लेख गोरक्षा आन्दोलन के आद्य प्रवर्तक ऋषि दयानन्द November 16, 2021 / November 16, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यऋषि दयानन्द ने गोरक्षार्थ गोहत्या बन्द किये जाने के समर्थन में गोकरुणानिधि नामक एक लघु पुस्तिका लिखी है। यह पुस्तक अपने विषय की गागर में सागर के समान पुस्तक है। इस पुस्तक से हम ऋषि दयानन्द के कुछ विचार प्रस्तुत कर रहे है। ऋषि दयानन्द लिखते हैं कि ‘वे धर्मात्मा, विद्वान लोग धन्य […] Read more » Rishi Dayanand the originator of the cow protection movement गोरक्षा आन्दोलन के आद्य प्रवर्तक ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द न आये होते तो आर्य-हिन्दू अत्यन्त दुर्दशा को प्राप्त होते March 7, 2020 / March 7, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य की पहचान व उसका महत्व उसके ज्ञान, गुणों, आचरण एवं व्यवहार आदि से होता है। संसार में 7 अरब से अधिक लोग रहते हैं। सब एक समान नहीं है। सबकी आकृतियां व प्रकृतियां अलग हैं तथा सबके स्वभाव व ज्ञान का स्तर भी अलग है। बहुत से लोग अपने ज्ञान […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने आर्यसमाज की स्थापना वैदिकधर्म और संस्कृति की रक्षा, प्रचार और उन्नति के लिये की थी March 5, 2020 / March 5, 2020 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -आर्यसमाज के स्थापना दिवस 10 अप्रैल पर- -मनमोहन कुमार आर्य संसार में अनेक मत–मतान्तर एवं संस्थायें हैं जो अतीत में भिन्न–भिन्न लोगों द्वारा स्थापित की गई हैं व अब की जाती हैं। इन संस्थाओं को स्थापित करने का इसके संस्थापकों द्वारा कुछ प्रयोजन व उद्देश्य होता है। सभी लोग पूर्ण विज्ञ वा आप्त पुरुष […] Read more » Aryasamaj Aryasamaj was founded by sage Dayanand for the protection propagation and advancement of Vedic religion and culture. Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म महान मन्त्रद्रष्टा ऋषि दयानन्द के प्रति विख्यात लोगों की सम्मतियां December 29, 2019 / December 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द ने वेदों का पुनरुद्धार किया और वेदों के प्रचार के लिये दिनांक 10 अप्रैल, 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज नामक संगठन स्थापित किया। वह इतिहास में प्रमुख समाज सुधारक हुए हैं। उनके समाज सुधार का आधार वेद थे। कोई ऐसा अन्धविश्वास, पाखण्ड तथा सामाजिक कुरीति या परम्परा नहीं थी […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
धर्म-अध्यात्म ऋषि दयानन्द ने अविद्या दूर करने और समाज सुधार कार्यों से वैदिक धर्म की रक्षा की November 19, 2019 / November 19, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ऋषि दयानन्द (1825-1883) सन् 1863 में देश व समाज का सुधार करने तथा विलुप्त वेद और वैदिक धर्म का पुनरुद्धार करने के कार्यों में प्रवृत्त हुए थे। उनके समय में शुद्ध वैदिक धर्म विलुप्त होकर इसमें नाना प्रकार के अन्धविश्वास, मिथ्या मान्यतायें तथा अन्यान्य सामाजिक कुरीतियां प्रचलित हो गई थी जिससे […] Read more » Rishi Dayanand ऋषि दयानन्द
प्रवक्ता न्यूज़ “ऋषि दयानन्द के समकालीन उनके वेद प्रचारक योगिराज महात्मा कालूराम” August 21, 2019 / August 21, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। योगिराज महात्मा कालूराम जी का जन्म शेखावटी के एक नगर रामगढ़ में ज्येष्ठ कृष्णा 6 शुक्रवार सम्वत् 1893 विक्रमी (सन् 1936) में हुआ था। आपने अपनी जन्मभूमि सहित राजस्थान के निकटवर्ती नगरों में ऋषि दयानन्द द्वारा प्रचारित वैदिक सिद्धान्तों का प्रचार करने सहित बड़ी संख्या में आर्यसमाजों की स्थापना की। महात्मा […] Read more » Rishi Dayanand Veda Pracharak Yogiraj Mahatma
