राजनीति क्षेत्रीय दलों के गठबंधन में कांग्रेस का पेंच March 30, 2018 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव इस समय देश की राजनीति में नई करवट लाने की कोशिश पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा की जा रही है। इस नजरिए से उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन और नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ तीसरा मोर्चा बनाने का व्यापक अभियान छेड़ दिया है। ममता ने विपक्षीय दलों […] Read more » Congress screw in coalition of regional parties Featured mamta banerjee uniting opposition ममता बनर्जी
विविधा भारत को समावेशी और रोजगार आधरित विकास की जरूरत है March 30, 2018 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस आर्थिक विकास के मोर्चे पर तेजी से उभरते भारत के लिये असमानता और बढ़ती बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है। देश में स्वरोजगार के मौके घट रहे हैं और नौकरियां लगातार कम हो रहीं हैं। श्रम ब्यूरो के आंकड़े बताते हैं कि आज भारत दुनिया के सबसे ज्यादा बेरोजगारों का देश बन गया है, समावेशी विकास सूचकांक में हम बासठवें […] Read more » Featured अमीरी और ग़रीबी के बीच खाई क्रेडिट सुइस ग्लोबल भारत रोजगार आधरित विकास समावेशी
विश्ववार्ता किम की चीन-यात्रा के अर्थ March 30, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने चीन-यात्रा करके सारी दुनिया को चौंका दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके बीच पिछले दिनों जो नोक-झोंक चली थी, उसने सारी दुनिया में सनसनी फैला दी थी। डर यह था कि ट्रंप और किम दोनों ही बड़बोले हैं और दोनों का ही कोई […] Read more » Featured उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग किम की चीन-यात्रा
कविता सुकुमार सी मोहन हँसी ! March 30, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment सुकुमार सी मोहन हँसी, है श्याम सखि जब दे चली; वसुधा की मृदुता मधुरता, उनके हृदय थी बस चली ! करि कृतार्थ परमार्थ चित, हो समाहित संयत विधृत; वह सौम्य आत्मा प्रमित गति, दे साधना की सुभग द्युति ! है झलक अप्रतिम दे गई, पलकों से मुस्काए गई; संवित सुशोभित मन रही, चेतन चितेरी च्युत रही ! भूलत न भोले कृष्ण मन, वह सहजपन अभिनव थिरन; बृह्मत्व की जैसे किरण, विकिरण किए रहती धरणि ! वह धवलता सुकुमारिता, ब्रज वालिका की गहनता; हर आत्म की सहभागिता, ‘मधु’ के प्रभु की ज्यों खुशी ! रचयिता: गोपाल बघेल ‘मधु’ Read more » Featured सुकुमार सी मोहन हँसी !
विविधा आर्यावर्त्त के सदृश भूगोल में दूसरा कोई देश नहीं है” March 29, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on आर्यावर्त्त के सदृश भूगोल में दूसरा कोई देश नहीं है” -मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक देश है जिनकी कुल संख्या 195 है। इनमें से कोई भी देश मानवता की दृष्टि, ईश्वर व आत्मा के ज्ञान सहित भारत के स्वर्णिम अतीत व वर्तमान की तुलना में महत्वपूर्ण नहीं है। महर्षि दयानन्द ने अपने विश्व प्रसिद्ध ग्रन्थ सत्यार्थप्रकाश में लिखा है ‘आर्यावर्त्त देश ऐसा देश है […] Read more » Featured आर्यावर्त्त
समाज पैरेण्टिंग( परवरिश) March 29, 2018 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गङ्गानन्द झा अमेरिकी शिक्षाविद एवम् बच्चों की कहानों के लेखक केट विगिन(1856-1923) की उक्ति है, “इस संसार में जन्मा हर बच्चा विधाता का एक नया विचार है, एक सतत अम्लान एवम् दीप्तिमान सम्भावना।” जरूरत है कि माँ-बाप विधाता के विचार की सांकेतिक लिपि को समझने की निष्ठा रख पाएँ ताकि वे उसके विकास में सार्थक […] Read more » Featured पैरेण्टिंग
