लेख कौटिल्य का अर्थशास्त्र और शिवाजी April 26, 2019 / April 26, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment अध्याय 5 हमारे देश में अंग्रेजी को इसलिए पढ़ाया जाना आवश्यक और उचित माना जाता है कि अंग्रेजी को पढ़ने से ईसाई लोग अपनी पुस्तक बाईबिल और उस की शिक्षाओं का सरलता से पढ़ सकते हैं और उन पर अमल कर सकते हैं। इसी प्रकार उर्दू ,अरबी या फारसी को भी इसलिए पढ़ाया जाना उचित […] Read more » shivaji shivaji become great by following chanakya shivaji followed kautilya शिवाजी
राजनीति सियासी जनादेश का हिस्सा है नाम बदलना November 12, 2018 / November 12, 2018 by अनिल अनूप | 1 Comment on सियासी जनादेश का हिस्सा है नाम बदलना अनिल अनूप शहरों, सड़कों, चौराहों, स्टेडियम और संस्थानों के नाम बदलना कोई राजनीतिक अपराध नहीं है। विभिन्न सरकारें केंद्र और राज्यों में अपनी राजनीतिक सुविधा के मुताबिक नाम बदलती रही हैं। उनकी एक लंबी फेहरिस्त है, जिसके मद्देनजर कांग्रेस पर सबसे ज्यादा सवाल हैं, क्योंकि 60 साल से अधिक उसी ने देश पर शासन किया […] Read more » अग्रवन’ अर्जुन अलीगढ़ को ‘हरिगढ़’ आजमगढ़ को ‘आर्यमगढ़’ और देवबंद को ‘देववृंद’ ईसाई कर्ण जैन बौद्ध मुजफ्फरनगर को ‘लक्ष्मीनगर’ मुस्लिम राम लक्ष्मण लखनऊ को ‘लक्ष्मणपुर’ शिवाजी संभाजी सिख सियासी जनादेश का हिस्सा है नाम बदलना हिंदू
धर्म-अध्यात्म ‘नारी के बिना सृष्टि का चलना असम्भव है : वीरेन्द्र शास्त्री’ October 14, 2018 / October 14, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, आर्यसमाज लक्ष्मण चौक, देहरादून के 52 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर दूसरे दिन आज अपरान्ह 3.00 बजे से ऋग्वेद पारायण आंशिक यज्ञ आरम्भ हुआ जिसके बाद महिला सम्मेलन सम्पन्न हुआ। यज्ञ के ब्रह्मा आर्य विद्वान श्री वीरेन्द्र शास्त्री द्वय थे और यज्ञ में मन्त्रोच्चार गुरुकुल पौंधा देहरादून के दो ब्रह्मचारियों श्री विनीत […] Read more » कृष्ण सहित दयानन्द गौतम व कणाद नारी राम महाराणा प्रताप कपिल शिवाजी
कविता ज्वार उठाना होगा, मस्तक कटाना होगा September 10, 2018 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment कवि आलोक पाण्डेय समर की बेला है वीरों अब संधान करो, शत्रु को मर्दन करने को, त्वरित अनुसंधान करो | मातृभू की खातिर फिर लहू बहाना होगा; ज्वार उठाना होगा, मस्तक कटाना होगा| सिंहासन की कायरता से , संयम अब डोल रहा चिरस्थायी संस्कृति हित , कडक संघर्षों को खोल रहा| अखिल विश्व की दिव्य […] Read more » अमर सपूतों आतंक शिवाजी समर संस्कृति
विविधा सुमिरन करिए शिवराज के प्रताप का May 17, 2014 / May 17, 2014 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment -वीरेन्द्र सिंह परिहार- ‘‘त्यो म्लेच्छ वंश पर शेर शिवराज है।’’ प्रसिद्ध कवि भूषण की इस कविता का गायन अपनी मधुर आवाज में स्वामी विवेकानन्द एक चांदनी रात में अपने चेन्नई प्रवास के दौरान कर रहे थे। इस पर उनके एक शिष्य ने कहा- ‘‘यह क्या स्वामी जी? वह तो एक घोर डाकू, कपटी, खूनी था। […] Read more » शिवराज शिवाजी