पर्यावरण पानी का ‘पानी’ उतारने में किसे आती है शर्म July 5, 2010 / December 23, 2011 | 1 Comment on पानी का ‘पानी’ उतारने में किसे आती है शर्म – अखिलेश आर्येन्दु वैज्ञानिकों के मुताबिक अगला युद्ध तेल, पूंजी या तानाशाही स्थापित करने को लेकर नहीं, बल्कि पानी को लेकर होगा। यह अनुमान काफी हद तक सच भी दिखाई पड़ने लगा है। पानी की कमी भारत जैसे विकासशाील देश में ही नहीं दिखाई पड़ रही है बल्कि उन विकसित देशों में भी हो गई […] Read more » water पानी
राजनीति नेताजी की पलकों द्वारा रेडिएशन July 5, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment – अखिलेश आर्येन्दु ताजा शोध से पता चला है कि नेता जी की पलकों का बेहिसाब झपकने के कारण दिल्ली में रेडिऐशन की समस्या खड़ी हुई है। जब तक नेता जी पलकें उतान रखते थे तब तक ऐसी किसी भी समस्या की संभावना तक नहीं थी। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने नेता जी […] Read more » Radiation रेडिएशन
विविधा राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव July 5, 2010 / December 23, 2011 | 6 Comments on राष्ट्र रक्षक महाराजा सुहेलदेव -डॉ. परशुराम गुप्त 1001 ई0 से लेकर 1025 ई0 तक महमूद गजनवी ने भारतवर्ष को लूटने की दृष्टि से 17 बार आक्रमण किया तथा मथुरा, थानेसर, कन्नौज व सोमनाथ के अति समृद्ध मंदिरों को लूटने में सफल रहा। सोमनाथ की लड़ाई में उसके साथ उसके भान्जे सैयद सालार मसूद गाजी ने भी भाग लिया था। […] Read more » National सुहेलदेव
विविधा अलगाव का एहसास और निजी ईमानदारी July 3, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on अलगाव का एहसास और निजी ईमानदारी -हरिकृष्ण निगम आज कभी-कभी लगता है कि भावनाओं के लोक में विचरण करने वाले ही सुखी हैं। यथार्थ की कड़वाहट, जीवन के संघर्ष और मन के मुताबिक कुछ न कुछ होने से हम सब हतास होते रहते हैं। अत्तिशय महत्वाकांक्षी और असंतुष्ट साथी या जो बहुत संवेदनशील है, हर दम लोकलाज की बात करते हैं […] Read more » Integrity ईमानदारी
विविधा मूल्यपरक जीवन का अभाव July 3, 2010 / December 23, 2011 | Leave a Comment – राजीव मिश्र आज जिंदगी समस्याओं से संकुल बन रही है, क्योंकि भौतिकता प्रधान एवं अध्यात्मिकता गौण हो रही है। आवेश, उत्तेजना एवं चंचलता से जीवन की धारा बदल गई है, इसलिए मन में अशांति बढ़ रही है। इसी कारण सृजन की नवीन दिशाओं का उद्धाटन नहीं हो पा रहा है। साधारणतः हम कार्य तनाव […] Read more » life मूल्यपरक जीवन
विविधा राष्ट्रविरोधी तत्व अमरनाथ यात्रा को बाधित कर रहे हैं: बजरंग दल July 1, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on राष्ट्रविरोधी तत्व अमरनाथ यात्रा को बाधित कर रहे हैं: बजरंग दल बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री प्रकाश शर्मा ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से कश्मीर घाटी में घट रही घटनाओं की कड़े शब्दों में निन्दा करते हुए उन्हें पूर्व नियोजित बताया है। श्री शर्मा ने कहा कि इन घटनाओं का एकमात्र उद्देश्य किसी भी प्रकार से अमरनाथ की वार्षिक यात्रा को बाधित करना है। पिछले […] Read more » Amarnath Yatra अमरनाथ यात्रा
