पाकिस्तान में हिन्दुओं की स्थिति पर क्या कहती है अमरीकी विदेश विभाग की यह रिपोर्ट ?

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minority-rights-violation-in-pakistanपाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विगत दिनों अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन पार्टी के प्रमुख उम्मीदवार और सीनेटर मार्को रूबियो ने पाकिस्तान को “विशेष रूप से चिंताजनक देश Country of Particular Concern (CPC)” बताते हुए गहरी चिंता व्यक्त की है।

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर वर्ष 2014 की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद उन्होंने कहा कि “धार्मिक स्वतंत्रता अमेरिकी विदेश नीति का आधार होना चाहिए। इसके लिए अधिक से अधिक दांव पर लगाना भी कम है | अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर विदेश विभाग कि वार्षिक रिपोर्ट जारी होने के बाद हमें धार्मिक अभिव्यक्ति और पूजा की स्वतंत्रता संबंधी नीतियों को लागू करने के लिए विश्व के देशों पर दबाब बनाना चाहिए ।“

जिन देशों में स्थिति धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति चिंताजनक है, विदेश विभाग उन्हें चिन्हित कर शर्मिन्दा करने के उपकरण का ठीक प्रकार से उपयोग नहीं करता है । रुबियो ने आग्रह किया कि प्रशासन को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों को हर वर्ष चिन्हित करना चाहिए ।

“विशेष रूप से, पाकिस्तान, सीरिया और वियतनाम जैसे देशों को विशेष चिंतनीय देश घोषित किया जाना चाहिए, जिनके लिए बार बार अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए बने स्वतंत्र अमेरिकी आयोग (USCIRF) द्वारा सिफारिश की गई है |” रुबियो ने कहा।

“संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए, धार्मिक स्वतंत्रता पर हो रहे ये हमले न केवल नैतिक रूप से बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे रणनीतिक दृष्टि से भी चिंताजनक हैं । अफसोस की बात यह है कि ओबामा प्रशासन ने इन गंभीर विषयों को अन्य सामान्य तात्कालिक विषयों के साथ मिला दिया है – इन पर तुरंत ध्यान दिया जाना आवश्यक है |”रुबियो ने कहा।

ध्यान देने योग्य बात यह है कि USCIRF द्वारा जारी की गई 198 देशों की इस सूचीं में पाकिस्तान को सबसे ऊपर रखा गया है |

आखिर है क्या इस रिपोर्ट में ?

2014 की इस रिपोर्ट में हिंसा, बलात्कार और धर्म परिवर्तन की अनगिनत दुखद घटनाओं का उल्लेख है | कुछ घटनाये इस प्रकार हैं –

एक नौ वर्षीय हिंदू लड़की का अपहरण और बलात्कार के बाद हत्या |

एक हिंदू स्कूल अध्यापिका सपना को बंदूक की नोक पर शादी और फिर धर्मपरिवर्तन के लिए जबरन विवश किया जाना |

स्थानीय हिन्दू व्यापारी सेठ भोजरा जाट के 5 बच्चों का अपहरण |

एक गरीब खिलौना निर्माता की नाबालिग बेटियों जमुना और पूजा का जबरन धर्मांतरण और उनकी लाशों का कब्र से गायब होना ।

कराची का एक हिन्दू दंपत्ति जब घर लौटा तो पाया कि उनकी तीनों अल्पबयस्क बेटियों सन्नो, अमरा और चंपा को एक मदरसे में ले जाकर उन्हें जबरन इस्लाम कबूल करवा दिया गया है और माता-पिता उनसे संपर्क भी नहीं कर सकते !

विवाहित हिंदू महिलाओं का अपहरण, उनका जबरन धर्मांतरण और फिर मुस्लिमों से उनकी शादी सिंध प्रांत में बहुत आम हैं।

भले ही सभ्य देशों में गुलामी प्रथा समाप्त हो गई हो, किन्तु इस रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण पाकिस्तान में आज भी लाखों हिन्दू ‘बंधुआ मजदूर’ के रूप में गुलामी जैसी स्थिति में जीवन जी रहे हैं ।

हिंदू मंदिरों को भी बार-बार निशाना बनाया जा रहा है। हैदराबाद में हनुमान मंदिर की मूर्ति तोड़कर अपवित्र की गई और फिर मंदिर को आग के हवाले कर दिया गया । लरकाना, थारपारकर और टँडो मोहम्मद खान में भी हिंदू मंदिरों और सामुदायिक केन्द्रों में आग लगा दी गई । हैदराबाद में देवी काली माता के मंदिर की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया ।

एशियाई मानवाधिकार आयोग (AHRC) की रिपोर्ट है कि कराची में हिंदू सफाई कामगारों के 720 परिवार बार-बार बलात्कार, अपहरण की घटनाओं से परेशान होकर अपने एक सदी पुराने आवास खाली करने को विवश हो गए, उन्हें न तो पुलिस की मदद मिली और न ही पाकिस्तान रेंजर्स की।

पेशावर में आर्ट ऑफ़ लिविंग के ‘योग केंद्र’ को जलाकर ख़ाक कर दिया गया |

फाटा में आज भी जजिया प्रथा लागू है | वहां हिन्दुओं को प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति को पच्चीस हजार रुपये भुगतान करने पड़ते हैं ।

स्कूलों की पाठ पुस्तकों में भी हिंदुओं को मारने का कोई अवसर न छोड़ने की शिक्षा दी जाती है ।

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