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जन्म कुंडली एक दस्तावेज है जिसका प्रयोग अक्सर ज्योतिष से जुड़ी गणनाओं को करने के लिए किया जाता है। एक जन्म कुंडली को बनाते वक़्त, जन्म तिथि, जन्म का समय, जन्म का स्थान और नाम पूछा जाता है। इन्हीं चारों घटकों को मिलाकर एक जन्म कुंडली का निर्माण होता है। जन्म कुंडली को एक तरह से ज्योतिष प्रोफाईल भी कहा जा सकता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति के ग्रहो की दशा किस प्रकार की है यह केवल जन्म कुंडली से ही पता लग सकता है। जन्म कुंडली का प्रयोग व्यक्ति के ग्रहों की दशा, मनोदशा और उनके योग के बारे में पता लगाने के लिए किया जाता है। ऐसा करके व्यक्ति की सम्भावी काबिलियत और भविष्य को पता करने की कोशिश की जाती है। जन्म कुंडली से यह भी पता लगता है कि जातक मांगलिक है अथवा नहीं।
कुन्डली मिलाना क्या है? What is Kundli Matching?
जैसा कि आप जानते हैं कि जन्म कुंडली का अर्थ है ग्रहों की दशा और उनकी स्थिति। प्रत्येक व्यक्ति के जन्म स्थान, जन्म के समय, जन्म तिथि और जन्म के नाम के अनुसार, अलग अलग कुंडली होती है। जैसे जन्म कुंडली किसी व्यक्ति की ज्योतिष प्रोफाईल है तो कुंडली मिलने का अर्थ हुआ दो व्यक्तियों की प्रोफाईल को स्टडी करना। ऐसा करके ये पता लगाया जाता है कि दोनों व्यक्तियों के 36 में से कितने गुण मिल रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि 22 या उससे ज्यादा गुण मिले तो विवाह के बाद सम्बंध उत्तम होंगे। कुंडली मिलन के समय ग्रहों की दशा, तारों का स्थान देखा जाता है और यह पता लगाया जाता है कि विभिन्न क्षेत्रों में होने वाला जोड़ा किस तरह कार्य करेगा। वो क्षेत्र, समन्वय, सन्तान और रचनात्मकता है। यदि सभी गुण मिलने के बावजूद दोनों व्यक्तियों का आपस में समन्वय ना मिल रहा हो तो विवाह को उपयुक्त नहीं माना जाता।
कुंडली मिलाने का महत्व। Importance of Janam Kundli and Kundli Matching
किसी भी जोड़े के विवाह से पहले उन दोनों की जन्म कुंडली बनाकर मिलाई जाती है। ऐसा करना अनिवार्य माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुंडली का मिलाना क्यों जरूरी होता है और किसके क्या फायदे हैं। कुंडली मिलाने का महत्व :
- दो जोड़ों की कुंडली को उनके ग्रहों की दशा और मनोदशा के आधार पर गुण दिए जाते हैं, जिन्हें बाद में जोड़कर यह देखा जाता है कि क्या दोनों व्यक्तियों के सभी गुण मिल रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि एक व्यक्ति के पास 36 गुण होते हैं। अगर उन 36 में से लगभग 22 से ज्यादा भी किसी से मिल गए तो ऐसा माना जाता है कि वो दोनों एक दूसरे के लिए ही बने हैं। लेकिन गुण भले ही 36 मिल जाएं समन्वय बहुत मायने रखता है।
- अगर आपके 36 के 36 गुण मिल रहे हैं और जातक के साथ समन्वय नहीं बैठ रहा तो आपकी शादी को उपयुक्त बता दिय जाएगा।
- कुंडली मिलाने से यह भी पता चलता है कि जोड़ा मांगलिक है या नहीं। अगर वो मांगलिक होते हैं तो कई बार केवल शादी करने से मंगल की दिशा बदल जाती है और दोष खत्म हो जाता है और कई बार शादी कर लेने से मंगल दोष बढ़ता चला जाता है।