विविधा थम नहीं रहा नक्सली कहर April 25, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment दरअसल ऐसे तर्क अधिकारी अपनी खामियों पर पर्दा डालने के नजरिये से देते हैं, जबकि हकीकत में नक्सली हमला बोलकर भाग निकलने में सफल हो जाते हैं। इस हमले से तो यह सच्चाई सामने आई है कि नक्सलियों का तंत्र और विकसित हुआ है, साथ ही उनके पास सूचनाएं हासिल करने का मुखबिर तंत्र भी हैं। हमला करके बच निकलने की रणनीति बनाने में भी वे सक्षम हैं। इसीलिए वे अपनी कामयाबी का झण्डा फहराए हुए हैं। बस्तर के इस जंगली क्षेत्र में नक्सली नेता हिडमा का बोलबाला है। वह सरकार और सुरक्षाबलों को लगातार चुनौती दे रहा हैं और राज्य एवं केद्र सरकार के पास रणनीति की कमी है। यही वजह है कि नक्सली क्षेत्र में जब भी कोई विकास कार्य होता है तो नक्सली उसमें रोड़ा अटका देते हैं। सड़क निर्माण के पक्ष में तो नक्सली कतई नहीं रहते हैं, क्योंकि इससे पुलिस व सुरक्षाबलों की आवाजाही आसन हो जाएगी। Read more » 26 crpf jawans killed in naxal attack in Sukma Featured naxal attack in sukma नक्सली कहर बस्तर
राजनीति अब और गहराएगा राम मंदिर का मुद्दा April 25, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment आजादी के बाद 1949 में मस्जिद में भगवान राम की मूर्तियां पाई गई। एकाएक इन मूर्तियों के प्रकट होने पर मुस्लिमों ने विरोध जताया। दोनों पक्षों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। नतीजतन सरकार ने इस स्थल को विवादित घोषित कर ताला डाल दिया और दोनों संप्रदाओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। 1984 में विहिप ने भगवान राम के जन्मस्थल को मुक्त करके वहां राम मंदिर का निर्माण करने के लिए एक समिति का गठन किया। इस अभियान का नेतृत्व भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने संभाला। 1986 में जब केंद्र में प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार थी तब फैजाबाद के तत्कालीन कलेक्टर ने हिंदुओं को पूजा के लिए विवादित ढांचे के ताले खोल दिए। इसके परिणामस्वरूप मुस्लिमों ने बावरी मस्सिद संघर्ष समिति बना ली। Read more » Featured अयोध्या उमा भारती भाजपा मुरली मनोहर जोशी राम मंदिर लालकृष्ण आडवाणी विनय कटियार विवादित ढांचा विध्वंस मामले विश्व हिंदु परिषद् शिवसेना
पर्यावरण विविधा नदियों का सूखना April 25, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment गंगा का संकट टूटते हिमखंड ही नहीं हैं, बल्कि औद्योगिक विकास भी है। कुछ समय पूर्व अखिल भारतीय किसान मजदूर संगठन की तरफ से बुलाई गई जल संसद में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जरिए जलस्रोतों के दुरूपयोग और इसकी छूट दिए जाने का भी विरोध किया था। कानपुर में गंगा के लिए चमड़ा, जूट और निजी वोटलिंग प्लांट संकट बने हुए है। टिहरी बांध बना तो सिंचाई परियोजना के लिए था, लेकिन इसका पानी दिल्ली जैसे महानगरों में पेयजल आपूर्ति के लिए कंपनियों को दिया जा रहा है। गंगा के जलभराव क्षेत्र में खेतों के बीचो-बीच पेप्सी व काॅक जैसी निजी कंपनियां बोतलबंद पानी के लिए बड़े-बड़े नलकूपों से पानी खींचकर एक ओर तो मोटा मुनाफा कमा रही हैं, वहीं खेतों में खड़ी फसल सुखाने का काम कर रही है। Read more » Featured कनाडा की स्लिम्स नदी का सूखना नदियों का सूखना स्लिम्स नदी स्लिम्स नदी का सूखना
