समाज परिवार के सदस्य अस्थाई होने के कारण कभी भी साथ छोड़ सकते हैं March 23, 2020 / March 23, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य सामाजिक प्राणी है। समाज में हम जिन लोगों से परिचित हैं वह सभी वर्तमान में अपनी–अपनी आयु के किसी चरण या सोपान पर है। मनुष्य की भी एक औसत आयु है तथा इसी प्रकार से अन्य प्राणियों की भी अधिकतम आयु होती है। मनुष्य की अधिकतम आयु एक सौ वर्ष […] Read more » family Family members can leave anytime due to being temporary
समाज परिवार संस्कृति भुलाने का दर्द July 19, 2019 / July 19, 2019 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का भाव सदैव से धारण किए हुए भारतीय समाज ने पूरी वसुधा को अपना परिवार माना है। परंतु वर्तमान में विश्व तो दूर, हमारी परिवार परम्परा की बिखरने के कगार पर खड़ी है। संयुक्त परिवार में ही नहीं एकल परिवारों में कलह के बादल मंडरा रहे हैं। हमारी संस्कृति […] Read more » family pain of forgetting Tradition
विविधा आदर्श परिवार निर्माण में युवाओं की भूमिका December 12, 2011 / December 12, 2011 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मनोज चतुर्वेदी भारतीय संस्कृति में ही अपना कुटुंब है कि अवधारणा रही है, पर पाश्चात्य संस्कृति ने यौन संबंधों द्वारा पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री को ही परिवार माना है। यह कहां तक सही है, इस पर विचार करने की जरूरत है। क्या स्वयं में ‘मैं’ ही परिवार हूं? क्या पुरूष और स्त्री का एक साथ […] Read more » family youth परिवार युवा
समाज एक सामाजिक प्रश्नः बिन फेरे हम तेरे March 26, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | 6 Comments on एक सामाजिक प्रश्नः बिन फेरे हम तेरे परिवार नाम की संस्था को बचाने आगे आएं नौजवान भारत और उसकी परिवार व्यवस्था की ओर पश्चिम भौंचक होकर देख रहा है। भारतीय जीवन की यह एक विशेषता उसकी तमाम कमियों पर भारी है। इसने समाज जीवन में संतुलन के साथ-साथ मर्यादा और अनुशासन का जो पाठ हमें पढ़ाया है उससे लंबे समय तक हमारा […] Read more » family परिवार संस्था
समाज क्या हम परिवार को बचा पाएंगे ? June 8, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 2 Comments on क्या हम परिवार को बचा पाएंगे ? घर में शिशु संगोपन और शिशु संस्कार अत्यन्त उपेक्षित विषय बन गए हैं , जो आने वाली पीढी के लिए प्रतिकूल परिणामदायक होगी । आज की आधुनिक शिक्षा ने उपभोगवादी मानसिकता को इतना बढावा दिया है Read more » family परिवार