कविता दूसरे को समझाने में सफल,अपने आप में असफल April 30, 2018 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on दूसरे को समझाने में सफल,अपने आप में असफल पत्थर में भगवान है,यह समझने में धर्म सफल रहा पर इंसान में इंसान हे,वह समझने में धर्म असफल रहा दूसरो को समझाने में इंसान सफल रहा अपने को समझाने मे इंसान असफल रहा इंसान ने भलाई की भला रहा , बुराई की बुरा रहा इस बात को समझ कर भी, इंसान असफल रहा बाबा […] Read more » Featured इंसान कड़ी मेहनत कलयुग पत्थर भक्तों भगवान सफल समझाने
विविधा जनता तो भगवान बनाती है साहब लेकिन शैतान आप August 30, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment 13 मई 2002 को एक हताश और मजबूर लड़की, डरी सहमी सी देश के प्रधानमंत्री को एक गुमनाम ख़त लिखती है। आखिर देश का आम आदमी उन्हीं की तरफ तो आस से देखता है जब वह हर जगह से हार जाता है। निसंदेह इस पत्र की जानकारी उनके कार्यालय में तैनात तमाम वरिष्ठ […] Read more » dera saccha sauda gurmeet ram rahim Ramrahim गुरमीत राम रहीम सिंह डेरा सच्चा सौदा प्रमुख भगवान
व्यंग्य साहित्य हां, भगवान है July 19, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment अब पटना में देखो। वहां विपक्ष से अधिक बखेड़ा सत्ता पक्ष में ही चल रहा है। पहलवान हर दिन लंगोट लहराते हैं; पर बांधते और लड़ते नहीं। लालू जी का निश्चय है कि उनके घर का हर सदस्य उनकी भ्रष्ट परम्परा को निभाएगा। उन्होंने चारा खाया था, तो बच्चे प्लॉट, मॉल और फार्म हाउस खा रहे हैं। आखिर स्मार्ट फोन और लैपटॉप वाली पीढ़ी अब भी घास और चारा ही खाएगी क्या ? उधर नीतीश कुमार अपने सुशासन मार्का कम्बल से दुखी हैं। पता नहीं उन्होंने कम्बल को पकड़ रखा है या कम्बल ने उन्हें। इस चक्कर में शासन भी ठप्प है और प्रशासन भी। फिर भी हर साल की तरह वहां बाढ़ आ रही है। इससे सिद्ध होता है कि भगवान का अस्तित्व जरूर हैं। Read more » Featured भगवान
व्यंग्य भगवान भटकते गली-गली… August 15, 2014 by निर्मल रानी | Leave a Comment -निर्मल रानी- सम्राट अकबर के बारे में कहा जाता है कि वे पुत्र प्राप्ति की खातिर देवी से मन्नत मांगने माता वैष्णो देवी तथा ज्वाली जी के मंदिरों तक पैदल ही गये थे। आज भी यदि हम देश के प्रमुख तीर्थ स्थलों पर जाएं तो हमें यह दिखाई देगा कि अब भी कई आस्थावान लोग […] Read more » भगवान भगवान भटकते गली-गली
जरूर पढ़ें भगवान, इंसान व हैवानों से रूबरू उत्तराखंड त्रासदी July 1, 2013 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment देश का उत्तराखंड राज्य इन दिनों भारतवर्ष में अब तक हुई सबसे भयंकर प्रलय रूपी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। हालांकि प्रशासन व बचाव दलों द्वारा मृतकों तथा लापता लोगों के बारे में कुछ आंकड़े पेश करने की कोशिश की जा रही है। परंतु हक़ीक़त में सही आंकड़ों तक पहुंच पाना मुश्किल ही नहीं […] Read more » इंसान व हैवानों से रूबरू उत्तराखंड त्रासदी भगवान
व्यंग्य मकान मालिक तो भगवान होता है July 23, 2011 / December 8, 2011 by पंडित सुरेश नीरव | 1 Comment on मकान मालिक तो भगवान होता है पंडित सुरेश नीरव एक दौर वह भी था जब स्वर्ग में रहनेवाले देवता फालतू समय में फटाफट भारत में अवतार ले लिया करते थे। उनके लिए स्वर्ग से भारत आना एक फन-लविंग पिकनिक हुआ करती थी। क्योंकि उस वक्त आज की तरह मकान और खासकर किराये के मकान की समस्या नहीं हुआ करती थी। भगवान […] Read more » God भगवान मकान मालिक
विज्ञान अवैज्ञानिक क्यों हो गये हाकिंग? September 26, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. सुभाष राय | 11 Comments on अवैज्ञानिक क्यों हो गये हाकिंग? -डॉ.सुभाष राय भगवान एक ऐसी कल्पना है, जो हमारे संस्कारों में इस तरह बसी हुई है, कि अनायास उसकी असम्भाव्यता के बारे में नास्तिक भी पूरी तरह आश्वस्त नहीं होता। नास्तिक जब कहता है कि भगवान नहीं है, तो वह प्रकारांतर से यह स्वीकार कर रहा होता है कि बहुलांश का विश्वास है कि वह […] Read more » God भगवान