लेख साहित्य राष्ट्रभाषा ही आत्मीय संस्कृति की अस्मिता की जनक । April 25, 2017 / April 25, 2017 by प्रो. पुष्पिता अवस्थी | Leave a Comment यूरोप के किसी देश में, यह फ्रांस हो या जर्मनी, स्पेन हो या पुर्तगाल, नीदरलैंड हो या पोलैंड । इन देशों में भारतवंशी जब आपस में मिलेंगे तो हिंदुस्तानी में वैसेही बातें करेंगे जिस तरह फ्रेंच से फ्रेंच और जर्मन से जर्मन बिना किसी हीनता ग्रंथि के आपस में संवाद करते हैं । भारतवंशियों को हिंदी भाषा परिवार की बोलियां उसी कोटि की हैं । जैसे फ्रेंच- जर्मन और डच भाषा परिवार की बोलियां । लेकिन यूरोप सहित विश्व के किसी भी देश में यदि कोई 15 - 20 वर्ष से रह रहा भारतीय किसी दूसरे भारतीय से मिलेगा तो वह अंग्रेजी में बातें करेगा। यह कहना अतिशयोक्ति न होगा कि यूरोप सहित अन्य देशों में भारतीयों के कारण हीअंग्रेजी बसर कर रही है ,उस देश के आम नागरिकों के कारण नहीं। Read more » Featured आत्मीय संस्कृति की अस्मिता की जनक । राष्ट्रभाषा
विविधा नक्सलियो पर भी हो सर्जीकल स्ट्राइक April 25, 2017 by डा रवि प्रभात | Leave a Comment मैं अपने इस लेख के माध्यम से मोदी सरकार से आह्वान करना चाहता हूँ कि कांग्रेसमुक्त-भारत की कल्पना को जनता ने अपना लिया है,वह इसे स्वयं साकार करेगी ,अब सरकार को नक्सल-आतंक मुक्त भारत के सपने को साकार करने के लिए कटिबद्ध हो जाना चाहिए। आतंक मुक्त भारत बनाने का कठोर संकल्प लेकर सशक्त रणनीति के साथ मैदान में उतरे तभी कुछ सार्थक परिवर्तन होगा। Read more » Featured naxal free India कांग्रेसमुक्त-भारत की कल्पना नक्सल-आतंक मुक्त भारत नक्सली हमले में 25 जवानों की शहादत सर्जिकल स्ट्राइक सुकमा
समाज भोग से मुक्ति का मार्ग दिखाता है योग April 24, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 1 Comment on भोग से मुक्ति का मार्ग दिखाता है योग आज जब सम्पूर्ण विश्व योग के महत्व को समझ रहा है तो हम लोग भी इसे अपने आचरण में उतार कर न सिर्फ अपने स्वयं के स्वास्थ्य बल्कि अपने आस पास के सम्पूर्ण वातावरण में एक नई ऊर्जा का संचार कर सकते हैं। जिस प्रकार हमारे शरीर का कोई भी अंग तभी तक जीवित रहता है जब तक कि वह हमारे शरीर से जुड़ा है,कोई भी फूल, पत्ता या फिर फल जब तक अपने पेड़ से जुड़ा है सुरक्षित एवं संरक्षित है उसी प्रकार हमें भी अपनी सुरक्षा के लिए प्रकृति से जुड़ना होगा यह बात योग हमें सिखाता है। Read more » Featured भोग से मुक्ति योग
विविधा गांधीवाद की परिकल्पना-9 April 24, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य महात्मा की अपेक्षाएं महात्मा तो वह होता है जिसकी आत्मा संसार के महत्व को समझकर विषमताओं, प्रतिकूलताओं और आवेश के क्षणों में भी जनसाधारण के प्रति असमानता का व्यवहार न करते हुए समभाव का ही प्रदर्शन करती है, किंतु जिसका व्यवहार हठीला हो, दुराग्रही हो, सच को सच न कह सकता हो, […] Read more » Featured गाँधीजी गाँधीवाद देश विभाजन मानवीय मूल्य
विविधा गांधीवाद की परिकल्पना-8 April 24, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हमारी सरकारों ने गांधीवाद का चोला पहनकर सूचना पाने वाले को उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार माना है। यह कैसी घोर विडंबना है कि सूचना पाने का अधिकार देकर भी उसे सही सूचना (इतिहास की सही जानकारी) से वंचित रखा जा रहा है। इस भयंकर और अक्षम्य षडय़ंत्र पर से पर्दा उठना चाहिए कि वे कौन लोग हैं जो हमारे सूचना पाने के मौलिक और संवैधानिक अधिकार में बाधक हैं? ऐसा नाटक अब बंद होना चाहिए, जिससे पर्दे के पीछे से सत्य, अहिंसा और बंधुत्व के कोरे आदर्शों की भी हत्या की जा रही है। किंतु फिर भी देश पर गांधीवाद के आदर्शों को लपेटा जा रहा हो और उसे बलात् थोपा जा रहा हो। Read more » Featured Gandhiwad अधिकार गांधी गाँधीवाद गांधीवाद की परिकल्पना धर्म राजनीति
