राजनीति विधि-कानून सियासत ने ‘कृषि बिल’ को बना दिया ‘मदारी का खेल ? September 25, 2020 / September 25, 2020 | 1 Comment on सियासत ने ‘कृषि बिल’ को बना दिया ‘मदारी का खेल ? प्रभुनाथ शुक्ल केंद्र सरकार की तरफ़ से कृषि सुधार पर लाया गया बिल सत्ता और विपक्ष की राजनीति में ‘मंदारी और सपेरे’ का खेल बन गया है। सरकार ने बीन बजाई और उसकी झोली […] Read more » कृषि बिल
राजनीति समय की मांग है ‘ऑनलाइन वोटिंग’ September 17, 2020 / September 17, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल ऑनलाइन वोटिंग की व्यवस्था वर्तमान समय की मांग है। आधुनिक तकनीक और विकास की वजह से वोटिंग के दूसरे तरीके भी अब मौजूद हैं। वैसे इसे हैक की आशंका से खारिज नहीँ किया जा सकता है। वोटरों को सीधे आधारकार्ड से जोड़ […] Read more » Time demands online voting ऑनलाइन वोटिंग
लेख हिंदी दिवस तूलिका में विराजते हैं हिंदी के पुरखे September 13, 2020 / September 13, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हिंदी सिर्फ़ भाषा नहीँ वह भावना, कला और संस्कार भी है। हिंदी हमारी आस्था है वह आत्मा में समाहित है। हिन्दुस्थान को अगर जानना है तो हिंदी को जाने बगैर हम हिन्दुस्थान को नहीँ जान सकते हैं। वह हमारे संस्कृति और संस्कार में समाहित है। हिंदी सेवी की कतार बेहद लंबी है। कई […] Read more » 14 सितम्बर को हिंदी दिवस 14 सितम्बर हिंदी दिवस Hindi Diwas हिंदी दिवस
लेख विधि-कानून बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं September 9, 2020 / September 9, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मानवीय जीवन में आत्महत्या एक असामान्य व्यवहार है। जिसमें प्राणी स्वयं की हत्या करता है। पहले व्यक्ति में बार-बार आत्महत्या के विचार आते हैं, उसके बाद वह आत्महत्या कैसे किया जाए। कब किया जाए। आत्महत्या सफल नहीं हुई तो क्या होगा। समाज […] Read more » बहुमूल्य जीवन को आत्महत्या से बचाएं
व्यंग्य हे ! कागदेव: नमस्तुभ्यम September 5, 2020 / September 5, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल हे ! कलयुग के पितृदेव। हम आपकी श्रेष्ठता को नमन करते हैं। हम समदर्शी सृष्टि का भी अभिनंदन करते हैं जिसने आपको पखवारे भर के लिए श्रेष्ठ माना है। लेकिन आपका सम्मान देख इहलोकवासी पिताम्हों को ईष्र्या होती है। कागदेव आप नाराज […] Read more » Kagadeva कागदेव
मीडिया लेख पत्रकारिता पर क्यों उठते सवाल ? September 3, 2020 / September 3, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल पत्रकारिता के आगे एक हांसिया खड़ा है ? वह हांसिया उसे कटघरे में खड़ा करता है। पत्रकारिता ख़ुद न्याय की मांग कर रहीं है। उसकी आजादी और निष्पक्षता प्रभावित हो रहीं है। वह कराहती, टूटती और बिखरती नज़र आती है। उसकी […] Read more » question arising on journalism पत्रकारिता पर क्यों उठते सवाल पत्रकारिता पर सवाल
पर्यावरण लेख जंगलों में कम होती हाथियों की आबादी August 11, 2020 / August 11, 2020 | Leave a Comment विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त पर विशेष प्रभुनाथ शुक्ल हाथी मनुष्य का बेहद करीबी प्राणी है। भीमकाय हाथी इंसान के मामूली अंकुश के इशारे पर नाचता है। सरकस में रिंग मास्टर हाथी को एक इशारे पर नचाता है। गजराज हमारा पर्यावरण मित्र भी हैं। लेकिन […] Read more » Reduced elephant population in forests कम होती हाथियों की आबादी विश्व हाथी दिवस 12 अगस्त
लेख ‘अयोध्या’ और ‘हिंदुत्व’ के ‘रग- रग’ में बसे ‘श्रीराम’ August 4, 2020 / August 4, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल अयोध्या और राम एक दूसरे के पूरक हैं। राम से अयोध्या है और अयोध्या श्रीराम का जीवन संस्कार है। हिंदू धर्म की पौराणिक मान्यता के अनुसार अयोध्या सप्त पुरियों मथुरा, माया , काशी, कांची, अवंतिका और द्वारका में शामिल है। श्रीराम की नगरी […] Read more » अयोध्या अयोध्या और राम राम से अयोध्या है श्रीराम हिंदुत्व
राजनीति काँग्रेस पर फिसलती गाँधी परिवार की कमान ? July 17, 2020 / July 17, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल राजनीति में महत्वाकाक्षाएं अहम होती हैं। वहां दलीय प्रतिबद्धता, राजनैतिक सुचिता और नैतिकता का कोई स्थान नहीं होता है। राजनीति की यह परिभाषा हैं कि समय के साथ जो पाला बदल कर अपनी गोट फीट कर ले वह बड़ा खिलाड़ी है। […] Read more » काँग्रेस पर फिसलती गाँधी परिवार की कमान गाँधी परिवार की कमान
राजनीति पुलिस एनकाउंटर और उठते सवाल ? July 10, 2020 / July 10, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल मध्यप्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तारी के चौबीस घंटे के भीतर दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर में मार गिराया गया। इस घटना ने हैदराबाद की याद ताजा कर दिया है। जिसमें एक पशु डाक्टर के साथ बलात्कार करने वाले आरोपियों के पुलिस ने […] Read more » दुर्दांत अपराधी विकास दुबे एनकाउंटर विकास दुबे एनकाउंटर
राजनीति अपराध के खिलाफ निर्णायक फैसले का वक्त July 6, 2020 / July 6, 2020 | Leave a Comment प्रभुनाथ शुक्ल कानपुर की घटना ने यह साबित कर दिया है कि अपराध और अपराधियों के हाथ बेहद गहरे हैं। समाज में अपराध का संरक्षण किसी भी तरह से उचित नहीँ है। अपराधी का कोई जाति और धर्म नहीँ होता है। अपराधी का कार्य […] Read more » अपराध के खिलाफ निर्णायक फैसले कानपुर की घटना योगी सरकार राज्य में अपराधियों के खिलाफ़ सख्त रवैया राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की थाने में हत्या
व्यंग्य कमाल की है मैडम की जूती June 9, 2020 / June 9, 2020 | Leave a Comment हास्य- व्यंग प्रभुनाथ शुक्ल लोकतंत्र में जब बात से बात नहीँ बनती तब शायद जूती स्ट्राइक का सहारा लेना पड़ता है। आजकल हमारे संस्कार में जूता,चप्पल और सैन्डिल की संस्कृत गहरी पैठा बना चुकी है। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए हम कह सकते हैं कि जूती है तो सबकुछ मुमकिन है। अपुन के […] Read more » मैडम की जूती