लेख बात भावनाओं की है, शब्दों की नहीं April 15, 2024 / April 15, 2024 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा भारतीय संविधान में 26 जनवरी 1950 के बाद सौ से अधिक संशोधन हो चुके हैं। इनमें अब तक का सबसे महत्त्वपूर्ण 42वां संशोधन अधिनियम, 1976 है। इसे लघु संविधान के रूप में जाना जाता है। इसके तहत कुछ अन्य अत्यंत महत्त्वपूर्ण संशोधन भी किये गए हैं। प्रमुखत: इस संशोधन के तहत […] Read more »
आर्थिकी लेख मानव निर्मित आपदा: दुनिया में मंदी के साथ महंगाई की मार August 4, 2022 / August 4, 2022 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा श्रीलंका में आर्थिक संकट के चलते जिस हाहाकार को दुनिया ने देखा, उसी प्रकार का हाहाकार और जनाक्रोश अब पश्चिमी एशियाई देश लेबनान में देखने को मिल रहा है.अगर हम लेबनान की बात करें तो 1960 की दहाई में यह देश आर्थिक विकास के शिखर पर था.2019 से अब 2022 तक इस […] Read more » Man-made disaster: Inflation hit with recession in the world मंदी के साथ महंगाई की मार
राजनीति क्यों दिखानी पड़ी भाजपा को सख्ती ? June 9, 2022 / June 9, 2022 | Leave a Comment खबर है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी राष्ट्रीय और प्रदेश प्रवक्ताओं को पार्टी लाइन से हटकर विवादित बयान नहीं देने का फरमान जारी किया है। यानि हजरत मोहम्मद साहब पर भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान के बाद भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रवक्ताओं और पैनलिस्ट की लगाम […] Read more » Nupur Sharma नवीन कुमार जिंदल नवीन कुमार जिंदल की विवादास्पद टिप्पणि पार्टी लाइन से हटकर विवादित बयान नहीं देने का फरमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी राष्ट्रीय और प्रदेश प्रवक्ताओं को
विविधा कहानी सुनने-सुनाने की परम्परा September 27, 2020 / September 27, 2020 | Leave a Comment *केवल कृष्ण पनगोत्रा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी महोदय 27 सितंबर 2020 को मन की बात के माध्यम से अपने विचार साझा कर रहे थे. हालांकि मन की बात के इस भाग में उन्होंने कृषि और शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह पर भी विस्तार से चर्चा की लेकिन कथा-कहानी की परंपरा को जिंदा रखने को लेकर […] Read more » Storytelling tradition कहानी सुनने-सुनाने की परम्परा
लेख समाज नेक नीयत की नोक-झोंक प्यार के रंग को चोखा करती है, September 2, 2020 / September 2, 2020 | Leave a Comment * केवल कृष्ण पनगोत्रा जिंदगी समग्रता से संपूर्ण होती है और समग्रता तब आती है जब जिंदगी हर रंग से रंगी जाए.संगीत तभी संपूर्ण होता है जब सात सुरों का संगम होता है. सिर्फ एक ही सुर से न गीत मुकम्मल होता है और न ही संगीत. जैसे […] Read more » नेक नीयत की नोक-झोंक नोक-झोंक प्यार
समाज दहेजः कानून ही नहीं, कारगर सामाजिक प्रयास भी हैं जरूरी August 25, 2020 / August 25, 2020 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा कुछ साल पहले पंजाब के साथ लगते जम्मू-कश्मीर के कठुआ में एक महिला सुनीता (काल्पनिक नाम) ने अपने ही पड़ोस में रहने वाली एक महिला गीता (काल्पनिक नाम) की हत्या कर दी थी। कारण कोई व्यक्तिगत शत्रुता नहीं था, जमीन-जायदाद का झगड़ा भी नहीं था। कारण यह था कि सुनीता को अपनी […] Read more » दहेज
