विविधा गांधीजी और ग्राम स्वराज्य के मायने October 24, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on गांधीजी और ग्राम स्वराज्य के मायने नीरेन कुमार उपाध्याय भारतीय स्वतंत्रता आंदोलनों में बहुत से वीरों ने अपने प्राणों की आहुति देकर देश को यह सोचकर स्वतंत्र कराया था कि आने वाली पीढ़ी इस देश को विश्वगुरू पद तक अवश्य ले जायेगी। जेल के भीतर अमानवीय यातनाओं को झेलने वाले लाखों क्रांतिकारियों ने एक स्वप्न देखा था – स्वतंत्र और समर्थ […] Read more » ग्राम स्वराज्य महात्मा गांधी
समाज राष्ट्रपिता बनाम ढोंगी बूढा ! April 13, 2012 / July 22, 2012 by एल. आर गान्धी | Leave a Comment एल.आर.गाँधी पांचवी कक्षा की ऐश्वर्या पराशर के एक दक्ष प्रशन ने समूची सरकार को असमंजस में डाल दिया ! गाँधी जी को राष्ट्रपिता बता कर उनके नाम पर अपनी राजनैतिक रोटियाँ सेकने वाले सफेदपोश काले अंग्रेज़ और खुद को बापू के वारिस बता कर छह दशकों से भारत पर राज करने वाले ‘नकली गाँधी’ भी […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी राष्ट्रपिता
लेख टैगोर को नोबल प्राइज मिला, महात्मा गांधी को क्यों नहीं? July 12, 2011 / December 9, 2011 by महेश दत्त शर्मा | 3 Comments on टैगोर को नोबल प्राइज मिला, महात्मा गांधी को क्यों नहीं? महेश दत्त शर्मा अकसर बीचबीच में यह सवाल उठता रहता है कि महात्मा गांधी को नोबल प्राइज क्यों नहीं मिला? इसके लिए कहना यह होगा कि लोग नोबल प्राइज मिलने पर चर्चा में आते हैं, वहीं जब गांधी जी को नोबल प्राइज देने की सुगबुगाहर शुरू हुई, वे उससे काफी पहले संसार भर में एक […] Read more » Rabindranath Tagore गीतांजलि गीतांजलिरू साँग अॉफरिंग्स गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर नोबल प्राइज महात्मा गांधी
विविधा 1924 : जब महात्मा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने February 17, 2011 / December 15, 2011 by लालकृष्ण आडवाणी | 4 Comments on 1924 : जब महात्मा गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने लालकृष्ण आडवाणी पिछले दिनों रामकृष्ण मिशन, बेलगांव ने मुझे वहां पर निर्मित एक विशाल सभागार का औपचारिक उद्धाटन करने के लिए निमंत्रित किया, जहां पर स्वामी विवेकानन्द दक्षिण भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान रूके थे। इस कार्यक्रम के लिए कलकत्ता स्थित मिशन के मुख्यालय वेल्लुर मठ के प्रमुख सहित सारे देश से रामकृष्ण […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
विविधा महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन July 3, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 2 Comments on महात्मा गांधी का सर्वोदय दर्शन – डॉ. मनोज चतुर्वेदी महात्मा गांधी भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के पितामह थे। यदि उनको अपने समय का अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री, दार्शनिक, वैद्य, शिक्षाविद, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, कानूनविद्, साहित्यकार, सौदर्यशास्त्री, संत, संयासी कहा जाय तो उसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। अर्थात् वे सबकुछ थे। जब हम संपूर्ण गांधी वाङगमय में गांधी के विचारों मे गोता […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
धर्म-अध्यात्म गांधी जी और हिन्दू होने की परेशानियां February 13, 2010 / December 25, 2011 by पंकज झा | 7 Comments on गांधी जी और हिन्दू होने की परेशानियां समूची दुनिया के वैचारिकता के इतिहास को उठा कर देख लें, या विचारों की श्रेष्ठता को लेकर खून-खराबा के दौर को याद करें तो आपको ताज्जुब होगा कि हिंदुत्व या भारतीय विचारधारा को जितना कठघरे में खड़ा करना का अनावश्यक प्रयास हुआ है, आज तक जितनी अग्नि परीक्षण से इसको गुजरना पड़ा है, उसका कोई […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी हिंदू
खेत-खलिहान समाज महात्मा गांधी की दृष्टि में गौ रक्षा का महत्व October 10, 2009 / December 26, 2011 by समन्वय नंद | 19 Comments on महात्मा गांधी की दृष्टि में गौ रक्षा का महत्व गाय भारतीय संस्कृति का मूल आधार है। हमारे देश का संपूर्ण राष्टजीवन गाय पर आश्रित है। गौमाता सुखी होने से राष्ट सुखी होगा और गौ माता दुखी होने से राष्ट के प्रति विपत्तियां आयेंगी, ऐसा माना जा सकता है। गाय को आज व्यावहारिक उपयोगिता के पैमाने पर मापा जा रहा है किंतु यह ध्यान रखना […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी
प्रवक्ता न्यूज़ बापू की वस्तुओं की नीलामी की तैयारी से निराश गांधीवादी February 16, 2009 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment महात्मा गांधी द्वारा इस्तेमाल की गई चप्पलों व चश्मों की नीलामी की तैयारी न्यूयार्क में चल रही है। इससे देश भर के गांधीवादी खासे नाराज हैं। Read more » auction of Mhatma Gandhi 's stuff गांधीवादी महात्मा गांधी
आर्थिकी महात्मा गांधी का आर्थिक चिन्तन February 7, 2009 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment किसी भी देश की उन्नति और विकास इस बात पर निर्भर होते हैं कि वह देश आर्थिक दृष्टि से कितनी प्रगति कर रहा है तथा औद्योगिक दृष्टि से कितना विकास कर रहा है। Read more » Mahatma Gandhi आर्थिक चिन्तन गांधी महात्मा गांधी