लेख मंगलमय भावना से ओत -प्रोत होने का दिन नववर्ष January 1, 2025 / January 2, 2025 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध” भारतीय मान्यता के अनुसार सृष्टि के आदिकाल में वसंत ऋतु के प्रारंभ में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन सूर्योदय से ब्रह्मा ने सृष्टि रचना कार्य प्रारंभ की थी। इसीलिए चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ब्रह्मा और उनके द्वारा निर्मित सृष्टि के प्रमुख देवी-देवताओं, यक्ष-राक्षस, गंधर्व, ऋषि-मुनियों, नदियों, पर्वतों, पशु-पक्षियों, कीट-पतंगों, रोग- व्याधियों और […] Read more » a day filled with auspicious feelings New Year
राजनीति नयासाल, मोदी और तमाम चुनौतियों का सामना December 30, 2024 / December 30, 2024 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (नववर्ष 2025 पर विशेष आलेख) हर वर्ष नया साल नयी उम्मीदें लेकर आता है और लोगों के लिये नये लक्ष्य लेकर आता है। नया साल जो कार्य पिछले साल में अधूरे रह गए थे उन कार्यों को नयी ऊर्जा से पूर्ण करने की प्रेरणा और आधार देता है। नए साल में हर व्यक्ति को नए अहसास के साथ अपने अधूरे कार्यों को पूर्ण करने का प्रयास करना चाहिए और अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए व नयी सोच के साथ उन लक्ष्यों को साकार करने का प्रण लेना चाहिए। नया वर्ष हर व्यक्ति के लिए बीते हुए वर्ष की सफलताओं और उपलब्धियों के साथ-साथ कमियों और गलतियों का मूल्यांकन करने का समय है। यह हमें अपने आप को भावी वर्ष के लिए योजना बनाने, कार्य करने तथा आगामी वर्ष के लिए नये लक्ष्य तय करने का अवसर प्रदान करता है। नए साल की शुरुआत में हर व्यक्ति को भावी वर्ष के लिए नए लक्ष्य बनाने चाहिए और उन्हें पूरा करने की रणनीति बनानी चाहिए। जिससे कि अवसरों को सफलता में बदला जा सके। पूरे विश्व का माहौल हर वर्ष नए साल पर खुशनुमा होता है, हर देश में अपने-अपने तरीके से अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत किया जाता है। भारत देश में बात की जाए तो यहाँ पर भारतीय काल गणना के अनुसार पारंपरिक नया साल (नव विक्रम संवत) होता है जिसकी शुरुआत चैत्र महीने से होती है- उसी के अनुसार भारत में प्रमुख त्योहारों के समय का निर्धारण होता है। भारतीय संस्कृति में नव वर्ष का शुभारंभ चैत्र मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से माना जाता है, लेकिन पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध व विश्वव्यापी अंग्रेजी कलेंडर की मान्यता के चलते भारतीय नव विक्रम संवत मनाने की परंपरा धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। भारत में शादी-विवाह, विभिन्न धार्मिक आयोजनों और अन्य प्रमुख कार्यों का मुहूर्त भी हिन्दू नवसंवत्सर (नव विक्रम संवत) के अनुसार ही निकाला जाता है। भारत देश में अंग्रेजी नववर्ष बड़े धूमधाम से मनाई जाती है। पिछले कुछ दशकों से भारत देश में भी अंग्रेजी नववर्ष को अंग्रेजों की भांति मनाया जाने लगा था। जिसमें कि जगह-जगह शराब पार्टियों का आयोजन होना, अष्लील नृत्य पार्टी का आयोजन शामिल था। लेकिन पिछले कुछ सालों से भारत देश में भी अंग्रेजी नववर्ष मनाने का स्वरुप बदला है, आज की कुछ युवा पीढ़ी अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत मंदिरों में पूजा पाठ और घरों में धार्मिक आयोजन कर कर