समाज साक्षात्कार सार्थक पहल मीडिया, स्त्री और सनसनी: क्या हम न्याय कर पा रहे हैं? April 9, 2025 / April 9, 2025 by डॉ. सत्यवान सौरभ | Leave a Comment “धोखे की खबरें बिकती हैं, लेकिन विश्वास की कहानियाँ दबा दी जाती हैं — क्या हम संतुलन भूल गए हैं?” मीडिया में स्त्रियों की छवि और उससे जुड़ी सनसनीखेज रिपोर्टिंग ने आज गंभीर सवाल पैदा कर दिये है। कुछ घटनाओं में स्त्रियों द्वारा किए गए अपराधों को मीडिया बढ़ा-चढ़ाकर दिखाता है, जिससे पूरे स्त्री वर्ग […] Read more » media women and sensationalism women and sensationalism: Are we doing justice? मीडिया स्त्री और सनसनी स्त्री और सनसनी: क्या हम न्याय कर पा रहे हैं
मीडिया विविधा मीडिया का बदलता रूप एवं प्रभाव February 23, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment हिन्दी शब्द ‘माध्यम’ से अंग्रेजी में ‘मीडियम’ और मीडिया बना। एक जगह की बात या घटना को दूसरी जगह पहुंचाने में जो व्यक्ति या उपकरण माध्यम बनता है, वही मीडिया है। सृष्टि के जन्मकाल से ही किसी न किसी रूप में मीडिया का अस्तित्व रहा है और आगे भी रहेगा। इस सृष्टि में नारद जी […] Read more » Changing form and influence of media Changing form of media Featured influence of media media मीडिया मीडिया का प्रभाव मीडिया का बदलता रूप
मीडिया टीआरपी की ख़बरों का मिडिया’ January 21, 2018 by मनोज कुमार | Leave a Comment मनोज कुमार जब समाज की तरफ से आवाज आती है कि मीडिया से विश्वास कम हो रहा है या कि मीडिया अविश्वसनीय हो चली है तो सच मानिए ऐसा लगता कि किसी ने नश्चत चुभो दिया है. एक प्रतिबद्ध पत्रकार के नाते मीडिया की विश्वसनीयता पर ऐसे सवाल मुझ जैसे हजारों लोगों को परेशान करते […] Read more » blue whale games choti katwa Featured media TRP टीआरपी टीआरपी की ख़बर मिडिया
मीडिया पत्रकारिता को मीडिया कहकर लज्जित न करें July 24, 2016 / July 24, 2016 by पवन तिवारी | 3 Comments on पत्रकारिता को मीडिया कहकर लज्जित न करें मीडिया और पत्रकारिता के अंतर को जाने मित्रों आज पत्रकारिता शब्द के पर्याय, विकल्प या पत्रकारिता के स्थान पर एक दोयम दर्जे के औपनिवेशिक शब्द मीडिया ने हथिया लिया है.पत्रकारिता देशज व पवित्र शब्द है.पत्रकारिता ने देश की स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय व उत्थान में अप्रतिम भूमिका निभाई है किन्तु आज मीडिया के नाम पर पत्रकारिता […] Read more » Journalism media पत्रकारिता मीडिया मीडिया और पत्रकारिता मीडिया और पत्रकारिता के अंतर को जाने
मीडिया विविधा बिकाऊ चेहरों का बाजार…!! March 11, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on बिकाऊ चेहरों का बाजार…!! तारकेश कुमार ओझा दुनिया को बदल कर रख देने वाले कंप्यूटर- इंटरनेट और स्मार्ट फोन बनाने वालोॆं ने क्या कभी हाथों में माइक पकड़ कर भाषण दिया। अविष्कार से पहले कभी दावा किया कि उसकी क्या योजना है , अथवा अविष्कार के बाद भी कोई सामने आया कि उसने किस तरह ये चीजें बना कर […] Read more » media चेहरों का बाजार बिकाऊ चेहरों का बाजार
मीडिया प्रेस की स्वतंत्रता पर गहराता संकट May 3, 2014 by रमेश पांडेय | Leave a Comment -रमेश पाण्डेय- भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर चर्चा होती रहती है। प्रत्येक वर्ष 3 मई को मनाए जाने वाले विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस की स्वतंत्रता पर बातचीत होना लाजिमी है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए अभिव्यक्ति की आजादी […] Read more » media Press प्रेस प्रेस पर संकट मीडिया मीडिया पर संकट
