Tag: नानाजी देशमुख

राजनीति

आपातकाल – जब राजनीतिक विरोधियों के दमन का हथियार बन गया ‘मीसा कानून’

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दीपक कुमार त्यागी देश की आंतरिक सुरक्षा को बेहतर बनाए रखने और उससे जुड़े हुए विभिन्न मामलों के निस्तारण के उद्देश्य से वर्ष 1971 में भारतीय संसद के द्वारा एक कानून ‘मैंनेटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मीसा)’ को पारित किया गया था। उस वक्त इस कानून के माध्यम से देश में कानून व्यवस्था को बनाये […]

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शख्सियत समाज

जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख – एक तुलनात्मक विश्लेषण

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नानाजी अक्सर राजा राम की तुलना में वनवासी राम की अधिक प्रशंसा करते थे । उनका कहना था कि राजा के रूप में राम इसलिए अधिक सफल हुए, क्योंकि उन्होंने वन में रहते हुए गरीबी को जाना, समझा | इसीलिए नानाजी ने भी राजनीति से विराम लेकर गरीब वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन खपाने का निर्णय लिया । दीन दयाल शोध संस्थान भी बनाया तो चित्रकूट में, जहाँ वनवास के दौरान भगवान राम ने अपना समय व्यतीत किया । अपने चित्रकूट प्रवास के दौरान नानाजी ने वहां के पिछड़ेपन, अशिक्षा और अंधविश्वास में डूबी जनता का मूक रुदन अनुभव किया ।

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