पढ़ कुदरत की पीर !
वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में ठहराव का यह दौर बेशक बहुत चिंताजनक है, लेकिन पर्यावरण पर…
वैश्विक आर्थिक गतिविधियों में ठहराव का यह दौर बेशक बहुत चिंताजनक है, लेकिन पर्यावरण पर…
पर्यावरण प्रकृति का हिस्सा है|प्रकृति व पर्यावरण एक दूसरे के पूरक हैं |प्रकृति के बिना…
आज विवाह, जन्मदिन, पार्टी और अन्य ऐसे समारोहों पर उपहार स्वरूप पौधों को देने की परंपरा शुरू की जाए। फिर चाहे वो पौधा, तुलसी का हो या गुलाब का, नीम का हो या गेंदे का। इससे कम से कम लोगों में पेड पौधों के प्रति एक लगाव की शुरूआत तो होगी। और लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आएगी और ईको फ्रेंडली फैशन की भी शुरुआत होगी।
डॉ. राजू पाण्डेय 1972 में हुई यूनाइटेड नेशन्स कांफ्रेंस ऑन द ह्यूमन एनवायरनमेंट के प्रथम…
वर्तमान परिपेक्ष्य में कई प्रजाति के जीव जंतु एवं वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं. विलुप्त होते जीव जंतु और वनस्पति की रक्षा का विश्व प्रकृति दिवस पर संकल्प लेना ही इसका उद्देश्य है. जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है. विश्व में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहाँ यह तीनों तत्व प्रचुर मात्रा में हों. भारत देश जंगल, वन्य जीवों के लिए प्रसिद्ध है.
हर साल पूरे विश्व में पांच जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनायाजा रहा…
डा. राधेश्याम द्विवेदी विश्व पर्यावरण दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा सकारात्मक पर्यावरण कार्य हेतु दुनियाभर में…