रही है जो कि भारतीय संस्कृति के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है। अंग्रेजी नववर्ष में पूजापाठ या धार्मिक आयोजनों या जगह-जगह पर भंडारों के आयोजित होने से दुनिया के बाकी समुदाय भी भारतीय संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहे है। इसी तरह से भारत के लोग अपनी संस्कृति को सहेज कर रखेंगे तो निश्चित ही आने वाले समय में भारतवर्ष का बोलबाला होगा और भारत देश जगद्गुरु के सिंहासन पर काबिज होगा। अंग्रेजी नववर्ष का स्वागत हम लोग करते ही है और करना भी चाहिए लेकिन इसी तरह धूमधाम से हमें अपने पारंपरिक नए साल (नव विक्रम संवत) को भी मनाना नहीं भूलना चाहिए। एक हद तक भारत देश के लोगों में अपने पारंपरिक नववर्ष (नव विक्रम संवत) के लिए जागरूकता बढ़ने लगी है लेकिन इस पर अभी और काम होना बाकी है। आज हमें अंग्रेजी नववर्ष को मनाने की जो पाश्चात्य संस्कृति थी उसमे बदलाव कर अपने भारतीय परिवेश में बदलना होगा, तभी हमारी संस्कृति का पूरे विश्व में बोलबाला होगा। हमारे देश के प्रमुख संगठनों, धार्मिक गुरुओं और सरकार को इसके लिए और कदम उठाने की जरूरत है। पिछले कुछ सालों में उक्त सभी ने भारतीय संस्कृति को बनाये रखने के लिए काफी काम किया है, तभी भारतीय लोगों में राष्ट्रीयता का संचार हुआ है। भारत सरकार और देश के सभी राज्यों की सरकारों को इस नववर्ष में देश के सभी नागरिकों के भले के लिए योजनाएं बनानी चाहिए, जिसमे शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं का महत्वपूर्ण स्थान होना चाहिए। नरेन्द्र मोदी सरकार इस समय देश में बहुत सारी जनहितकारी योजनाएं चला रही है लेकिन शिक्षा, चिकित्सा और बेरोजगारी पर अभी बहुत काम होना बाकी है। देश की मोदी सरकार और सभी राज्य की सरकारों को देश को शिक्षा माफिआ, चिकित्सा माफिआ और भ्रष्टाचार की जड़ों को खत्म करने का अभियान चलाना चाहिए जिससे कि देश में राम राज्य की स्थापना हो सके और लोगों तक मुफ्त में नहीं सस्ते में इन सुविधाओं की पहुंच हो सके। भारत के लोगों को मुफ्त में सुविधाओं की जरूरत नहीं है, बल्कि सस्ते दामों में भारत की सरकारों को ये सुविधायें देश के अन्तिम व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए तभी देश में अंत्योदय का सपना साकार होगा। भारतीय लोग मुफ्त की योजनाओं की जगह आत्मनिर्भर बनकर भारतीय झंडा गाड़ना चाहते हैं। पिछले दस सालों में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा अनेक नई शुरूआतें की गईं हैं तथा कई महत्वपूर्ण योजनाएं आरंभ की गई हैं। जिनका लाभ भी आम लोगों को मिला है लेकिन अभी भी मोदी सरकार को अपनी बहुत सारी योजनाओं को उनकी परिणति तक पहुंचाना होगा और अच्छे परिणाम देने होंगे। जिससे देश के हर व्यक्ति तक विकास पहुँच सके। नरेंद्र मोदी सरकार को शासन को सभी स्तरों पर कुशल, पारदर्शी, भ्रष्टाचार मुक्त, जवाबदेह और नागरिक अनुकूल बनाना होगा। जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से प्रयासरत हैं। वर्ष 2025 में मोदी सरकार को महिलाओं की सुरक्षा के साथ-साथ बेहतर लैंगिक संवेदनशीलता भी सुनिश्चित करनी होगी और जातिगत भेदभाव को जमीनी स्तर से खत्म करने की लोगों में अलख जगानी होगी। इसके अलावा देश में मोदी सरकार को ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग को देश से समाप्त करने की पहल करनी चाहिये क्योंकि ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग- गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों का शोषण करने का माध्यम बन गया है। ठेकेदारी प्रथा और आउटसोर्सिंग के तहत जो लोग कार्य करते हैं उनसे लगातार वसूली की जाती है, जिसमें सरकारी तंत्र के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल है। सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगानी चाहिए। कहा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र को उपलब्धियों की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए तहेदिल से और एकाग्रचित होकर प्रयास करना होगा। जो कि उनके हर प्रयास में दिखता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिये वर्ष 2025 में अनेक उपलब्धियां गढ़ने का अवसर है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सम्पूर्ण देश का नागरिक एक सशक्त, एकजुट एवं समृद्ध भारत के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने का संकल्प लें तो देश को आगे बढ़ने से कोई ताकत नहीं रोक सकती। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने बीते वर्षों में अनेक उपलव्धियाँ हांसिल की हैं, साथ-साथ अनेक सफलताएं भी पायी हैं। इन सफलताओं और उपलब्धियों में मोदी सरकार को अपनी गलतियों और कमियों पर पर्दा नहीं डालना चाहिए। बल्कि अपनी गलतियों और कमियों का मूल्यांकन करके भावी वर्ष के लिए रणनीति बनानी चाहिए। जिससे कि गलतियों और कमियों को सुधारकर अवसरों में बदला जा सके। – ब्रह्मानंद राजपूत Read more » Modi and many challenges to face New Year
लेख नये वर्ष में संकल्प के पौधे उगाएं December 28, 2022 / December 28, 2022 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- नया भारत एवं सशक्त भारत को निर्मित करने के संकल्प के साथ नए वर्ष का स्वागत करें। हम इस सोच और संकल्प के साथ नये वर्ष में प्रवेश करें कि हमें कुछ नया करना है, नया बनना है, नये पदचिह्न स्थापित करने हैं। बीते वर्ष की कमियों पर नजर रखते हुए उन्हें दोहराने […] Read more » lets bloom new resolutions in upcoming new year New Year संकल्प के पौधे उगाएं
विविधा नववर्ष ! तुम्हें तो आना ही था…!! December 27, 2016 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment तारकेश कुमार ओझा अरे नव-वर्ष … तुम आ गए। खैर तुम्हें तो आना ही था…। नए साल के स्वागत के मामले में अपना शुरू से ही कुछ ऐसा ही रवैया रहा है। हैप्पी न्यू इयर या हैप्पी ब र्थ डे जैसी औपचारिकताओं में मेरी कभी कोई दिलचस्पी रही नहीं। उलटे यह सब मुझे […] Read more » New Year नववर्ष
सार्थक पहल पुराने वर्ष को जरूर विदा करें ,मगर अपनी बुराइयों के साथ December 31, 2012 / December 31, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment डॉ. दीपक आचार्य पूरी दुनिया साल भर बाद आज फिर पुराने वर्ष को विदा देने के लिए जबर्दस्त उतावली और आतुर है। इसी दौड़ में हम भारतीय भी पिछलग्गू बने हुए सन् 2012 को अलविदा कहने के लिए क्या-क्या नहीं कर गुजर रहे। कई दिनों से हमने जाने कितने जतन किये हैं अपने इस वर्ष […] Read more » New Year new year 2013
विविधा मुबारक हो नया साल December 31, 2012 / December 31, 2012 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर स्पैशल 1 जनवरी 2013 हर दिन की तरह है वही सवेरा है वहीं सुबह है लेकिन आज का दिन खास है …क्यों हैं आज का दिन है खास…आज का दिन अपने साथ लेकर आया है नई उमंग, उत्साह और नई इच्छाएं …भई आज है नया साल । हर चेहरे पर छायी है […] Read more » New Year new year 2013 मुबारक हो नया साल
