विविधा नदी जीवंतता को मिला अदालती आधार March 22, 2017 | Leave a Comment योगेन्द्र नाथ नसकर बनाम आयकर आयुक्त कोलकोता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि हिदुओं की देव प्रतिमायें न्यायाधिकार धारण करने की क्षमता रखने वाली सत्ता हैं। इसलिए समाज की आस्था और उसकी मान्यता की रक्षा करने के लिए गंगा और यमुना को जीवित व्यक्ति या न्यायाधिकार प्राप्त व्यक्ति के रूप मेें घोषित करने की ज़रूरत है। नदियों की जीवंतता को संवैधानिक दर्जा दिलाने के विचार और मांग की पूर्ति का संकल्प पहली बार तब सार्वजनिक हुआ, जब वर्ष 2013 के इलाहाबाद कुंभ के दौरान ’गंगा संसंद आयोजित की गई। Read more » Featured Ganga declared human entities. Yamuna rivers have now been declared human entities. गंगा-यमुना मैया को जीवित मानव जैसा अधिकार नदी जीवंतता को मिला अदालती आधार
विविधा मावलिन्नांग से सीखें सफाई का ककहरा March 15, 2017 | 1 Comment on मावलिन्नांग से सीखें सफाई का ककहरा अरुण तिवारी हर घर में शौचालय हो; गांव-गांव सफाई हो; सभी को स्वच्छ-सुरक्षित पीने का पानी मिले; हर शहर में ठोस-द्रव अपशिष्ट निपटान की व्यवस्था हो – इन्ही उद्देश्यों को लेकर दो अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की गई थी। कहा गया कि जब दो अक्तूबर, 2019 को महात्मा गांधी जी का […] Read more » cleanest village cleanest village of Asia cleanest village of Asia in Meghalaya Featured मावलिन्नांग
कविता साहित्य इन रंगन से अब का डरनो, अब तो आ गई होरी March 12, 2017 | Leave a Comment कुछ रंगन में भंग परी है, कुछ रंगन में हाला, कुछ रंगन में गोरी, कुछ रंग गड़बड़ झाला। वीरू-जय औ पप्पू-टीपू ले रंगन को प्याला, हाथी, झाडू़, सीटी, नारियल हर रंग शतरंज वाला। कौन रंग वोटर मन भावे, जो रंगरेज़, सोई जाने ईवीएम को तो कमीशन जाने, हम तो जाने रंग तिरंगो वाला। इन रंगन […] Read more » अब तो आ गई होरी इन रंगन से अब का डरनो
विविधा भारत का पहला नदी द्वीप ज़िला माजुली March 9, 2017 | Leave a Comment माजुली में वर्षा काफी होती है और प्रदूषक औद्योगिक इकाइया हैं नहीं। इस कारण माजुली में प्रदूषण का संकट तो नहीं है, लेकिन जीवन की असुरक्षा और अनिश्चितता यहां एक बड़ा संकट है। एक आकलन के मुताबिक, बीसवीं सदी के अंत तक माजुली की 33 प्रतिशत भूमि ब्रह्यपुत्र के प्रवाह में समा चुकी थी। ब्रह्यपुत्र, हर वर्ष माजुली का बड़ा टुकड़ा निगल जाता है। 1991 से लेकर अब तक 35 गावों का नामोनिशां मिट चुका है। Read more » Featured ज़िला माजुली नदी द्वीप नदी द्वीप ज़िला माजुली पहला नदी द्वीप ज़िला माजुली भारत माजुली
पर्यावरण विविधा मावफलांग के खासी March 7, 2017 | Leave a Comment दैवशक्ति लबासा की निगाह में पवित्र जंगल का बुरा करना अथवा जंगल के भीतर बुरा सोचना-बोलना किसी बड़े अपराध से कम नहीं। इसकी सजा अत्यंत घातक होती है। इसी विश्वास और जंगल पर सामुदायिक हकदारी ने लंबे अरसे तक मावफलांग के जंगल बचाये रखे। जंगलों पर हकदारी और जवाबदारी दोनो ही हिमाओं के हाथ में है। Read more » ’रेड’ Featured REDD भारत का पहला रेड पायलट समुदाय मावफलांग मावफलांग के आदिवासी समुदाय मावफलांग के खासी रिड्युशिंग एमीशन्स फ्राम डिफोरेस्ट्रेशन एण्ड डिग्रेडेशन
लेख शख्सियत साहित्य देह के बाद अनुपम March 4, 2017 | 2 Comments on देह के बाद अनुपम अरुण तिवारी जब देह थी, तब अनुपम नहीं; अब देह नहीं, पर अनुपम हैं। आप इसे मेरा निकटदृष्टि दोष कहें या दूरदृष्टि दोष; जब तक अनुपम जी की देह थी, तब तक मैं उनमें अन्य कुछ अनुपम न देख सका, सिवाय नये मुहावरे गढ़ने वाली उनकी शब्दावली, गूढ से गूढ़ विषय को कहानी की तरह […] Read more » Anupam Mishra death of Anupam Mishra Featured अनुपम मिश्र परंपरागत वर्षा जल-संरक्षण
