कविता नवल शक्ति April 25, 2014 | Leave a Comment -रवींद्र मीणा- हे शक्ति रूप, हे नवल धूप, हो रहा आज मानस कुरूप मधुमास छा गया दिग दिगंत, पीकर मधुरस, मधुकर उन्मत, तू बन प्रचंड -दे उसे दंड, प्रतिकार करो प्रतिकार करो। तेरा जीवन संताप नहीं, तेरा जीवन अभिशाप नहीं, तेरा जीवन संघर्ष सही, होंगे सारे उत्कर्ष वहीं, तू आशा बन, निराशा का, संहार करो, […] Read more » poem कविता नवल शक्ति
चुनाव राजनीति लोकसभा की जीत में युवाओं की भूमिका April 25, 2014 / April 25, 2014 | Leave a Comment -मिलन भार्गव- ‘आंखों में वैभव के सपने, मन में तूफानों सी गति हो’ ऐसे ही हृदय में उठते हुए ज्वार, परिवर्तन की ललक, अदम्य साहस, स्पष्ट संकल्प लेने की चाहत का नाम है युवावस्था। दुनिया को कोई भी आन्दोलन, दुनिया की कोई भी विचारधारा युवाशक्ति के बिना सशक्त नहीं बन सकते, वास्तव में वह युवा […] Read more » Lok sabha election youth role युवाओं की भूमिका लोकसभा चुनाव
चिंतन चुनाव शासन और अनुशासन April 25, 2014 / April 25, 2014 | Leave a Comment -विजय कुमार- चुनाव के इस दौर में सब ओर शासन की ही चर्चा है। कोई वर्तमान शासन को ‘कुशासन’ बताकर उसे बदलना चाहता है, तो कुछ उसे ‘सुशासन’ कहकर बनाये रखने के पक्षधर हैं। कुछ इस व्यवस्था को ही ‘दुःशासन’ मानकर इसे पूरी तरह बदलना चाहते हैं। यद्यपि इसके बदले वे कौन सी व्यवस्था लाएंगे, […] Read more » administration-and-discipline लोकसभा चुनाव शासन और अनुशासन
चुनाव राजनीति सच्चा मुस्लिम प्रेम: तुष्टीकरण या विकास April 24, 2014 | Leave a Comment -मुकेश शर्मा- 16वीं लोकसभा चुनाव में हर राजनैतिक पार्टी मुस्लिम प्रेम की हर हद पार कर उन्हें गले लगाना चाहती है। सपा, बसपा और कांग्रेस ने तो दोनों हाथों में लड्डू लेकर मुस्लिमों को आकर्षिक करना शुरू कर दिया है। उन्हें नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के डर से सताया जा रहा है। इसलिए अनाप-शनाप […] Read more » muslim affection तुष्टीकरण या विकास मुस्लिम प्रेम सच्चा मुस्लिम प्रेम
चुनाव ‘युवा’ बदलेंगे भारत का तस्वीर April 24, 2014 / April 24, 2014 | Leave a Comment -मुकेश शर्मा- ‘युवा’ शब्द सुनते ही चौड़ा सीना, फौलादी भुजाएं और आत्मविश्वास से लबालब भरा एक ऐसा शख्स सामने आता है, जो कुछ कर गुजरने की इच्छा रखता है। उसमें इतना जोश रहता है कि वह किसी भी चुनौती को स्वीकारने के लिये तैयार रहता है। चाहे वह कुर्बानी ही क्यों न हो। नौजवान अतीत […] Read more » youth युवा
चुनाव राजनीति राहुल को खत April 24, 2014 / April 24, 2014 | Leave a Comment -सतीश मिश्रा- आदरणीय राहुल गांधी जी, सादर नमो नमो टीवी पर देखा, आप कह रहे थे कि आपने इस देश को भोजन का अधिकार दिया आप बड़े आदमी हैं। आप कह रहे हैं तो प्रामाणिक रूप से ही कह रहे होंगे परन्तु हे सोनियानन्दन..! जहां तक मेरा विश्वास है, मैं और मेरा परिवार तो उस […] Read more » letter to Rahul Gandhi Rahul Gandhi राहुल को खत राहुल गांधी