चिंतन उत्सवों को यादगार बनाएँ April 16, 2012 / April 16, 2012 by डॉ. दीपक आचार्य | Leave a Comment उत्सवों को यादगार बनाएँ नए वर्ष में नए संकल्प लें डॉ. दीपक आचार्य हर अमावस के बाद पूनम और इसके बाद अमावास्या। शुक्ल पक्ष के बाद कृष्ण पक्ष और फिर वही क्रम। दिन, महीने साल गुजरते जाते हैं। जो समय बीत गया वह कभी लौटकर वापस नहीं आता। कालचक्र की गति कभी थमती नहीं, युगों […] Read more » celebrate festivals New Year उत्सवों को यादगार बनाएँ
लेख सब भ्रम है, सब बना रहेगा December 31, 2011 / January 1, 2012 by अविनाश वाचस्पति | Leave a Comment अविनाश वाचस्पति जो है वह रहेगा। अनंत का तक रहेगा। गारंटी हो वारंटी हो, न हो, ठेका हो, न हो। जो आया है, वह कभी कहीं नहीं गया है। यहीं चारों ओर मंडरा रहा है। बस डरा नही रहा है। जो डरा देते हैं जरा भी, उसकी मौजूदगी आपको खूब सारी दिखाई देती है। इसलिए […] Read more » New Year सब बना रहेगा सब भ्रम है
धर्म-अध्यात्म नया साल जो आया है March 29, 2011 / December 14, 2011 by विजय कुमार | 1 Comment on नया साल जो आया है विजय कुमार लीजिये, हंसता और मुस्कुराता, खिलखिलाकर नव उल्लास बिखराता, निराशा को भगाता और आशा को बटोरता नया वर्ष फिर से आ गया। चारों ओर देखिये, पेड़ नये पत्तों और कलियों के आगमन से कैसे झूम रहे हैं। पेड़-पौधे मुक्तहस्त होकर सुगंध बांट रहे हैं। भला कौन वह मूर्ख होगा, जो परिवार में आ रहे […] Read more » New Year भारतीय नववर्ष
विविधा अंग्रेजी नववर्ष पर निवेदन December 31, 2010 / December 18, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 8 Comments on अंग्रेजी नववर्ष पर निवेदन विजय सोनी प्रवक्ता डॉट कॉम के माध्यम से मैं हिन्दुस्तान के उन सभी देशप्रेमियों को निवेदन करना चाहता हूँ, आज ३१ दिसम्बर २०१० है, सारे भारतवर्ष के सभी चौक-चौराहों पर आधी रात तक शोर शराबा या उत्साह मना कर अपनी बेशकीमती ताकत और ऊर्जा का नाश ना करें। ये याद रखिये कि यदि अंग्रेजी वर्ष […] Read more » New Year अंग्रेजी नववर्ष
विविधा अंग्रेजी नववर्ष का भारतीयकरण December 29, 2010 / December 18, 2011 by विजय कुमार | 3 Comments on अंग्रेजी नववर्ष का भारतीयकरण विजय कुमार कुछ दिन बाद फिर एक जनवरी आने वाली है। हर बार की तरह समाचार माध्यमों ने वातावरण बनाना प्रारम्भ कर दिया है। अतः 31 दिसम्बर की रात और एक जनवरी को दिन भर शोर-शराबा होगा, लोग एक दूसरे को बधाई लेंगे और देंगे। सरल मोबाइल संदेशों (एस.एम.एस) के आदान-प्रदान से मोबाइल कंपनियों की […] Read more » New Year नव वर्ष
विविधा नये साल के लिए एक जनवरी ही क्यों ! December 22, 2010 / December 18, 2011 by विनोद बंसल | 11 Comments on नये साल के लिए एक जनवरी ही क्यों ! विनोद बंसल एक जनवरी के नजदीक आते ही जगह-जगह हैप्पी न्यू ईयर के बैनर व होर्डिंग लगने लगते हैं। जश्न मनाने की तैयारियां प्रारम्भ हो जाती हैं। होटल, रेस्तरॉ, व पव इत्यादि अपने-अपने ढंग से इसके आगमन की तैयारियां करने लगते हैं। पोस्टर व कार्डों की भरमार के साथ दारू की दुकानों की भी चांदी […] Read more » New Year नववर्ष भारतीय नववर्ष