राजनीति मीडिया का गॉसिपतंत्र और असहाय माकपा February 10, 2011 / December 15, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on मीडिया का गॉसिपतंत्र और असहाय माकपा जगदीश्वर चतुर्वेदी मीडिया में व्यक्तित्वहनन एक बड़ा फिनोमिना है। यह मीडिया का चूरन है। गॉसिप है। कुछ लोग इसे चरित्रहनन और अपमान भी कहते हैं। लेकिन यह न तो अपमान है और न निंदाचार है बल्कि गॉसिप है। यह संबंधित व्यक्ति की सार्वजनिक पहचान का कैरीकेचर है। मीडिया यह सब उनके साथ ज्यादा करता है […] Read more » media माकपा मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ भविष्य का मीडिया और समाज February 7, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on भविष्य का मीडिया और समाज पूजा श्रीवास्तव लोकतंत्र का पहरेदार, चौथा स्तम्भ-प्रेस भविष्य में क्या रूप इख्तियार करेगा इस बात ने हर किसी को अपने पाष में बांध रखा है। मीडिया के हितों की चिंता करने वालों में एक वर्ग ऐसा भी है जो वर्तमान स्थितियों में समाचार पत्रों के अस्तित्व को संकट में मानता है तो दूसरा वर्ग मीडिया […] Read more » media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ वर्तमान हालात और मीडिया की जिम्मेदारी February 5, 2011 / December 15, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on वर्तमान हालात और मीडिया की जिम्मेदारी श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ लोकतंत्र के तीन मुख्य स्तम्भ है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के रूप में सर्वमान्य तरीके से प्रेस या मीडिया को स्वीकार किया गया है। वर्तमान में अगर हम सारी व्यवस्था पर नजर डालें तो पता चलता है कि लोकतंत्र के इस चौथे स्तमभ ने बाकी तीनों […] Read more » MEDIA"S RESPONSIBILITY IN present scenario मीडिया मीडिया की जिम्मेदारी वर्तमान हालात
प्रवक्ता न्यूज़ लोकजीवन, बाजार और मीडिया January 17, 2011 / December 16, 2011 by संजय द्विवेदी | 2 Comments on लोकजीवन, बाजार और मीडिया ‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज – संजय द्विवेदी ‘लोक’ मीडिया के लिए एक डाउन मार्केट चीज है। ‘लोक’ का बिंब जब हमारी आंखों में ही नहीं है तो उसका प्रतिबिंब क्या बनेगा। इसलिए ‘लोक’ को मीडिया की आंखों से देखने की हर कोशिश हमें निराश करेगी। क्योंकि लोकजीवन जितना बाजार बनाता है, […] Read more » media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ गांव से कितना करीब मीडिया! January 3, 2011 / December 18, 2011 by संजय कुमार | 1 Comment on गांव से कितना करीब मीडिया! संजय कुमार संचार क्रांति के दौर में मीडिया ने भी लंबी छलांग लगायी है। मीडिया के माध्यमों में रेडियो, अखबार, टी.वी., खबरिया चैनल, अंतरजाल और मोबाइल सहित आये दिन विकसित हो रहे अन्य संचार तंत्र समाचारों को क्षण भर में एक जगह से कोसों दूर बैठे लोगों तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे […] Read more » media मीडिया
विविधा वर्षांत-2010/ बात तो साफ हुई कि मीडिया देवता नहीं है ! January 1, 2011 / December 18, 2011 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -संजय द्विवेदी यह अच्छा ही हुआ कि यह बात साफ हो गयी कि मीडिया देवता नहीं है। वह तमाम अन्य व्यवसायों की तरह ही उतना ही पवित्र व अपवित्र होने और हो सकने की संभावना से भरा है। 2010 का साल इसलिए हमें कई भ्रमों से निजात दिलाता है और यह आश्वासन भी देकर जा […] Read more » media मीडिया