विविधा गोरे रंग का सौंदर्य शास्त्र औऱ विकृत मनोविज्ञान March 29, 2018 / March 29, 2018 by डॉ अजय खेमरिया | Leave a Comment डॉ अजय खेमरिया क्या हमारी चमड़ी का रंग एक अति विशिष्ट मानसिकता को जन्म देता है मोटे तौर पर तो रंग का आपके कार्यव्यवहार,वयक्तित्व, सद्गुण, से कोई रिश्ता नही होता पर लोकाचार में आपकी चमड़ी का गोरा या कम गोरा होना बड़ा महत्व रखता है हम भारतीयों के बीच तो यह एक ग्रन्थि का निर्माण […] Read more » Featured गोरे रंग गोरे रंग का सौंदर्य शास्त्र सौंदर्य शास्त्र
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-78 March 29, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का चौदहवां अध्याय और विश्व समाज क्या है त्रिगुणातीत? जब श्रीकृष्णजी ने त्रिगुणों की चर्चा की और लगभग त्रिगुणातीत बनकर आत्म विजय के मार्ग को अपनाकर जीवन को उन्नत बनाने का प्रस्ताव अर्जुन के सामने रखा तो अर्जुन की जिज्ञासा मुखरित हो उठी। उसने अन्त:प्रेरणा से प्रेरित होकर श्रीकृष्णजी […] Read more » Featured आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग गीता का कर्मयोग और आज का विश्व त्रिगुणातीत विश्व समाज
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-77 March 29, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गीता का चौदहवां अध्याय और विश्व समाज मलीन बस्तियों में रहने वाले लोगों को हमें उनके भाग्य भरोसे भी नहीं छोडऩा चाहिए। उनके उत्थान व कल्याण के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कार्य होते रहने चाहिएं। उनके विषय में हमने जो कुछ कहा है वह उनकी दयनीय अवस्था को ज्यों […] Read more » Featured आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग गीता का चौदहवां अध्याय विश्व समाज
धर्म-अध्यात्म वैदिक समाज व्यवस्था में शूद्र वर्ण के कर्तव्य एवं अधिकार March 29, 2018 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on वैदिक समाज व्यवस्था में शूद्र वर्ण के कर्तव्य एवं अधिकार मनमोहन कुमार आर्य वैदिक समाज व्यवस्था को वैदिक वर्ण व्यवस्था के नाम से जाना जाता है। वर्ण का अर्थ चुनना या चयन करना होता है। ब्राहमण आदि श्रेष्ठ वर्णों का चयन मनुष्य को अपने गुण, कर्म व स्वभाव सहित अपनी योग्यता के अनुसार ही करना होता है। सभी मनुष्य विद्यालय जाते हैं। एक कक्षा में […] Read more » Featured वैदिक समाज व्यवस्था शूद्र वर्ण शूद्र वर्ण के अधिकार शूद्र वर्ण के कर्तव्य
विविधा हबीबगंज जंक्शन प्राइवेट लिमिटेड March 29, 2018 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस सरकार हमारे रेलवे स्टेशनों को एअरपोर्ट के तर्ज पर विकसित करना चाहती है. हाल ही में वित्त मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की स्वीकृति दी है जिसके तहत रेलवे स्टेशनों का व्यावसायिक व रिहायशी उपयोग भी किया जा सकेगा. इस व्यवस्था के तहत रेल मंत्रालय अपने आप को यातायात […] Read more » Featured Habbganj railway station India irst private railway station रेल डेवलपमेंट अथॉरिटी हबीबगंज जंक्शन हबीबगंज जंक्शन प्राइवेट लिमिटेड हबीबगंज रेलवे स्टेशन हबीबगंज रेलवे स्टेशन वर्ल्ड क्लास
कविता बचपन की शाम March 29, 2018 by राकेश कुमार पटेल | Leave a Comment बचपन की शाम बचपन की हर शाम होती थी हमारे नाम स्कूल से छुट्टी पाकर आँगन में शोर गुल हल्ला मचाकर किसी और की न मिले तो अपने कपड़े फाड़कर कुछ उपहास के साथ कोई टूटी फूटी गीत गाकर हर शाम बीतता था शोर गुल हल्ला मचा कर किसी की कलम चोरी करके लाये होते […] Read more » Featured बचपन की शाम