनायें दो प्रकार की होती हैं। एक पौरुषेय और दूसरी अपौरुषेय। पौरुषेय रचनायें वह होती हैं जिन्हें मनुष्य बना सकते हैं। हम भोजन में रोटी का सेवन करते हैं। यह रोटी आटे से बनती है। इसे मनुष्य अर्थात् स्त्री वा पुरुष बनाते हैं। मनुष्य द्वारा […] Read more » Featured ईश्वर ईश्वरोपासना ऋषि दयानन्द कम्प्यूटर कार खाद घड़ी जल टेलीफोन पुस्तक फर्नीचर बीज भूमि मकान यज्ञ-अग्निहोत्र रेलगाड़ी वस्त्र वायु विमान सृष्टि रचना स्कूटर
धर्म-अध्यात्म ‘स्वामी दयानन्द में गुरु विरजानन्द की विद्या और पं. अमरनाथ जोशी के अन्न का तेज दिखाई देता है: आचार्य वेदप्रकाश श्रोत्रिय’ June 5, 2018 / June 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, श्री मद्दयानन्द ज्योतिर्मठ आर्ष गुरुकुल, पौन्धा-देहरादून आर्ष शिक्षा पद्धति पर संचालित देश और आर्यसमाज का महत्वपूर्ण गुरुकुल है। इस गुरुकुल की स्थापना 18 वर्ष पूर्व स्वामी प्रणवानन्द सरस्वती जी ने की थी। इस गुरुकुल का आचार्य 22 वर्षीय नवयुवक श्री धनंजय आर्य जी को बनाया गया था जो गुरुकुल गौतमनगर के स्नातक […] Read more » Featured आचार्य वेदप्रकाश इंटरनैट ऋषि दयानन्द जल पं. अमरनाथ जोशी मोबाइल विद्युत
धर्म-अध्यात्म ईश्वर ने हमें क्या-क्या दिया है? May 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य ईश्वर है या नहीं? यदि है तो उसने हमें क्या-क्या दिया है? यह प्रश्न पर स्वाभाविक रूप से मनुष्य के मन में विचार आ सकते हैं। प्रथम प्रश्न पर विचार करें तो हमें अपनी व अन्य मनुष्य की शक्तियों पर विचार करना पड़ता है। मैं मनुष्य हूं परन्तु मेरी शक्तियां सीमित हैं। […] Read more » Featured आकाश ईश्वर ने उत्तर चन्द्र ऋषिकृत ग्रन्थों जल ज्ञान दिया है? पर्वत पृथिवी मनुष्य व अन्य प्राणियों सहित अग्नि वन वनस्पतियों वायु शब्द सद्प्रेरणा समुद्र सुख व शान्ति हमें क्या-क्या
खेत-खलिहान कृषि भूमि सुधार का आधार जैविक खेती May 9, 2018 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में देश में इस बात के लिए गंभीरता पूर्वक चिंतन होने लगा है कि रासायनिक खादों के चलते कृषि भूमि में जो हानिकारक बदलाव आए हैं, उसे कैसे दूर किया जाए। इस बारे में केन्द्र सरकार और राज्यों की सरकारें भी अपने स्तर पर किसानों को इस बात के लिए जागृत कर […] Read more » Featured अजैविक पदार्थों जल जैविक खेती टिकाऊ खेती भूमि वातावरण प्रदूषित वायु हरित क्रांति
धर्म-अध्यात्म स्त्री व शूद्र शिक्षा के सन्दर्भ में सत्यार्थप्रकाश का मत April 27, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment शिवदेव आर्य स्वामी दयानन्द सरस्वती जी अनिवार्य शिक्षा का समर्थन करते हैं और इसके लिए स्वामी जी यह दायित्व माता-पिता को सौंपते हैं। वे चाणक्य के उस प्रसिद्ध श्लोक – ‘माता शत्रुः पिता वैरी…’ को उद्धृत कर यह स्पष्ट कर देते हैं कि जिन माता-पिता ने अपने बच्चों को प्रशिक्षित नहीं किया उन्होंने अपने सन्तानों […] Read more » Featured अग्नि अपाला काक्षीवती घोषा चन्द्र जल पृथिवी रोमशा लोपामुद्रा वायु सूर्य स्वामी दयानन्द
कविता पानी प्रणय पक्ष April 24, 2018 by अरुण तिवारी | 1 Comment on पानी प्रणय पक्ष अरुण तिवारी आतुर जल बोला माटी से मैं प्रकृति का वीर्य तत्व हूं, तुम प्रकृति की कोख हो न्यारी। इस जगती का पौरुष मुझमें, तुममें रचना का गुण भारी। नर-नारी सम भोग विदित जस, तुम रंग बनो, मैं बनूं बिहारी। आतुर जल बोला माटी से…. न स्वाद गंध, न रंग तत्व, पर बोध तत्व है […] Read more » Featured ओढ़नी जल शिशु सूरज
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज का उद्देश्य संसार का उपकार करना” April 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य समाज की एक इकाई है। मनुष्य का अभिप्राय स्त्री व पुरुष दोनों से होता है। इन दोनों के समूहों से मिल कर समाज बनता है। समाज का अर्थ होता कि सभी मनुष्य स्त्री व पुरुष परस्पर समान अथवा बराबर हैं। पृथिवी के किसी भूभाग पर समाज के द्वारा ही देश का […] Read more » Featured अग्नि अन्न आकाश ओषिधियां जल दुग्घ फल फूल मनुष्य वनस्पतियां वायु समाज
विविधा युद्ध और शांति के बीच जल – भाग दो March 26, 2018 by अरुण तिवारी | Leave a Comment ( प्रख्यात पानी कार्यकर्ता श्री राजेन्द्र सिंह के वैश्विक जल अनुभवों पर आधारित एक शृंखला ) सीरिया, दुष्काल के चंगुल में प्रस्तुति : अरुण तिवारी 20 से 25 अक्तूबर, 2015 को टर्की के अंकारा में संयुक्त राष्ट्र संघ का एक सम्मेलन था। यह सम्मेलन, रेगिस्तान भूमि के फैलते दायरे को नियंत्रित करने पर राय-मशविरे के लिए […] Read more » Featured turkey war and peace water जल युद्ध और शांति
विविधा वायु एवं जल मनुष्य के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है March 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जीवन अन्न सहित वायु व जल पर आश्रित है। यदि मनुष्य को कुछ सकेण्ड्स या मिनट तक वायु न मिले तो वह जीवित नहीं रह सकता। वायु का अन्न से भी अधिक महत्व है वह इसी बात से सिद्ध होता है। इसी प्रकार जल भी मनुष्य जीवन के लिए अत्यन्त […] Read more » Featured जल