विविधा टैंकर पुराण June 30, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on टैंकर पुराण -मनोज लिमये रहिमन पानी राखिये बिन पानी सब सून . . . . . ये कहावत पूर्व में जितनी प्रासंगिक रही होगी आज उससे भी अधिक मौंजू नज़र आती है। आज सुन्दर गृहणियों के चेहरे का पानी हौद में पानी भरने के चक्कर में लुप्त होता जा रहा है। घरों के निर्माण में हौद निर्मिति […] Read more »
विविधा सपना या सच June 30, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on सपना या सच -मनोज लिमये एक किसना था। सुबह हो या शाम पीकर आराम, यही इसके जीवन का मूल मंत्र था। पिता की असमय हुई मृत्यु ने इस मूलमंत्र में छुपी मूल आत्मा को थोड़ा नुकसान पहुँचाया है, पर जिन्दगी यथावत् जारी है। पहले पिताजी जब खेत देख लेते थे तब कभी ये सोचने की जरूरत नहीं हुई […] Read more » Dream सपना
विविधा भारतरत्न बाबू डा.राजेंद्र प्रसाद June 29, 2010 / December 23, 2011 | 4 Comments on भारतरत्न बाबू डा.राजेंद्र प्रसाद -प्रभाकर पाण्डेय सदियों से भोजपुरिया माटी की एक अलग पहचान रही है। इस माटी ने केवल भोजपुरी समाज को ही नहीं अपितु माँ भारती को ऐसे-ऐसे लाल दिए जिन्होंने भारतीय समाज को हर एक क्षेत्र में एक नई दिशा दी एवं विश्व स्तर पर माँ भारती के परचम को लहराया। भोजपुरिया माटी की सोंधी सुगंध […] Read more » Dr Rajendra Prasad Yadav डा.राजेंद्र प्रसाद
विविधा भारत का मानचित्र June 25, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on भारत का मानचित्र -बी एन गोयल कभी-कभी मन में विचार आता है कि १५ अगस्त १९४७ से पहले कैसा था भारत का मानचित्र और उस के बाद यह मानचित्र कैसा बन गया. हम बाहरी मान चित्र के साथ साथ आंतरिक मानचित्र की भी बात कर रहे हैं। इस में भी महत्वपूर्ण प्रश्न है वर्तमान वातावरण में नए राज्यों […] Read more » Map of India भारत का मानचित्र
राजनीति कांग्रेस ने देश को भटकाया, इस भटकाव को समाप्त करना होगा June 25, 2010 / December 23, 2011 | 2 Comments on कांग्रेस ने देश को भटकाया, इस भटकाव को समाप्त करना होगा -अशोक सिंहल आज हमारे सामने यह बड़ा प्रश्न खड़ा है कि देश कहाँ भटक गया है और क्यों भटक गया है? इसका समाधान हमें ढूँढ़ना पड़ेगा। प्राचीन काल में बडे़-बडे़ ॠषि महात्मा राज्यकर्ताओं का उचित मार्गदर्शन किया करते थे तथा हमारे ऋषियों को अतीत, वर्तमान एवं भविष्य तीनों दिखाई देता था, जिसके आधार पर वे […] Read more » Congress कांग्रेस
राजनीति गाँधी को समझे अरुंधती.. June 24, 2010 / December 23, 2011 | 3 Comments on गाँधी को समझे अरुंधती.. -आशीष तिवारी क्या आपको याद है कि वर्ष २००४ में सिडनी शांति पुरस्कार किसे मिला था? नहीं याद है तो हम याद दिला देते हैं। ये पुरस्कार मिला था अरुंधती रॉय को। कितनी अजीब बात है ना! कभी अपने अहिंसात्मक कार्यों के लिए इतने बड़े सम्मान से नवाजे जाने वाली महिला आज उसी अहिंसा को […] Read more » Naxalism अरूंधती राय नक्सलवाद माओवाद