राजनीति नक्सलवाद : कल से आज तक December 18, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on नक्सलवाद : कल से आज तक सोनू कुमार जन आंदोलन से शुरू हुआ नक्सलवाद अब लेवी के रूप में 1500 करोड़ रुपए का संगठित रंगदारी व्यवसाय बन गया है। पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि भाकपा (माओवादी) खासकर इससे जुड़े समूह रंगदारी से जो रकम हासिल करते हैं उसका इस्तेमाल वे आंदोलन चलाने के लिए नहीं बल्कि अपने नेताओं […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति गरीब जनता पर निर्मम प्रहार कर रहे हैं नक्सलवादी December 6, 2010 / December 19, 2011 by श्रीराम तिवारी | 8 Comments on गरीब जनता पर निर्मम प्रहार कर रहे हैं नक्सलवादी -श्रीराम तिवारी ४०-४५ साल पहले नक्सलबाड़ी से शुरू हुआ नक्सल संघर्ष आज आधे भारत में फ़ैल चुका है. छतीसगढ़, झारखंड, आन्ध्र प्रदेश, बिहार, बंगाल, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सरकारें इस पर अपने-अपने ढंग से रणनीति निर्धारित करती रही हैं. कई बार प्रतिक्रांतिक कार्यवाही के लिए प्रशासकीय संसाधनों की बदतर तस्वीर भी प्रचार माध्यमों […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद पर अपराधबोध क्यों नहीं? August 23, 2010 / December 22, 2011 by सतीश सिंह | 9 Comments on नक्सलवाद पर अपराधबोध क्यों नहीं? -सतीश सिंह नक्सलवाद मुद्दे पर गर्माहट कब तक बनी रहेगी कोई नहीं जानता? 21 अगस्त को बिहार पुलिस ने कोलकत्ता पुलिस की मदद से मध्य कोलकत्ता के एक होटल से नक्सलवादी नेता मुसाफिर साहनी को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ हत्या में शामिल होने के अलावा 15 अन्य मामले चल रहे हैं। आजकल रोज दिन नक्सलवादी […] Read more » Naxalism नक्सलवाद मनमोहन सिंह माओवाद
राजनीति ये कैसा गांधीवाद है स्वामी अग्निवेशजी August 19, 2010 / December 22, 2011 by दानसिंह देवांगन | 26 Comments on ये कैसा गांधीवाद है स्वामी अग्निवेशजी कहलाते हैं शांति के दूत और वकालत करते हैं तोप से उड़ाने की -दानसिंह देवांगन स्वामी अग्निवेश जी प्रखर गांधीवादी, अमन व शांति के दूत और न जाने क्या-क्या तमगा लिए देशभर में घूमते हैं, पर पिछले दिनों आईबीएन-7 में प्रसारित मुद्दा कार्यक्रम में उनका असली गांधीवाद (गुप्त एजेंडा) सामने निकलकर आ ही गया। उस […] Read more » Maoist Naxalism नक्सलवाद माओवाद स्वामी अग्निवेश
राजनीति किसकी लडाई लड रहे हैं ये माओवादी? August 16, 2010 / December 22, 2011 by समन्वय नंद | 15 Comments on किसकी लडाई लड रहे हैं ये माओवादी? -समन्वय नंद सर्वहारा की लडाई लडने का दावा करने वाले माओवादियों के संबंध में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। बंगलूरू पुलिस ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई व नक्सलियों के बीच सांठगांठ कर देश में आतंकी वारदात को अंजाम देने की साजिश के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। वैसे तो पाकिस्तानी खुफिया […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सली आतंक : अब कारण नहीं, निदान पर बात हो July 29, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on नक्सली आतंक : अब कारण नहीं, निदान पर बात हो -पंकज झा लोकतंत्र और आंतरिक सुरक्षा के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती नक्सल आतंकियों का सफाया या इस समस्या के समाधान हेतु सतत ज़रूरी विमर्श की शृंखला में पिछले दिनों रायपुर एक समाचार चैनल द्वारा एक परिचर्चा आयोजित की गयी. अफ़सोस महज़ इतना है कि आज भी इस मुद्दे पर हर तरह का