राजनीति मीडिया में मुर्दा बयानों की बाढ़ November 12, 2010 / December 20, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 14 Comments on मीडिया में मुर्दा बयानों की बाढ़ आरएसएस के पूर्व सरसंघसंचालक के.सी. सुदर्शन साहब दो दिन पहले भोपाल में बोले और खूब बोले। किसी को उनके बोलने पर आपत्ति नहीं है। उन्हें भारत के धर्मनिरपेक्ष कानून और संविधान ने यह अधिकार दिया है वे और उनके अनुयायी इसका उपयोग करें। मजेदार बात यह है स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौका […] Read more » media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ पारदर्शी हो मीडिया ताकि नई पौध को अवसर मिले November 3, 2010 / December 20, 2011 by संजय कुमार | 2 Comments on पारदर्शी हो मीडिया ताकि नई पौध को अवसर मिले -संजय कुमार जनसंचार शब्द से आज कोई अछूता नहीं है। खासकर जब 1780 में हिक्की ने भारत में जनसंचार के माध्यम समाचार पत्र की शुरुआत कर क्रांति का बीज जो डाला था, वह छोटा सा वृक्ष आज विशाल बरगद बन चुका है। संवाद को एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने के लिए जिन जनसंचार […] Read more » Transparency in media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ टीवी में आतंकी इमेजों का स्वाँग August 6, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on टीवी में आतंकी इमेजों का स्वाँग -जगदीश्वर चतुर्वेदी मुंबई शांत और सामान्य है। भारत-पाक संबंध गरम और नरम हैं। 26 नबम्वर 2008 की घटना को लोग भूलने लगे हैं। शहर अपनी धुन में लौट आया है। शहर शांत है किंतु देश की राजनीति अशांत है। आतंक की खूबी है वह सत्ता को अशांत रखता है। सत्ता के सामने दो ही रास्ते […] Read more » terrorism आतंकवाद मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ ये है दिल्ली मेरी जान August 2, 2010 / December 22, 2011 by लिमटी खरे | Leave a Comment -लिमटी खरे मानो या ना मानो ‘मीडिया बन चुकी है धन कुबेर की लौंडी‘ स्वच्छ, निष्छल, निर्भीक, जनसेवा के लिए की जाने वाली पत्रकारिता के दिन लद चुके हैं। अब जमाना पेड न्यूज का आ चुका है। मीडिया की लगाम वाकई में धनपतियों के हाथों में जा चुकी है। पेड न्यूज पर देशभर में हो […] Read more » media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ मीडिया इमेजों में नकली औरत के खेल July 29, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on मीडिया इमेजों में नकली औरत के खेल -जगदीश्वर चतुर्वेदी कामुकता के कारण लिंगभेद पैदा होता है, अत: लिंगभेद को जानने का सबसे प्रभावी तरीका यही है कि कामुकता का गंभीरता से मूल्यांकन किया जाए। मेकनिन ने रेखांकित किया है कि लिंगों के बीच में विषमता का प्रधान कारण कामुकता है। मीडिया में स्त्रियों के विज्ञापन देखकर पहले यह कहा जा सकता था […] Read more » media मीडिया
प्रवक्ता न्यूज़ लोकतंत्र की खातिर मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी समझे July 24, 2010 / December 23, 2011 by अनिल सौमित्र | 1 Comment on लोकतंत्र की खातिर मीडिया भी अपनी जिम्मेदारी समझे -अनिल सौमित्र आजकल मीडिया में आतंकवाद, खासकर ‘हिन्दू आतंक’ चर्चा में है। ऐसा भी कहा जा सकता है कि ‘हिन्दू आतंक’ मीडिया के कारण ही चर्चा में है। कई बार किसी खास मुद्दे और विषय पर चर्चा करते समय उस मुद्दे पर कम और उसके माध्यम पर अधिक चर्चा होने लगती है। कुछ ऐसा ही […] Read more » media मीडिया