कविता जीवन December 24, 2021 / December 24, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment जीवन छेत्र है कर्म युद्ध कानयन के सैन को उच्चार देता हैजीवन सुगन्ध है पुष्प हजारों कीउम्र के आवेग को पहल देता हैजीवन भजन है ,जीवन है पूजाउठ रहे उच्छ्वास को तरह देता हैप्रतिपल सुनहरे स्वप्न बुनता है येकुलमुलाती कल्पना को छन्द देता हैचलता सतत न थकता रुकताअव्यक्त भावना को शब्द देता है।।इतफाकों का अजीब […] Read more » जीवन
कविता जीवन July 5, 2021 / July 5, 2021 by प्रभात पाण्डेय | Leave a Comment रोने से क्या हासिल होगाजीवन ढलती शाम नहीं हैदर्द उसी तन को डसता हैमन जिसका निष्काम नहीं है ।।यह मेरा है ,वह तेरा हैयह इसका है ,वह उसका हैतोड़ फोड़ ,बाँटा -बाँटी का ,गलत इरादा किसका हैकर ले अपनी पहचान सहीतू मानव है ,यह जान सहीदानवता को मुंह न लगामानवता का कर मान सहीतुम उठो […] Read more » life जीवन
कविता जीवन April 19, 2020 / April 19, 2020 by आलोक कौशिक | Leave a Comment मिलता है विषाद इसमेंइसमें ही मिलता हर्ष हैकहते हैं इसको जीवनइसका ही नाम संघर्ष है दोनों रंगों में यह दिखताकभी श्याम कभी श्वेत मेंकुछ मिलता कुछ खो जातारस जीवन का है द्वैत में लक्ष्य होते हैं पूर्ण कईथोड़े शेष भी रह जाते हैंस्वप्न कई सच हो जातेकुछ नेत्रों से बह जाते हैं चाहे बिछे हों […] Read more » life poem on life जीवन
धर्म-अध्यात्म “मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अमरता प्रदान करने वाले विश्व वन्दनीय ऋषि वाल्मीकि” October 24, 2018 / October 24, 2018 by मनमोहन आर्य | 2 Comments on “मर्यादा पुरुषोत्तम राम को अमरता प्रदान करने वाले विश्व वन्दनीय ऋषि वाल्मीकि” मनमोहन कुमार आर्य, आज महर्षि वाल्मीकि जी का जन्म दिवस है। हम यह भूल चुके हैं कि हमारी धर्म व संस्कृति के गौरव मर्यादा पुरुषोत्तम राम को हम जितना जानते हैं उसका आधार वैदिक ऋषि वाल्मीकि जी का महाकाव्य ‘‘रामायण” है। भारत व अन्यत्र श्री राम के विषय में जो भी ग्रन्थ रचे गये वह […] Read more » अहंकार क्रोध जीवन परिवार मनुष्य काम महत्वाकांक्षा महर्षि वाल्मीकि लोभ समाज सूर्य महर्षि दयानन्द स्वार्थ
कविता बुढापा August 2, 2018 / August 2, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment बहुतो ने भुला दिया मुझे गिला नहीं उनसे कोई मुझे पर अपने ही भुला देते जब मुझे सोचने को मजबूर कर देते है मुझे जीवन का अंतिम पड़ाव है ये काटे से कटता अब नहीं है ये जीवन में मुश्किलें आई तो बहुत आसानी से काट ली थी तब वे जिनको चलना सिखाया था मैंने […] Read more » अंतिम पड़ाव अँधेरा दिखा जीवन पैसे दवाई बुढापा
विविधा जीवन के अलौकिक संकेत प्रतीक व बिम्ब April 10, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment पूरी तरह से खिले हुए फूल को प्रस्फुटित फूल कहा जाता है। देखने में बहुत प्यारा तथा मन को आनन्दित करता हैं परन्तु उसका दर्द दूसरा कोई नहीं समझता है। किसी को उसकी वेदना का आभास भी शायद ना होता हो। माली पुजारी नारी या युवा ? यहां तक कि उसे माध्यम बनाकर पे्रम का इजहार करने वाले अपने लक्ष्य को साध लेते हैं पर वे प्रस्फुटित फूल कीवेदना को शायद ही समझ पाते हों या समझना चाहते हों। Read more » Featured life Old young जीवन जीवन में मुस्कुराहट जीवन में मुस्कुराहट के फूल खिलाते रहिए ढलती दोपहर में यौवन प्रौढ़ता मुस्कुराहट के फूल
समाज जीवन की राहः शांति की चाह March 20, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment शांति केवल शब्द भर नहीं है, यह जीवन का अहम् हिस्सा है। शांति की इच्छा जहां भी, जब भी, जिसके द्वारा भी होगी पवित्र उद्देश्य और आचरण भी साथ होगा। शांति की साधना वह मुकाम है जहां मन, इन्द्रियां और कषाय तपकर एकाग्र और संयमित हो जाते हैं। जिंदगी से जुड़ी समस्याओं और सवालों का समाधान सामने खड़ा दिखता है तब व्यक्ति बदलता है बाहर से भी और भीतर से भी क्योंकि बदलना ही शांति की इच्छा का पहला सोपान है और बदलना या बदलाव ही शांति के संकल्पों की बुनियाद भी है। Read more » जीवन जीवन की राह शांति की चाह
समाज सार्थक पहल हर रोज अपने जीवन को नया अर्थ दे July 15, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-q-qललित गर्ग आज पूरी दुनिया में उथल-पुथल का दौर चल रहा होता है, ऐसी स्थितियों में अक्सर लोग लक्ष्य को पाने की आस छोड़ देते हैं। उनका सारा ध्यान महज अपने अस्तित्व को बचाए रखने में लग जाता है। लक्ष्य का होना जीवन को स्पष्टता देता है। अच्छी खबर यह है कि आप बंधी-बंधाई सुरक्षित […] Read more » जीवन
जरूर पढ़ें रूको, भीतर झांको और जीवन को बदलो- यही हो योग दिवस का उद्घोष June 18, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- भारत भूमि अनादिकाल से योग भूमि के रूप में विख्यात रही है। यहां का कण-कण, अणु-अणु न जाने कितने योगियों की योग-साधना से आप्लावित हुआ है। तपस्वियों की गहन तपस्या के परमाणुओं से अभिषिक्त यह माटी धन्य है और धन्य है यहां की हवाएं, जो साधना के शिखर पुरुषों की साक्षी हैं। इसी […] Read more » Featured जीवन भीतर झांको और जीवन को बदलो- यही हो योग दिवस का उद्घोष योग रूको
चिंतन समस्याओं का मूल कहां है ? June 17, 2015 / June 17, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- हर मनुष्य सफल होना चाहता है और सफलता के लिये जरूरी है समस्याओं से संघर्ष। समस्याओं रूपी चुनौतियों का सामना करने, उन्हें सुलझाने में जीवन का उसका अपना अर्थ छिपा हुआ है। समस्याएं तो एक दुधारी तलवार होती है, वे हमारे साहस, हमारी बुद्धिमता को ललकारती है और दूसरे शब्दों में वे हममें […] Read more » Featured जिंदगी जीवन परेशानी बुद्धि समस्याओं का मूल कहां है ? समाधान हल
चिंतन श्रेय और प्रेय का मार्ग June 13, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- पृथ्वी के उत्तर और दक्षिण में दो ध्रुव – उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव हैं । दोनों ध्रुवों को ही पृथ्वी की धुरी कहा जाता हैं और दोनों में ही असाधारण शक्ति केन्द्रीभूत मानी जाती हैं । इसी भान्ति चेतन तत्त्व के भी दो ध्रुव हैं जिन्हें माया और ब्रह्म कहा जाता है […] Read more » Featured जिंदगी जीवन मनुष्य श्रेय और प्रेय का मार्ग
चिंतन आसान बनाएं जिन्दगी June 11, 2015 by डॉ. दीपक आचार्य | 1 Comment on आसान बनाएं जिन्दगी -डॉ. दीपक आचार्य- बहुद्देशीय प्रतिस्पर्धा और तेज रफ्तार भरे इस युग में दूसरी सारी बातों से कहीं अधिक जरूरी है जिन्दगी को आसान बनाना। हम सभी का जीवन खूब सारी जटिलताओं और घुमावदार रास्तों से होकर गुजरने वाला बना हुआ होने से जिन्दगी का काफी कुछ समय निरर्थक भी बना हुआ है और बरबाद […] Read more » Featured आसान बनाएं जिन्दगी जिंदगी जीवन मनुष्य