विविधा विकास का पहिया विस्थापन के लिए ही क्यों घूमता है? December 11, 2010 / December 19, 2011 by अखिलेश आर्येन्दु | Leave a Comment अखिलेश आर्येन्दु केंद्र सरकार पिछले कई सालों से विस्थापितों के पुनर्वास की एक मुक्कमल नीति बनाने की बात कहती रही है। लेकिन आजादी के 63 साल बाद भी अंग्रेजों द्वारा बनाया गया 1894 का भूमि अधिग्रहण कानून कुछ संशोधनों के साथ आज भी पूरे देश में लागू है। जो संशोधन किए गए, वे विस्थापितों के […] Read more » Developement विकास विस्थापन
खेत-खलिहान भारत को पहले विकास की अवधारणा पर करना होगा विचार October 20, 2010 / December 20, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 4 Comments on भारत को पहले विकास की अवधारणा पर करना होगा विचार – डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री भारत में विकास की बहुत चर्चा हो रही है। कई बार अमेरिका के कुछ अखबार पत्र पत्रिकाएं या अर्थशास्त्री यह आकलन कर देते हैं आने वाले वर्षों में भारत विकास की दृष्टि से बडे-बडे देशों को पराजित कर देगा। अपने इधर के कुछ लोग जब ऐसा सुनते हैं तो नाच-गाना […] Read more » Developement विकास की अवधारणा
विविधा विकास के अनंत अवरोधक October 18, 2010 / December 20, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | 1 Comment on विकास के अनंत अवरोधक – डॉ. मनोज चतुर्वेदी गांव की चौपालों पर बैठा हुआ नौजवान, किसान, कुंभकार, ग्वाला हो या विश्वविद्यालयों में एम. फिल तथा पी-एच-डी. किया हुआ नौजवान हो। सबके मन में एक ही पीड़ा है कि भारतीय समाज को कैसे बदला जाए? इस पर लंबे-चौड़े शोध पत्र तैयार करते हैं। कुल मिलाकर सबका यही कहना होता है […] Read more » Developement चौपाल
विविधा विकास की विडम्बना झेलते लोग October 14, 2010 / December 21, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on विकास की विडम्बना झेलते लोग -राखी रघुवंशी यह जरूरी नहीं कि सरकारी विकास योजनाएं हमेशा लोगों के लिए फायदेमंद ही हो। बल्कि कई बार ये उन्हीं लोगों को संकट में डाल देती है, जिनके हित में बनाई गई है। राजस्थान और मध्यप्रदेश में इस तरह की कुछ घटनाएं सामने आई है, जो सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के तरीकों और नीतियों […] Read more » Developement विकास
विविधा अधूरे है मिलेनियम डेवलपमेंट गोल हासिल करने के प्रयास October 9, 2010 / December 21, 2011 by पंकज चतुर्वेदी | 3 Comments on अधूरे है मिलेनियम डेवलपमेंट गोल हासिल करने के प्रयास –पंकज चतुर्वेदी संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों ने एक लंबे आंकलन के बाद यह देखा की आज भी भू-भाग के कई हिस्से तरक्की के तमाम दावों के बाद भी विकास की दौड़ में बहुत पीछे है या ऐसा कहा जाये की विकास उन से कोसो दूर है तो असत्य नहीं होगा। अनेक देश गरीबी, […] Read more » Developement विकास
विविधा खुशहाली के नये आयाम, विकास का स्पंदन म.प्र. की पहचान August 25, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 5 Comments on खुशहाली के नये आयाम, विकास का स्पंदन म.प्र. की पहचान – भरतचंद्र नायक अयोध्या में ढांचा गिरने के बाद 1992 में मध्यप्रदेश सहित चार राज्यों की भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को तत्कालीन नरसिंहराव सरकार ने भंग कर एकतरफा कार्यवाही का संकेत दिया। बाद में हुए चुनावों में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में बनी और दस वर्षों में इतनी निरंकुश […] Read more » Developement विकास
आर्थिकी कहां और कैसा विकास August 6, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on कहां और कैसा विकास -चन्द्रकांत सारास्वत केन्द्र में जब वाजपेयी की सरकार थी तब उन्होंने ‘भारत उदय’ की बात की थी। उसके बाद आई कांग्रेस सरकार के मंत्री भी बार-बार ये दोहराते रहते हैं कि भारत विकास कर रहा है। सरकार आम आदमी का विकास कर रही है। सरकारों के इस राग में मीडिया भी ताल दे रहा है। […] Read more » Developement विकास
विविधा शौचालय कम, मोबाइल ज्यादा June 22, 2010 / December 23, 2011 by अतुल तारे | 3 Comments on शौचालय कम, मोबाइल ज्यादा -अतुल तारे क्या यह आंकडा भारत सरकार की आंखे खोल देने के लिए पर्याप्त नहीं है कि भारत में शौचालय से ज्यादा मोबाइल हैं? संयुक्त राष्ट्र की युनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट फॉर वाटर एनवायरमेंट एंड हेल्थ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में 54.5 करोड मोबाइल हैं जो देश की 45 फीसदी आबादी की जरुरत को […] Read more » Developement विकास
विविधा बिहार की सफलता की कहानी, सड़कों और सेतुओं की जुबानी June 15, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | Leave a Comment -सतीश सिंह बिहार में विधानसभा का चुनाव अब नजदीक आ चुका है। कुछ ही दिनों के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो जायेंगी। सुगबुगाहट तो शुरु भी हो चुकी है। इस बार चुनाव में सघन चुनाव प्रचार के लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक बिहार के दूर-दराज इलाकों को जोड़ती हुई सड़कें और सेतुएं होंगी। इनके दम पर […] Read more » Developement बिहार विकास
विविधा विकासमूलक संचार की तलाश में March 12, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment विकासमूलक सम्प्रेषण का लक्ष्य है शोषण से मुक्ति दिलाना। व्यक्तिगत और सामुदायिक सशक्तिकरण। इस अर्थ में विकासमूलक सम्प्रेषण सिर्फ संदेश देने का काम नहीं करता बल्कि ‘मुक्तिकामी सम्प्रेषण’ है। आम लोगों में यह भाव पैदा करता है कि वे स्वयं भविष्य निर्माता बनें। इस प्रक्रिया में सभी शामिल हों। न कि सिर्फ लक्ष्यीभूत ऑडिएंस। इस […] Read more » Developement विकासमूलक संचार