लेख शख्सियत बग़ावत और मुहब्बत का सागर थे राहत इंदौरी August 12, 2020 / August 12, 2020 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्राबग़ावत और मुहब्बत का एक सागर देखते ही नजरों से दूर हो गया! मुहब्बत वालों से मुहब्बत, मगर फिरका परस्तों से बग़ावत सिखा गया!!(के के पनगोत्रा)मरहूम राहत इंदोरी साहिब के लिए मेरे पास इससे माकूल अल्फाज नहीं हो सकते। 11 अगस्त 2020, मंगल का रोज़ एक ऐसी खबर लेकर आया जिसने पूरी दुनिया में […] Read more » rahat Indori was a sea of rebellion and love राहत इंदौरी
समाज निष्क्रिय और तमाशबीनों की बढ़ती संख्या August 1, 2020 / August 1, 2020 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा कुछ दिन पहले की ही बात है. गुना में एक महिला अपने टीबी के मरीज पति को अस्पताल ले गई थी. उस महिला के पास पर्ची कटवाने के पांच रुपये तक नहीं थे. पूरी रात अपने मासूम बच्चे और पति के साथ जिला अस्पताल के सामने रात भर तीनों पड़े रहे. आखिरकार […] Read more » Increased number of passive and spectacles तमाशबीनों की बढ़ती संख्या
समाज परिवारों में पनप रहा मायके का हस्तक्षेप July 27, 2020 / July 27, 2020 | Leave a Comment जिंदगी के अनुभवों से कई पेचिदा कहानियां फूटती हैं, जिन्हें समझने के लिए धैर्य की जरूरत होती है। ऐसी पेचीदा कहानियों से कई प्रश्न निकलते हैं और इन प्रश्नों के उत्तर कहानियों के अंत में स्वमेव मिल जाते हैं मगर इन्सान धैर्य खो देता है और कहानी समझ नहीं आ पाती।हमारे सामाजिक एवं परिवारिक […] Read more » मायके का हस्तक्षेप
समाज कांच के रिश्ते इन्सानी रूह का खुदकुशी के रूप में कत्ल करते हैं June 16, 2020 / June 16, 2020 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा कुछ रोज़ पहले सुशांत सिंह राजपूत ने खुदकुशी कर ली। इस खबर से आवाम हैरान हुआ। इसलिए हुअा कि जो नौजवान कल तक ‘छिछोरे’ फिल्म के माध्यम से लोगों को खुदकशी जैसे पाप के बारे में समझा रहा था आज खुद उसी पाप का शिकार हो गया। सुशांत सिंह राजपूत द्वारा की गई […] Read more » Suicide खुदकुशी
विश्ववार्ता समाज करोना संकट ने दिखाई गरीबी की भयावहता May 23, 2020 / May 23, 2020 | 2 Comments on करोना संकट ने दिखाई गरीबी की भयावहता केवल कृष्ण पनगोत्रा भारत में गरीबी की दशा कितनी भयावह है? इस सवाल के जवाब में सरकारी आंकड़े और आंकलन चाहे जो भी हों, मगर करोना से उठे राष्ट्रव्यापी संकट ने वास्तविकता से हमारा साक्षात्कार करा दिया। कोरोना वायरस संकट में देशव्यापी लॉकडाउन ने भारत में गरीबों और निम्न मध्यवर्ग की वास्तविक स्थिति को […] Read more » corona crisis showed the horrors of poverty horrors of poverty करोना संकट गरीबी की भयावहता
समाज वह जरूर गिरता है! जो आगे चलता और पीछे देखता है!! May 17, 2020 / May 17, 2020 | Leave a Comment केवल कृष्ण पनगोत्रा बात से बात चलती है। बात न चले तो चिंतन-मंथन की गति रुक जाती है। चिंतन-मंथन और वैचारिक आदान-प्रदान की गति रुकने से समाज का हर प्रकार से विकास बाधित होता है। बौद्धिकता का ह्रास होता है।10 मई, 2020 को मदर्स डे था। कई लोगों ने इस दिन के उपलक्ष्य में […] Read more » वह जरूर गिरता हैजो आगे चलता और पीछे देखता है