प्रवक्ता न्यूज़ पत्रकारों ने किया संजय द्विवेदी को मिली धमकियों की निन्दाः कार्रवाई की मांग April 24, 2014 | Leave a Comment बस्ती। वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रवक्ता संजय द्विवेदी के आलेख पर नाराजगी जाहिर करते हुये उन्हें पद से हटाये जाने की टिप्पणीे पर बस्ती के पत्रकारों में रोष है। पत्रकारों ने बयान की निन्दा की है। संजय द्विवेदी ने बस्ती से अपनी पत्रकारिता की शुरूआत की। इस समय वे भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के […] Read more » Journalists demand Pravakta.com Sanjay Dwivedi पत्रकारों की मांग प्रवक्ता डॉट कॉम संजय द्विवेदी
चुनाव राजनीति आम चुनाव के मध्य April 23, 2014 / April 23, 2014 | Leave a Comment -फखरे आलम- देश में आम चुनाव का दौर जारी है। महंगाई ने अपना सितम जारी रखे हुए है। जैसे देश भ्रमित और अनिश्चितता के दौन से गुजर रहा हो। निर्वाचन आयोग की सख्ती, नक्सलियों का तांडव रोके नहीं रूक रहा है। मतदान न करने वालों और लोकतंत्र पर भरोसा नहीं करने वालों ने भी घर […] Read more » election 2014 आम चुनाव देश की समस्या
राजनीति यह नेता हैं या गुंडे ? April 23, 2014 / April 25, 2014 | 1 Comment on यह नेता हैं या गुंडे ? -अब्दुल नूर शिबली- जिन-जिन लोगों को हिंदी फिल्में देखने का शौक़ है वह सब अमरीश पूरी, प्रेम चोपड़ा, गुलशन ग्रोवर, शक्ति कपूर, सदाशिव अमरापुरकर, प्राण और इसी प्रकार के दुसरे विलन को अच्छी तरह जानते हैं जो फिल्मों में गांव वालों को या आम जनता को धमकी देते रहते हैं कि यदि तुमने हमारा काम […] Read more » criminal politics politics problem गुंडे नेता राजनीति की समस्या
कविता सीता की व्यथा April 23, 2014 | Leave a Comment -महेश कुमार शर्मा- जो अतीत की भूलों से कुछ सीख न ले पाते हैं। उनके मालिक राम, नहीं किंचित सुख दे पाते हैं। निर्वासित कर मुझे राम ने, कितना सुख पाया है। पूछो धोबी से उसने क्यों अपयश लाभ कमाया है। किन्तु न मैंने रेख लांघकर अवसर अगर दिया होता। उपजी ही होती क्यों शंका […] Read more » poem seeta कविता सीता सीता की व्यथा
मीडिया राजनीतिक पत्रिका ‘न्यूज बेंच’ का हिंदी और अंग्रेजी संस्करण बाजार में April 21, 2014 / April 21, 2014 | Leave a Comment ग्रांड कॉन्सेप्ट्स मीडिया सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने एक राजनीति केंद्रित मासिक पत्रिका ‘न्यूज बेंच’ का प्रकाशन हिंदी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किया है। न्यूज बेंच के प्रवेशांक की कवर स्टोरी है ‘नरेद्र मोदी के असली दुश्मन’, जिसमें खुलासा किया गया है कि नरेंद्र मोदी को 24 अकबर रोड ‘कांग्रेस’ चाहे अजय भवन ‘वामदल’ से […] Read more »
मीडिया कैसे-कैसे हालात हो गये… April 20, 2014 / April 20, 2014 | Leave a Comment -अर्पण जैन- जब आज देश के हर कोने से पत्रकारिता ( यानी मीडिया ) को कोसा जा रहा है , तमाम तरह के आरोप लग रहे है , जिव्हा पर सत्य आने से पहले बीसियो बार रुक रहा है, कही कोई गाली दे रहा है तो कोई धमकी , तब एसे कालखंड मे उद्देशो को […] Read more » media nature changed कैसे-कैसे हालात हो गये...