पर्व - त्यौहार आगमनी October 7, 2013 / October 7, 2013 by गंगानन्द झा | Leave a Comment गंगानन्द झा पूर्वी भारत में मान्यता है कि दुर्गापूजा के अवसर पर उमा एक साल बाद कैलास से अपने पिता गिरिराज हिमालय के घर चार दिनों के लिए आती हैँ। सप्तमी को उनका आगमन और दशमी को विदाई होती है। ये चार दिन आध्यात्मिक विभोरावस्था के साथ साथ भावनात्मक आत्मीयता के परिवेश के होते हैं। […] Read more » आगमनी
पर्व - त्यौहार नवरात्र के नौ रंग… October 7, 2013 / October 7, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर हर ऋतु अपने साथ खुशियों की बहार लेकर आती है…शरद ऋतु अपने साथ लेकर आती है मस्ती और खुशियां … ऐसे लगता है जैसे शरद ऋतु के स्वागत करने के लिए ही ये त्यौहार बने हों …जो हमारे जीवन में लेकर आते हैं खुशियों की बहार…शरद ऋतु शुरू क्या होती है […] Read more » नवरात्र के नौ रंग...
धर्म-अध्यात्म पर्व - त्यौहार गणपति बप्पा मोरया… September 13, 2013 / September 13, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर घर का कोई भी शुभ काम करने से पहले उनकी पूजा की जाती है…वो सवांरते हैं सभी के बिगड़े काम…और सभी की करते हैं विघ्न बाधाएं दूर… तभी तो सारा जग जानता है उन्हें विघ्नहर्ता के नाम से….जी हां हम बात कर रहें हैं गणपति बप्पा यानि कि गणेश जी की…सारा देश […] Read more » गणपति बप्पा मोरया...
पर्व - त्यौहार बंधन धागों का….. August 20, 2013 / August 20, 2013 by परमजीत कौर कलेर | 1 Comment on बंधन धागों का….. परमजीत कौर कलेर ( 20 अगस्त रक्षाबंधन स्पैशल) कहते हैं बचपन के दिन कभी लौट के नहीं आते…समय के साथ सब कुछ बदल जाता है। न वो उम्र रहती है और न वो अठखेलियां। सिर्फ रह जाती हैं तो बस यादें…कभी भाई का गुस्से में बहन की चोटी खींचना तो कभी बहन का रूठना और […] Read more » बंधन धागों का.....
पर्व - त्यौहार मन्द मन्द मुस्कुराते दशरथ नंदन राम April 22, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राम नवमी पर विशेष- किसी विदेशी छात्र ने जापान के एक विद्यार्थी से पूछा-‘आप विश्व का सबसे बड़ा महापुरूष किसे मानते हैं?’ जापानी विद्यार्थी ने बड़े गर्व से कहा कि महात्मा बुद्घ को हम संसार का सबसे बड़ा महापुरूष मानते हैं। विदेशी छात्र ने अपना अगला प्रश्न फिर दाग दिया- ‘यदि कोई व्यक्ति तुम्हारे बुद्घ […] Read more » मन्द मन्द मुस्कुराते दशरथ नंदन राम
पर्व - त्यौहार होली का अर्थ और वैश्विक महत्व April 2, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वर्तमान सृष्टि संवत 1, 96, 08, 53, 113 का अंतिम पर्व होली देशवासियों के लिए मंगलमय हो। होली का ये पावन पर्व प्राचीन काल में नवान्नेष्टि पर्व के नाम से मनाया जाता था। नवान्नेष्टि की संधि विच्छेद करने से नव+अन्न+इष्टि ये तीन शब्द हमें प्राप्त होते हैं। इनका अभिप्राय है कि यह पर्व नये अन्न […] Read more » होली का अर्थ और वैश्विक महत्व
पर्व - त्यौहार होली आई रे…. April 2, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment परमजीत कौर कलेर अगर हमारी जिन्दगी में रंग न होते तो हमारी जिन्दगी नीरस होती…रंग बिरंगे रंग ही हमारी जिन्दगी में नयापन , ताजगी , रवानगी भरते हैं …सोचिए अगर रंग न होते तो हमारी जिन्दगी कैसी होती। लाल ,पीले, हरे ,गुलाबी , नीले रंग बिरंगे रंग ही है जो हमें हंसना खेलना सिखाते हैं […] Read more » होली
पर्व - त्यौहार होली:राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व March 23, 2013 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on होली:राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व प्रमोद भार्गव होली एक प्राचीन त्योहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मुख्य रुप से यह बुरार्इ पर अच्छार्इ की विजय का पर्व है। भारत और चीन में इसे, इसी परिप्रेख्य में मनाने की परंपरा है। आज इस पर्व को मूल-अर्थों में मनाना ज्यादा प्रासंगिक है। क्यूंकी नैतिकता-अनैतिकता के सभी मापदण्ड खोटे होते जा रहे हैं। […] Read more » राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व होली होली:राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व
पर्व - त्यौहार सामाजिक उल्लास का पर्व पोंगल January 14, 2013 / January 14, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment लोक, परिवेश और प्रकृति भी नहाती है उत्सवी धाराओं में अनिता महेचा उत्सव प्रियाः मानवाः यानि मानव उत्सव प्रिय होते हैं। महाकवि कालिदास का यह कथन मानव-स्वभाव पर पूर्णतः लागू होता है क्योंकि पर्वों से हमारे जीवन की एकरसता और नीरसता दूर होती है तथा रोचकता, उल्लास और आनन्द की अभिवृद्धि होती है। लोक […] Read more » pongal
पर्व - त्यौहार सुन्दर मुन्दरिए हो… January 10, 2013 / January 10, 2013 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment ( 13 जनवरी विशेष) नया साल क्या आता है वो अपने साथ लेकर आता है ढेरों खुशियां …उल्लास और नई उमंग इस के साथ ही शुरू हो जाता है…त्यौहारो का सिलसिला…साल के शुरू में ही आता है उमंग , उत्साह और आपसी भाईचारे का त्यौहार … खैर अब तो आप समझ ही गए होंगे कि […] Read more » lohri
पर्व - त्यौहार सृष्टि के रचियता का दिवस – विश्वकर्मा दिवस November 13, 2012 / November 3, 2012 by परमजीत कौर कलेर | 2 Comments on सृष्टि के रचियता का दिवस – विश्वकर्मा दिवस परमजीत कौर कलेर घर ,आशियाना,घरौंदा जिसमें पहुंच कर हम पाते हैं सुकून …अपना घरौंदा तो पशु पक्षियों को बड़ा ही प्यारा होता है …अगर घरौंदा न होता तो आज भी हम जंगलों में घूम रहे होते…सृष्टि के रचियता की दया के कारण ही आज हम घरों में रह रहे हैं…जी हां आज दिवस है निर्माण […] Read more » विश्वकर्मा दिवस
पर्व - त्यौहार भैया दूज November 7, 2012 / November 7, 2012 by परमजीत कौर कलेर | Leave a Comment भाई – बहन के बचपन के वो दिन भी क्या होते है कभी भाई रूठ जाता है तो कभी बहना …कभी बहन भाई को मनाती है तो कभी भाई बहन को …इस मीठी और तीखी नोक झोंक में होता है अपना ही मजा…दोनों का एक दूसरे के बिना नहीं होता गुजारा …और फिर सारे गिले […] Read more » bhaiya duj