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द संसार में सबसे महान एवं सर्वोत्तम मनुष्य थे” August 20, 2019 / August 20, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्य वह होता है जो अपने सभी निर्णय व कार्य मनन करके करता हे। मनुष्य का शिशु के रूप में अपनी माता के गर्भ से जन्म होता है। समय के साथ शिशु शारीरिक वृद्धि को प्राप्त होते हुए बालक, किशोर व युवा बनता है। विद्या अर्जित करके उसका ज्ञान बढ़ता है। […] Read more » and was the greatest best man in the world Rishi Dayanand
धर्म-अध्यात्म “क्या हम गुरु विरजानन्द और ऋषि दयानन्द के कार्य को पूरा कर पाये?” August 16, 2019 / August 16, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। मनुष्यों के दो प्रकार के पुत्र होते हैं। एक औरस और दूसरे मानस पुत्र कहे जाते हैं। हम ऋषि दयानन्द के मानस पुत्र हैं। हमारी ही तरह ऋषि दयानन्द स्वामी विरजानन्द सरस्वती जी के मानस पुत्र वा साक्षत् शिष्य भी थे। स्वामी विरजानन्द जी ने ऋषि दयानन्द को जो प्रेरणा की […] Read more » Guru Virjanand Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द के अनुसार कृष्ण लीला से कृष्णजी का अपमान होता है” August 7, 2019 / August 7, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द जी का जिन दिनों मेरठ में आगमन हुआ था, तब वहां ‘धर्मरक्षिणी सभा’ की ओर से तीन प्रश्न प्रश्न उपस्थित किये गये थे जिनका स्वामी जी ने अपने व्याख्यान में उत्तर दिया था। ऋषि के व्याख्यानों में उपस्थित एक ऋषि भक्त ने उनके दिये उत्तरों को नोट कर लिया […] Read more » krishn leela Krishna Rishi Dayanand
लेख “पं0 लेखराम न होते तो हम ऋषि दयानन्द के खोजपूर्ण जीवन चरित से वंचित रहते” July 31, 2019 / July 31, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment महर्षि दयानन्द जी का जन्म सन् 1825 में गुजरात राज्य के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। आपने अपनी आयु के चौदहवें वर्ष में शिवरात्रि का व्रत रखा था। इससे आपको मूर्तिपूजा की अनुपयोगिता का रहस्य ज्ञात हुआ था। आपको सच्चे शिव की तलाश थी। इसके बाद चाचा तथा बहिन की मृत्यु ने आपमें वैराग्य […] Read more » deprived of the explanatory life-style Rishi Dayanand
लेख “पं0 लेखराम न होते तो हम ऋषि दयानन्द के खोजपूर्ण जीवन चरित से वंचित रहते” July 30, 2019 / July 30, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। महर्षि दयानन्द जी का जन्म सन् 1825 में गुजरात राज्य के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। आपने अपनी आयु के चौदहवें वर्ष में शिवरात्रि का व्रत रखा था। इससे आपको मूर्तिपूजा की अनुपयोगिता का रहस्य ज्ञात हुआ था। आपको सच्चे शिव की तलाश थी। इसके बाद चाचा तथा बहिन की […] Read more » life character pandit lekhraam Rishi Dayanand
चिंतन धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द ने सभी सुखों का त्याग कर वेदप्रचार क्यों किया?” July 29, 2019 / July 29, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, सन् 1875 को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की और इसके द्वारा संगठित रूप से वेद प्रचार किया। 30 अक्टूबर, सन् 1883 को दीपावली के दिन उन्होंने अपने जीवन की अन्तिम सांस ली थी। उनकी मृत्यु का कारण उनके पाचक व कुछ लोगों के षडयन्त्र द्वारा […] Read more » Aryasamaj Rishi Dayanand vedpromotion