समाज सार्थक पहल जैविक में है दम, सिक्किम बना प्रथम February 28, 2017 / February 28, 2017 | Leave a Comment अरुण तिवारी यदि हमारी खेती प्रमाणिक तौर पर 100 फीसदी जैविक हो जाये, तो क्या हो ? यह सोचते ही मेरे मन में सबसे पहले जो कोलाज उभरता है, उसमें स्वाद भी है, गंध भी, सुगंघ भी तथा इंसान, जानवर और खुद खेती की बेहतर होती सेहत भी। इस चित्र के लिए एक टेगलाइन भी […] Read more » 100 फीसदी जैविक कृषि राज्य सिक्किम Featured चाय बोर्ड जैविक कृषि राज्य सिक्किम जैविक खेती नाबार्ड पुष्प बूटी के राष्ट्रीय शोध केन्द भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मसाला बोर्ड राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड सिक्किम सहकारी
जन-जागरण महत्वपूर्ण लेख समाज कितना असाधारण अब सौ फीसदी कुदरती हो जाना February 26, 2017 | Leave a Comment परिस्थिति के हिसाब से किसानों के तर्क व्यावहारिक हैं। उनकी बातों से यह भी स्पष्ट हुआ कि वे केचुंआ खाद, कचरा कम्पोस्ट आदि से परिचित नहीं है। गोबर गैस प्लांट उनकी पकड़ में नहीं है। हरी खाद पैदा करने के लिए हर साल जो अतिरिक्त खेत चाहिए, उनके पास उतनी ज़मीन नहीं है। ज़िला कृषि कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी गांव में आते-जाते नहीं। सच यही है कि जैविक खेती के सफल प्रयोगों की भनक देश के ज्यादातर किसानों को अभी भी नहीं है। Read more » Featured बी आॅर्गेनिक बी नैचुरल बी वैल्दी मुश्किल है कुदरती हवा रासायनिक हुई माटी-खेती रिमेन हैल्दी
कला-संस्कृति विविधा आदि का अनंत प्रवाह – यमुना February 26, 2017 | Leave a Comment यमुना नाटिका अरुण तिवारी इस शिवरात्रि को मैं जीवन यात्रा के 53 वर्ष पूरे कर लिए। मैं जन्म से दिल्ली में हूं। 11 वर्ष का हुआ, तो रहने के लिए बाबूजी हमें यमुना किनारे ले आये। मेरा नया सरकारी स्कूल सिविल लाइन्स में स्थित था। लोहे वाले पुराने पुल से आते-जाते हमारी स्कूल बस […] Read more » Featured आदि का अनंत प्रवाह यमुना
राजनीति तेरी गठरी में लागी भाजपा, कांग्रेस जाग जरा February 23, 2017 | Leave a Comment भाजपा का कांग्रेसमुक्त पूर्वोत्तर अभियान श्री नरेन्द्र मोदी के बारे में मशहूर है कि वह एक साथ 100 से अधिक एजेण्डों पर काम कर रहे हैं। कहा यह भी जाता है कि लक्ष्य हासिल करने के लिए वह ‘येन-केन-प्रकारेण’ पर विश्वास करते हैं। यही बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में भी कही जाती रही […] Read more » bjp in eastern states Featured increasing influence of bjp in eastern states कांग्रेसमुक्त पूर्वोत्तर भाजपा का कांग्रेसमुक्त पूर्वोत्तर अभियान
राजनीति विधि-कानून चुनाव सुधार : बस, चार कदम चलना होगा February 23, 2017 | Leave a Comment जनगणना-2011 के अनुसार, कुल भारतीय ग्रामीण आबादी में से 74.5 प्रतिशत परिवारों की आय पांच हजार रुपये प्रति माह से कम है। इसके विपरीत भारत की वर्तमान केन्द्रीय मंत्रिपरिषद के 78 मंत्रियों में से 76 करोड़पति हैं। राज्य विधानसभाओं के 609 मंत्रियों में से 462 करोड़पति हैं। स्पष्ट है कि भारत की जनता गरीब है, […] Read more » Featured काॅरपोरेट फंडिग बंद हो चुनाव आयोग चुनाव आयोग को मिलें न्यायिक शक्तियां दलविहीन चुनाव दलविहीन चुनाव शुरु हों स्वयं सुधरे चुनाव आयोग
विविधा अरुणाचल प्रदेश के आंचल में खुशबू खज़ाना February 17, 2017 | Leave a Comment उगते सूरज का प्रदेश, सर्वाधिक क्षेत्रीय बोलियों वाला प्रदेश, भारत के तीसरा विशाल राष्ट्रीय पार्क (नाम्दाफा नेशनल पार्क ) वाला प्रदेश जैसे भारतीय स्तर के कई विशेषण अरुणाचल प्रदेश के साथ जुडे़ हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश के लिए जो विशेषण सबसे खास और अनोखा है, वह है, यहां उपलब्ण्ध सबसे अधिक आॅर्चिड विविधता। आॅर्चिड – […] Read more »