राजनीति केरल में बढ़ती हिंसा चिंताजनक April 24, 2017 / April 28, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment केरल के मुसलमान आज भी बड़ी संख्या में खाड़ी देशों में काम के लिए जाते हैं। इससे उनके घर तथा मस्जिदें सम्पन्न हुई हैं। उनकी भाषा, बोली और रहन-सहन पर भी अरबी प्रभाव दिखने लगा है। यह चिंताजनक ही नहीं, दुखद भी है। देश विभाजन की अपराधी मुस्लिम लीग को देश में अब कोई नहीं पूछता, पर जनसंख्या और धनबल के कारण केरल में आज भी उनके विधायक और सांसद जीतते हैं। Read more » christians in Kerala Featured hindus in Kerala Muslims in Kerala Rss In kerala ईसाई केरल केरल में बढ़ती हिंसा बढ़ती हिंसा चिंताजनक
विश्ववार्ता बात मुद्दे की करो, बकवास न करो चीन April 24, 2017 / April 24, 2017 by ओंकारेश्वर पांडेय | Leave a Comment चीनी सरकार के साथ चीन की मीडिया का भारत के प्रति रुख लगातार धमकाने वाला है, जिससे भारत कतई नहीं डरने वाला। हाल ही में चीन के सरकारी मीडिया ने बीजिंग द्वारा अरुणाचल प्रदेश के छह स्थानों का नाम रखने पर भारत की प्रतिक्रिया को 'बेतुका' कहकर खारिज करते हुए चेताया कि अगर भारत ने दलाई लामा का 'तुच्छ खेल' खेलना जारी रखा तो उसे 'बहुत भारी' कीमत चुकानी होगी। दलाई लामा की अरूणाचल यात्रा से बौखलाये चीन ने इन छह स्थानों के ‘मानकीकृत’ आधिकारिक नामों की घोषणा कर पहले से जटिल चल रही स्थिति को और अधिक जटिल बना दिया है। Read more » Featured अरुणाचल प्रदेश चीन दलाई लामा पाकिस्तान भारतीय मीडिया
विश्ववार्ता तालिबान का काफिराना हमला April 24, 2017 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment तालिबान ने यह हमला उस मस्जिद पर किया है, जहां अफगानिस्तान के फौजी नमाज़ पढ़ रहे थे। नमाज पढ़ने और खाना खाते हुए निहत्थे जवानों को मारने वाले लोग क्या अपने आप को मुसलमान कहने के हकदार हैं? Read more » Featured तालिबान
मीडिया एक अजूबा यह भी : शिलालेख में विज्ञापन April 24, 2017 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment भारत में विज्ञापन संबंधी इतिहास खोजने वालों ने बताया है कि जहाँ तक उत्पादित माल बेचने के लिए विज्ञापन का संबंध है, संभवतः विश्व के सबसे पुराने विज्ञापन का श्रेय भारत को ही है । यह लगभग डेढ़ हजार वर्ष पुरानी बात है । तब देश के एक बड़े भाग पर कुमार गुप्त -प्रथम (415–455 ई.) का शासन था (जिसे शक्रादित्य और महेंद्रादित्य भी कहते हैं ; पिता चन्द्रगुप्त द्वितीय और माँ ध्रुवदेवी थीं जिन्हें ध्रुवस्वामिनी भी कहते हैं; प्रसिद्ध साहित्यकार जयशंकर ‘प्रसाद’ के इसी नाम के नाटक से कुछ पाठक परिचित ही होंगे) । कुमारगुप्त का साम्राज्य बंगाल से काठियावाड़ और हिमालय से नर्मदा तक फैला हुआ था । दिल्ली में क़ुतुब मीनार के पास खुले आकाश में खड़ा वह लौह स्तंभ भी कुमारगुप्त का ही बनवाया हुआ है जिसमें आजतक जंक नहीं लगी । Read more » Advertisement Featured विज्ञापन शिलालेख शिलालेख में विज्ञापन