विमर्श, नक्सलियों के […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति विकास नहीं, विश्वास से सुलझेगी नक्सली समस्या July 19, 2010 / December 23, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on विकास नहीं, विश्वास से सुलझेगी नक्सली समस्या -सतीश सिंह अगर देखा जाए तो आज नक्सल समस्या वहीं है जहाँ जंगल, खनिज संपदा और आदिवासी हैं। विकास से तो पूरा देश महरुम है और गरीबी हर घर की थाती है, फिर भी नक्सल समस्या मूल रुप से झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, बिहार और मध्यप्रदेश में है। बिहार और आंध्रप्रदेश में नक्सल समस्या […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति लोकतंत्र की रक्षा के लिए नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई अनिवार्य: डॉ. रमन सिंह July 15, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment हथियार छोड़े बिना उनसे बातचीत निरर्थक प्रधानमंत्री की बैठक में मुख्यमंत्री ने नक्सल क्षेत्रों के नये जिलों के लिए मांगा विशेष पैकेज रायपुर, 14 जुलाई 2010 । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने एक बार फिर कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई अनिवार्य हो गयी है। डॉ. […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति एक ही पथ के राही हैं माओवादी और मनमोहन सिंह June 28, 2010 / December 23, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on एक ही पथ के राही हैं माओवादी और मनमोहन सिंह -जगदीश्वर चतुर्वेदी कार्ल मार्क्स का प्रसिद्ध कथन है कि ‘इस दुनिया में पूंजी का प्रत्येक अंश सिर से पैर तक खून और धूल से सना है।’ खून और धूल के रूपक के बहाने मार्क्स ने सामाजिक संबंधों की ओर ध्यान खींचा है। पूंजीवाद अपने शोषण को बनाए रखने के लिए सामाजिक संबंधों और सामाजिक समूहों […] Read more » Naxalism नक्सलवाद मनमोहन सिंह माओवाद
राजनीति गाँधी को समझे अरुंधती.. June 24, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on गाँधी को समझे अरुंधती.. -आशीष तिवारी क्या आपको याद है कि वर्ष २००४ में सिडनी शांति पुरस्कार किसे मिला था? नहीं याद है तो हम याद दिला देते हैं। ये पुरस्कार मिला था अरुंधती रॉय को। कितनी अजीब बात है ना! कभी अपने अहिंसात्मक कार्यों के लिए इतने बड़े सम्मान से नवाजे जाने वाली महिला आज उसी अहिंसा को […] Read more » Naxalism अरूंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सली और उनके बौद्धिक मददगार June 24, 2010 / December 23, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 6 Comments on नक्सली और उनके बौद्धिक मददगार -डॉ. मयंक चतुर्वेदी देश में जिस तेजी से नक्सली मौत का ताण्डव कर रहे हैं, उतनी ही द्रुतगति से उनको भारत में रहने वाला एक बौद्धिक वर्ग जिन्हें मार्क्सवादी माना जाता है, अपना बडचडकर समर्थन दे रहा हैं। तर्क यह दिया जा रहा है कि ”गरीबी से बेहाल नक्सली अपने हक की लडाई लड रहे […] Read more » Naxalism नक्सलवाद नक्सली बुद्धिजीव माओवाद
राजनीति वह लड़की और नरभक्षी नक्सली June 10, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 22 Comments on वह लड़की और नरभक्षी नक्सली -संजय द्विवेदी ये ठंड के दिन थे, हम पूर्वी उत्तर प्रदेश की सर्दी से मुकाबिल थे। ससुराल में छुट्टियां बिताना और सालियों का साथ किसे नहीं भाएगा। वहीं मैंने पहली बार एक खूबसूरत सी लड़की प्रीति को देखा था। वह मेरी छोटी साली साहिबा की सहेली है। उससे देर तक बातें करना मुझे बहुत अच्छा […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद