समाज सोशल मीडिया : वरदान भी अभिशाप भी November 10, 2018 / November 10, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment डॉ जीतेंद्र प्रताप जवाहर नवोदय विद्यालय मुडिपु, दक्षिण कन्नड़, कर्नाटक, 574153 संपर्क सूत्र 9739198095 मानव ईश्वर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ सृजन है जो अन्य प्राणियों की तुलना में सोचने -समझने की असीम शक्ति लेकर पैदा होता है। अपने आदिम समय से लेकर आज तक उसने न जाने कितनी खोजें की हैं जिन्होंने उसके जीवन […] Read more » इंस्टाग्राम ट्विटर देश व समाज को आर्थिक फेसबुक मायस्पेस लिंकडइन व्यक्ति व्हाट्सएप संगठन सामाजिक सांस्कृतिक सोशल मीडिया : वरदान भी अभिशाप भी
राजनीति लोकतांत्रिक मूल्यों को मान देने वाले महानायक October 10, 2018 / October 10, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग – स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर स्वतंत्र भारत की राजनीति में जिन महान नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभायीं, उनमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण का नाम प्रमुख है। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान वे ब्रिटिश शासकों की हिरासत में रहे, तो दशकों बाद आजाद हिंदुस्तान की सरकार ने उन्हें आपातकाल के दौरान गिरफ्तार किया। देश और […] Read more » आर्थिक जयप्रकाश नारायण बौद्धिक राजनैतिक शैक्षणिक सामाजिक सांस्कृतिक
समाज शिकागो संभाषण – भारत के विश्वगुरु बनने का मार्ग September 10, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment प्रवीण गुणगानी स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात कर लिया था, यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है – “यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णतः पढ़ लीजिये”. नोबेल सम्मानित फ्रांसीसी लेखक रोमां रोलां ने स्वामी जी के विषय में कहा था – […] Read more » अणु विज्ञान अन्तिरिक्ष विज्ञान अर्थशास्त्र काल गणना नीति शास्त्र मान्यताओं आयुर्विज्ञान आयुर्वेद त्यौहार विचारों सांस्कृतिक स्वामी विवेकानंद
समाज खतरे में है भारत की सांस्कृतिक अखंडता और विरासत July 19, 2018 / July 19, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत देश एक बहु-सांस्कृतिक परिदृश्य के साथ बना एक ऐसा राष्ट्र है जो दो महान नदी प्रणालियों, सिंधु तथा गंगा, की घाटियों में विकसित हुई सभ्यता है, यद्यपि हमारी संस्कृति हिमालय की वजह से अति विशिष्ट भौगोलीय क्षेत्र में अवस्थित, जटिल तथा बहुआयामी है, लेकिन किसी भी दृष्टि से अलग-थलग […] Read more » १८ जुलाई १९४७ Featured अमरीका खतरे में है भारत की सांस्कृतिक राष्ट् संस्कृति हिमालय सांस्कृतिक
आलोचना हिन्दी बुर्जुआ के सांस्कृतिक खेल July 24, 2011 / December 8, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on हिन्दी बुर्जुआ के सांस्कृतिक खेल जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी बुर्जुआवर्ग का हिन्दीभाषा और साहित्य से तीन-तेरह का संबंध है। हिन्दीभाषी बुर्जुआवर्ग में आत्मत्याग की भावना कम है। उसमें दौलत,शानो-शौकत और सामाजिक हैसियत का अहंकार है। वह प्रत्येक काम के लिए दूसरों पर निर्भर है।दूसरों के अनुकरण में गर्व महसूस करता है। दूसरों के अनुग्रह को सम्मान समझता है।वाक्चातुर्य से भाव-विह्वल हो […] Read more » cultural सांस्कृतिक