बच्चों का पन्ना बंदरजी October 6, 2012 / October 6, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बंदरजी भाई बंदरजी, कैसे आये अंदरजी| बंद पड़ा था दरवाजा| तुमने किससे खुलवाया| दरवाजा दो टन का था| भारी बहुत वज़न का था| जिसने इसको खोला है| होगा बड़ा सिकंदरजी| तुम्हें यहीं रहना होगा| कष्ट बहुत सहना होगा| घर का मालिक दादा है| पागल आधा आधा है| दरवाजे पर डाला है, उसने मोटा […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना हिंदी दादी अमर रहेगी October 6, 2012 / October 6, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment अंग्रेजी चाची ने हिंदी, दादी पर हमला बोला| डर के मारे दादी का, सिंहासन है थर थर डोला| चुपके चुपके दादी माँ ,अपने दड़बे मे घुस आई| “मैं वेदों की महरानी हूँ,” जोर जोर से चिल्लाई| “बड़े बुज़्रगों ने मुझको ,धर्मों करमों में ढाला था| बहुत प्यार से बड़े लाड़ से ,स्मृतियों ने पाला था| […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना मन को भा जानेवाले दिन October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 1 Comment on मन को भा जानेवाले दिन याद मुझे अक्सर आ जाते,आने,दो आने वाले दिन| दूध मलाई गरम जलेबी,और रबड़ी खाने वाले दिन|| तीस रुपये में मझले काका, दिल्ली तक होकर आ जाते| एक रुपये में ताजा खाना ,होटल में छककर खा आते|| बिन कुंडी के बाथ रूम में ,बेसुर में गानेवाले दिन| याद मुझे अक्सर आ जाते,आने दो आने […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना पिज्जा बर्गर कभी न खाओ| October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment आओ आओ सब बच्चो आओ सबको, सच्ची बात बताओ| जोर जोर से सब चिल्लाओ पिज्जा बर्गर कभी न खाओ| फास्ट फूड के सेवन से तो हेमोग्लोबिन कम होता है| हज़म करे इतनी केलोरी, कम लोगों में दम होता है| पिज्जा बर्गर कितना घातक, सारी दुनियाँ को बतलाओ| ज्यादा पिज्जा बर्गर खाया, तो ब्लड […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना ‘ देवपुत्र ‘ पढ़ पाऊँ हर दिन October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment मुझको चंदा पर जाना है मुझको यान दिला दो न माँ| एक अटेची नई दिला दो ट्रेक सूट सिलवा दो न माँ| टिफिन बाक्स में ताजा पोषित लंच पेक करवा दो न माँ| हो सकता है वहां ठंड हो कंबल एक रखा दो न मां| रोज़ नहाऊंगा मल मल के लाइफ बाँय रखवा […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना बच्चों के चेहरे चेहरे पर जगह जगह पर राम लिखा है October 5, 2012 / October 5, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बच्चों के चेहरे चेहरे पर जगह जगह पर राम लिखा है| कहीं कहीं पर कृष्ण लिखा है कहीं कहीं बलराम लिखा है| अल्लाह अल्लाह लिखा लिखा हुआ है,ईसा का भी नाम लिखा है| बच्चों के स्मित ओंठों पर निश्छल और निष्काम लिखा है| हाथ पैर अंगुली पंजों पर सच्चाई श्रमदान लिखा है| दिल […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना अम्मू भाई October 2, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | 1 Comment on अम्मू भाई दादी हार गईं हैं लगा लगा कर टेरा| अम्मू भाई उठो हुई शाला की बेरा| मम्मी ने तो आलू डोसे पका दिये हैं| मन पसंद हैं तुम्हें ,समोसे बना दिये हैं| पापा खड़े हुये हैं लेकर बस्ता तेरा| अम्मू भाई उठो हुई शाला की बेरा| देखो उठकर भोर सुहानी धूप सुनहली| बैठी है […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना चलने वाले घर October 2, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment पता नहीं चलने वाले घर, अब क्यों नहीं बनाते लोग| बाँध के रस्सी खींच खींच कर, इधर उधर ले जाते लोग| कभी आगरा कभी बाम्बे, दिल्ली नहीं नहीं घुमाते लोग| एक जगह स्थिर घर क्यों हैं, पहिया नहीं लगाते लोग| पता नहीं क्यों कारों जैसे, सड़कों पर ले जाते लोग| अथवा मोटर रिक्शों […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना तो आवश्यक बुद्धि विकास| October 1, 2012 / October 1, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment जितना दूर समझते हो तुम, उतना दूर नहीं आकाश| दृढ़ विश्वास सबल शक्ति हो, तो पाओगे बिल्कुल पास| अगर नहीं छू पाये तो भी, मत होना तुम कभी उदास| सूरज लाखों मील दूर है, देने आता तुम्हें प्रकाश| ऊँचा रखना शीश हमेशा, कभी न होना शीघ्र उदास| तुम पर ही दुनियाँ निर्भर है, […] Read more » poem for kids
कविता बच्चों का पन्ना आधी रात बीत गई September 30, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment प्रभुदयाल श्रीवास्तव आठ लोरियां सुना चुकी हूँ, परियों वाली कथा सुनाई| आधी रात बीत गई बीत भैया, अब तक तुमको नींद न आई| थपकी दे दे हाथ थक गये, कंठ बोल बोल कर सूखा| अब तो सोजा राजा बेटा, तू है मेरा लाल अनोखा| चूर चूर मैं थकी हुई हूं, सचमुच लल्ला राम दुहाई| […] Read more » poem for kids
बच्चों का पन्ना अगर पेड़ में रुपये फलते-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 30, 2012 / September 30, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment माननीय परमभट्टारक शहंशाहे आलिया प्रधान मंत्री जी की सेवा में पेश एक बाल गीत हम नादान बच्चों की तरफ से| अगर पेड़ में रुपये फलते [बाल गीत] टप् टप् टप् टप् रोज टपकते| अगर पेड़ में रुपये फलते| सुबह पेड़ के नीचे जाते ढ़ेर पड़े रुपये मिल जाते थैलों में भर भर कर रुपये […] Read more » poem for kids
कविता बच्चों का पन्ना बिना पन्हैंयां-प्रभुदयाल श्रीवास्तव September 30, 2012 / October 2, 2012 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment बिना पन्हैंयां तपी धूप में, कैसे चल पायें| चलो नीम के नीचे बैठें ,थोड़ा सुस्तायें|| दौड़ भाग में टूटे जूते, कहीं छोड़ आये| हार गये पापा से कहकर, नये नहीं लाये|| अम्मा ने की नहीं सिफारिश ,दादाजी चुपचाप| जूते नहीं लायेंगे पापा ,बिना कहे ही आप|| चलो आज इसकी खातिर, दादी को […] Read more » poem for kids