समाज ये क्या कह रहा है अमेरिकी विदेश मंत्रालय September 22, 2017 by शैलेन्द्र सिंह | Leave a Comment शैलेंद्र सिंह भारत में 90 के दशक में शुरू हुए आर्थिक उदारवाद और भूमंडलीकरण के प्रभाव में एक नव्य राजनीतिक धारा का अद्भुत अभिभूतीकरण हुआ. जीडीपी को चमकाने की हड़बड़ी में उदारवाद की खुशफहमियां, अंततः अपने ही लोगों पर अलग अलग ढंग से टूटीं, बेरोजगारी, गरीबी, बेदखली, पलायन, अपराध, अशांति और हिंसा के रूप में. […] Read more » Featured अमेरिकी विदेश मंत्रालय आर्थिक उदारवाद केरल भूमंडलीकरण राजनीतिक हत्याएं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो लव-जेहाद की बर्बरता
विश्ववार्ता रूस में भूमंडलीकरण का टूटता तिलिस्म June 24, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी में कहावत है जो दूसरो के लिए गड़डा खोदता है उसे उसी गड्डे में सोना होता है। दूसरों के लिए यानी मार्क्सवादियों -साम्यवादियों के लिए भूमंडलीकरण का गड्डा अमेरिका द्वारा खोदा गया था। अंत में अमेरिका और उसके सहयोगी राष्ट्रों को उसमें सोना पड़ा है। आर्थिकमंदी, युद्ध-अर्थव्यवस्था और वर्चस्व बनाए रखने के […] Read more » America अमेरिका भूमंडलीकरण मार्क्सवाद रूस साम्यवाद
प्रवक्ता न्यूज़ भूमंडलीकरण और ग्लोबल मीडिया से कैसे लड़ें May 14, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी असल में, भूमंडलीकरण में अन्तर्विरोध निहित है। इसका संबंध पूंजीवाद के अन्तर्विरोध से है। पूंजीवाद ने विश्व व्यवस्था के रुप में जब अपना विकास शुरु किया तो उसने सीमित रुप में सामन्तशाही के खिलाफ संघर्ष किया। पूंजीवादी सत्ता और औपनिवेशिक शासन व्यवस्था की स्थापना की। पुराने संबंधों को बरकरार रखा। इसके खिलाफ दुनिया […] Read more » Global media ग्लोबल मीडिया भूमंडलीकरण
मीडिया बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता April 23, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on बाजार की चुनौतियों से बेजार हिन्दी पत्रकारिता आज भूमंडलीकरण के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियां न सिर्फ बढ़ गई हैं वरन उनके संदर्भ भी बदल गए हैं। पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्व जैसी बातों पर सवालिया निशान हैं तो उसकी नैसर्गिक सैद्धांतिकता भी कठघरे में है। वैश्वीकरण और नई प्रौद्योगिकी के घालमेल से एक ऐसा वातावरण बना है जिससे कई सवाल पैदा […] Read more » hindi journalism बाजार भूमंडलीकरण हिंदी पत्रकारिता
विश्ववार्ता साम्राज्यवाद और भूमंडलीकरण February 19, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment भूमंडलीकरण एक विश्वव्यापी संवृत्ति है। इसका साम्राज्यवाद से गहरा सम्बन्ध है। यह नव- औपनिवेशिक शोषण और प्रभुत्व का प्रभावी अस्त्र है। इसके प्रचारक-प्रसारक हैं भूमंडलीय जनमाध्यम और बहुराष्ट्रीय शस्त्र निर्माता कम्पनियां एवं बहुराष्ट्रीय वित्तीय कम्पनियां। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद समूची दुनिया पर साम्राज्यवाद की पकड ढ़ीली पड़ी थी। अधिकांश गुलाम देश आजाद हुए। साम्राज्यवाद के […] Read more » Globalization भूमंडलीकरण साम्राज्यवाद
साहित्य भूमंडलीकरण और राजभाषा हिंदी September 15, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on भूमंडलीकरण और राजभाषा हिंदी भारत का उदात्त एवं प्राचीन दर्शन ‘वसुधैव कुटुंबकम’ संपूर्ण विश्व को एक परिवार एक इकाई के रूप में देखने, समझने व जीने की प्रेरणा देता है। सब मिलकर रहें, और इस विश्व समाज को सह अस्तित्व के साथ शांतिमय रूप में जीएँ स्पष्टत: ही यह कल्याणकारी दर्शन समूची मानव जाति को सहज व स्वाभाविक रूप […] Read more » Globalization भूमंडलीकरण