मीडिया राजनीति फ़िक्सिंग का शिकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ? April 28, 2014 by तनवीर जाफरी | 6 Comments on फ़िक्सिंग का शिकार लोकतंत्र का चौथा स्तंभ? -तनवीर जाफ़री- भारतीय संविधान में हालांकि मीडिया को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में कहीं कोई मान्यता नहीं दी गई है। उसके बावजूद मीडिया ने स्वयं को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में प्रचारित कर रखा है। और यह ‘भ्रांति’ समाज में धीरे-धीरे एक स्वीकार्य रूप भी धारण कर चुकी है। आज पूरा […] Read more » Democracy fixed media Fourth pillar fourth pillar of democracy media चौथा स्तंभ मीडिया लोकतंत्र लोकतंत्र का चौथा स्तंभ
मीडिया राजनीति राजनेताओं का ‘भौंकना’ बंद कराए मीडिया! April 23, 2014 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- भूतपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल्ल कलाम देश के पूर्वी हिस्से के दौरे पर थे। पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के साथ ही उनका अाइआइटी खड़गपुर के छात्रों के साथ भी एक कार्यक्रम था। कलाम जैसी हस्ती का अाइअाइटी खड़गपुर सरीखे विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्थान में आना एक तरह से मणि- कांचन संयोग की […] Read more » media politicians मीडिया राजनेता राजनेताओं का 'भौंकना' बंद कराए मीडिया!
मीडिया कौन जात मीडिया है भैया ! April 22, 2014 / April 22, 2014 by गुलशन कुमार गुप्ता | Leave a Comment -गुलशन गुप्ता- जिस पत्रकारिता की नींव निष्पक्षता की ईंटों और बेबाक सच्चाई की निडर अभिव्यक्ति के गारे से भरी गयी थी, उसने आज अपनी ज़मीन बदल ली है। नींव की कमजोरी या कहें उद्योग जगत की ताक़त ने उस नींव पर खड़ी ईमारत को मशीनों से उठाकर अपने नोटों की नींव पर खड़ा कर दिया […] Read more » media मीडिया
पर्यावरण मीडिया की सर्वव्यापी उपस्थिति से जीवंत हो रहा है लोकतंत्र April 22, 2014 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -संजय द्विवेदी- चुनाव जो मीडिया में ज्यादा और मैदान में कम लड़ा जा रहा बेहतर चुनाव कराने की चुनाव आयोग की लंबी कवायद, राजनीतिक दलों का अभूतपूर्व उत्साह,मीडिया सहभागिता और सोशल मीडिया की धमाकेदार उपस्थिति ने इस लोकसभा चुनाव को वास्तव में एक अभूतपूर्व चुनाव में बदल दिया है। चुनाव आयोग के कड़ाई भरे रवैये […] Read more » Democracy media मीडिया लोकतंत्र
विविधा समानान्तर मीडिया खड़ा करने की बढ़ती जिम्मेदारी January 14, 2014 / January 14, 2014 by देवेन्द्र कुमार | 1 Comment on समानान्तर मीडिया खड़ा करने की बढ़ती जिम्मेदारी -देवेन्द्र कुमार- केके माधव के नेतृत्व में 1980 में पुनर्गठित द्वितीय प्रेस कमीशन ने 1982 में अपनी अनुशंसा प्रस्तुत करते हुए देश के तात्कालीन प्रजातांत्रिक-सामाजिक हालात के मद्देनजर प्रेस की भूमिका एवं कार्यप्रणाली को पुनर्परिभाषित करते हुए यह अनुशंसा की थी कि चूंकि प्रेस में शहरी पक्षधरता मौजूद है। यह सिर्फ राजनीतिक उठापटक में […] Read more » media समानान्तर मीडिया खड़ा करने की बढ़ती जिम्मेदारी
मीडिया मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल January 12, 2014 / January 12, 2014 by देवेन्द्र कुमार | 1 Comment on मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल -देवेन्द्र कुमार- मानव समाज के प्रारम्भिक काल से ही मीडिया किसी न किसी शक्ल में मौजूद रहा है। एक अर्थ में कहा जाय तो आदिकाल से आधुनिक काल तक मानव समाज का जो विकास रहा है, वह इसी मीडिया पर की गई सवारी का प्रतिफल है। मीडिया का विकास मानव समाज के विकास के […] Read more » media मीडिया विमर्श के केन्द्र में आम आदमी का सवाल