जरूर पढ़ें सुप्रीम कोर्ट आखिर चाहता क्या है ? April 26, 2014 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’- इस बात की चर्चा करनी होगी और चिन्तन भी करना होगा कि कानून की व्याख्या के नाम पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित किये जाने वाले निर्णयों का न्यायिक औचित्य भी सिद्ध होना चाहिये, अन्यथा पिछले कुछ निर्णयों को देखें तो न्यायिक निर्णय भी प्रशासनिक निर्णयों की तरह नाइंसाफी और मनमानी को […] Read more » कोर्ट का निर्णय सुप्रीम कोर्ट
महत्वपूर्ण लेख समाज कहाँ जा रहा है लोकतंत्र: सुप्रीम कोर्ट के भरोसे चल रहा है देश March 28, 2012 / July 22, 2012 by भार्गव चन्दोला | 2 Comments on कहाँ जा रहा है लोकतंत्र: सुप्रीम कोर्ट के भरोसे चल रहा है देश भार्गव चन्दोला क्या हो गया है लोकतंत्र को जब राजनीतिक पार्टियों का अपने नेताओं अपने कार्यकर्ताओं पर ही विश्वाश नहीं हैं तो वो जनता के विश्वाश पर कैसे खडे उत्तरेंगे ? बी.जे.पी. ने अपने उत्तराखंड के सभी विधायक उज्जैन में एकत्रित कर रखे थे और सभी विधायकों के मोबाइल भी ले रखे थे ताकि वो […] Read more » democracy and Supreme Court लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट
विधि-कानून गम्भीर मुद्दा फैसले कहा से होगे ,जज साहब ही नही May 25, 2011 / December 12, 2011 by शादाब जाफर 'शादाब' | 1 Comment on गम्भीर मुद्दा फैसले कहा से होगे ,जज साहब ही नही फरवरी 2010 में दिल्ली हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त हुए मुख्य न्यायाधीश एपी शाह ने सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशो की नियुक्ति में पारदिशर्ता की जरूरत है कहते हुए एक ब्यान दिया था। 2005 में तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आर सी लाहोटी ने सार्वजनिक रूप से ये कहा था कि आने वाले दिन एलपीजी के है। […] Read more » Virappa moily कानून एंव विधि मंत्री वीरप्पा मोइली गम्भीर मुद्दा जज साहब फैसले सुप्रीम कोर्ट
विधि-कानून ग्राहम स्टेन्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने January 26, 2011 / December 15, 2011 by आर.एल. फ्रांसिस | 3 Comments on ग्राहम स्टेन्स और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मायने आर.एल.फ्रांसिस जस्टिस नियोगी की रिर्पोट को हम नहीं मानते, धर्मांतरण विरोधी कानून हमारी धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला हैं। डीपी वाधवा आयोग की रिर्पोट झूठ बोलती है। कंधमाल में हुए साप्रदायिक दंगों के बाद बनाए गए जस्टिस एससी मोहपात्रा आयोग की रिर्पोट दक्षिणपंथी संगठनों के प्रभाव में बनाई गई लगती है इसलिए यह विचार करने योग्य […] Read more » Supreme Court ग्राहम स्टेन्स सुप्रीम कोर्ट
राजनीति सुप्रीम कोर्ट बनाम लोकतंत्र February 21, 2010 / December 24, 2011 by गोपाल सामंतो | 5 Comments on सुप्रीम कोर्ट बनाम लोकतंत्र एक तरफ तो साल दर साल हम गणतंत्र दिवस मनाते हुए बड़े गर्व से कहते हैं कि हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नागरिक है, और दूसरी ओर देश के लोकतांत्रिक ढांचे को किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचाने की कोशिश ढके-छुपे तौर पर जारी रहती है। हमारे देश में ”लोगों द्वारा […] Read more » Supreme Court लोकतंत्र सुप्रीम कोर्ट
विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक टिप्पणी January 30, 2010 / December 25, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 6 Comments on सुप्रीम कोर्ट की ऐतिहासिक टिप्पणी पहली पत्नी के रहते कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरा विवाह नहीं कर सकता सुप्रीम कोर्ट की उस ऐतिहासिक टिप्पणी से मुस्लिम महिलाओं को काफ़ी राहत मिलेगी, जिसमें कोर्ट ने कहा है कि पहली पत्नी के रहते कोई भी सरकारी कर्मचारी दूसरा विवाह नहीं कर सकता. दरअसल, कोर्ट ने राजस्थान सरकार के उस फ़ैसले को सही […] Read more » Supreme Court मुस्लिम महिला सुप्रीम कोर्ट
प्रवक्ता न्यूज़ विधि-कानून सुप्रीम कोर्ट ने दिया घारा 377 पर सरकार को नोटिस July 9, 2009 / December 27, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | Leave a Comment समलैंगिक संबंधों को अपराध नहीं मानने के फैसले को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने केंद्र व दिल्ली सरकार के साथ-साथ गैर सरकारी संगठन नाज फाउंडेशन को गुरुवार को नोटिस जारी किया है। पिछले दिनों दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस बाबत अपना फैसला सुनाया था, जिससे देश में एक […] Read more » Supreme Court सुप्रीम कोर्ट