धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 59 October 1, 2024 / October 1, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रामचंद्र जी का अभिषेक रामचंद्र जी के अभिषेक से पूर्व उनकी एक शोभा यात्रा निकाली गई । जिससे नगर निवासी भी यह देख लें कि उनके राजा श्री राम स्वदेश लौट आए है। शंखघोष करते हुए यह शोभा यात्रा आगे बढ़ती जा रही थी। इस समय हनुमान जी, विभीषण जी, जामवंत जी और अनेक अतिथि […] Read more » मेरे मानस के राम रामचंद्र जी का अभिषेक
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 58 October 1, 2024 / October 1, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment भरत का विनम्र आग्रह भरत जी जब अपने भाई श्री राम जी के पास पहुंच जाते हैं तो उन्हें देखकर रामचंद्र जी अत्यंत प्रसन्न होते हैं। उन्होंने महात्मा भरत को अपनी गोद में बैठाकर उनका आलिंगन किया। तत्पश्चात भरत जी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए और अपना नाम उच्चारण करते हुए लक्ष्मण और सीता जी […] Read more » Ram of my mind: Chapter 58 मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 46 September 14, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment लक्ष्मण जी का उपचार ( यहां पर यह बात ध्यान देने की है कि जब लक्ष्मण जी को शक्ति लगी तो उनका ह्रदय फट गया था। यदि आज ऐसी घटना हो जाए तो हमारे चिकित्सकों के पास ऐसा कोई उपाय नहीं है जो फटे हुए हृदय को ठीक कर सके। इससे पता चलता है कि […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 45 September 13, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राम रावण युद्ध जब रामचंद्र जी के साथ सभी दिव्य शक्तियों के सहयोग और संयोग की बात की जाती है तो उसका अभिप्राय यह समझना चाहिए कि न्याय, धर्म और सत्य जिसके साथ होता है, उसके साथ परमपिता परमेश्वर की शक्ति आशीर्वाद के रूप में सदा साथ बनी रहती है। प्रकृति की सकारात्मक ऊर्जा सात्विक […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 43 September 11, 2024 / September 11, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सीता की हत्या करने का रावण का विचार बांह पसारे राम ने, किया लखन सत्कार।गले लगाया प्यार से , सिर सूंघा कई बार।। लक्ष्मण जी की चोट को , सह न पाए राम ।नि:श्वास लेने लगे , कहा – करो आराम ।। ( आज रामचंद्र जी के लिए बहुत ही कष्ट का समय था। उन्हें […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म मेरे मानस के राम : अध्याय 40 September 10, 2024 / September 10, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment नकली सीता का वध राक्षसी शक्तियां प्राचीन काल से ही युद्ध को येन- केन- प्रकारेण जीतने का प्रयास करती रही हैं। इसके लिए उन्होंने युद्ध में भी धर्म निभाने की भावना को पूर्णतया उपेक्षित किया। हमारे प्राचीन साहित्य में सकारात्मक या धर्म की रक्षा के लिए युद्ध लड़ने वाली शक्तियों के द्वारा कहीं पर भी […] Read more » मेरे मानस के राम
लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 28 August 21, 2024 / August 22, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण के गुप्तचर और श्रीराम इसी समय शुक और सारण नाम के दो गुप्तचर फिर रामचंद्र जी की गुप्त सूचनाओं लेने के लिए आ गए। रामचंद्र जी ने इस बार फिर अपनी उदारता का परिचय दिया और उनसे बड़े प्यार से कह दिया कि यदि आप सफल मनोरथ हो गए हो तो ससम्मान अपने देश […] Read more » मेरे मानस के राम
प्रवक्ता न्यूज़ लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 27 August 21, 2024 / August 21, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राम द्वारा विभीषण का स्वागत विभीषण जी के आगमन पर हनुमान जी ने उनके उदार चरित्र और धर्म प्रेमी व्यक्तित्व के विषय में रामचंद्र जी को पहले ही सब कुछ बता दिया था। न्याय, नीति और धर्म में निपुण विभीषण जी का उनके व्यक्तित्व के अनुरूप सम्मान करने के लिए रामचंद्र जी ने भी मन […] Read more » मेरे मानस के राम
धर्म-अध्यात्म लेख समाज मेरे मानस के राम : अध्याय 23 August 14, 2024 / August 13, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हनुमान लंका जलाकर लौट आए राम के पास हनुमान जी ने रावण की लंका को जलाया । इसका अभिप्राय यह नहीं है कि उन्होंने सारे लंका देश को ही जलाकर समाप्त कर दिया था। भारतीय धर्म और परंपरा भी ऐसा नहीं कहती कि निरपराध लोगों को आप अपने बल के वशीभूत होकर समाप्त कर दें। […] Read more » मेरे मानस के राम
लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 18 August 5, 2024 / August 5, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अध्याय 18 सीता जी और रावण का संवाद उस अशोक वाटिका में हनुमान जी ने एक ऊंचे उठे हुए गोलाकार भवन को देखा। यह भवन अत्यंत निर्मल था और ऊंचाई में आकाश से बातें करता था। उस भवन को देखते हुए हनुमान जी ने मैले वस्त्रों से युक्त रक्षसियों से घिरी हुई, उपवास करने से […] Read more » मेरे मानस के राम
लेख मेरे मानस के राम :अध्याय 17 July 31, 2024 / July 31, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment रावण के महल और अशोक वाटिका का चित्रण जब हनुमान जी रावण की राजधानी लंका में पहुंच गए तो वहां उन्होंने बने हुए उत्तम राजप्रासाद के मध्य एक स्वच्छ और निर्मल विशाल भवन को देखा। अब उनकी एक ही इच्छा थी कि यहां पर सीता जी कहां हो सकती हैं ? उस भवन में इधर-उधर […] Read more » मेरे मानस के राम
लेख मेरे मानस के राम : अध्याय 15 July 25, 2024 / July 25, 2024 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment सीता जी की खोज का दूसरा अभियान लक्ष्मण ने आकर जब सुग्रीव को झकझोरा तो वह अपने कर्तव्य के प्रति सावधान और सजग होकर पूर्ण मनोयोग से सीता जी की खोज में लग गया। वानरराज ने तुरंत अपने सैनिकों को समुचित निर्देश दिए और चारों दिशाओं में उन्हें सीता जी की खोज के लिए भेज […] Read more » मेरे मानस के राम