शख्सियत धर्म अध्यात्म और मानवता के रक्षक – गुरु नानक देव जी November 18, 2013 by विनोद बंसल | Leave a Comment विनोद बंसल पंद्रहवीं शताब्दी में मुगलों के अत्याचारों के चलते पूरे भारत में फ़ैली अराजकता व लूट-खसोट के कारण जन जीवन पूरी तरह असुरक्षित था।हिन्दू धर्म कर्म काण्ड व कुप्रथाओं की जटिलताओं में उलझ गया था। भयाक्रान्त हिन्दू अपना धर्म त्याग मुस्लिम बनने को मजबूर थे और धर्म और मानवता से लोगों की आस्था पूरी […] Read more »
शख्सियत समाज श्री दत्तोपंत ठेंगडी – नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको November 9, 2013 / November 9, 2013 by विनोद बंसल | 5 Comments on श्री दत्तोपंत ठेंगडी – नमन! हे राष्ट्र-ऋषि तुमको विनोद बंसल श्री दत्तोपंत ठेंगडी जी का नाम मन में आते ही उनके जीवन के विविध आयाम अनायास ही मन-मस्तिष्क में उभर कर सामने आ जाते हैं। एक ज्येष्ठ स्वतंत्रता सेनानी, कुशल संघटक, अनेक राष्ट्र प्रेमी संगठनों के शिल्पकार, विख्यात विचारक, लेखक, संतो के समान त्यागी और संयमित जीवन जीने वाले श्री दत्तोपंत जी […] Read more » श्री दत्तोपंत ठेंगडी
शख्सियत बसंत कुमार तिवारीः स्वाभिमानी जीवन की पाठशाला November 5, 2013 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी छत्तीसगढ़ के जाने-माने पत्रकार और ‘देशबंधु’ के पूर्व संपादक बसंत कुमार तिवारी के निधन से जो शून्य पैदा हुआ है, उसे भरना बहुत कठिन है। । वे एक ऐसे साधक पत्रकार रहे हैं, जिन्होंने निरंतर चलते हुए, लिखते हुए, धैर्य न खोते हुए,परिस्थितियों के आगे घुटने न टेकते हुए न सिर्फ विपुल लेखन किया ,वरन एक […] Read more » बसंत कुमार तिवारी
शख्सियत राष्ट्रीय चेतना के अग्रदूत स्वामी दयानंद सरस्वती November 2, 2013 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | Leave a Comment पुण्य तिथि पर पुण्य स्मरण डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री स्वामी दयानंद ” स्वतन्त्रता के देवता तथा शांति के राजकुमार ” हैं – स्वतंत्रता सेनानी बिपिन चन्द्र पाल हमारे देश के पिछली कई शताब्दियों के इतिहास में जिन महापुरुषों ने इस धरा को धन्य किया, उनमें स्वामी दयानंद सरस्वती (1824 – 1883 ) का स्थान बहुत ऊंचा है। […] Read more » दयानंद सरस्वती
शख्सियत याद रहेगी केपी की बेपरकी……!! October 31, 2013 / October 31, 2013 by तारकेश कुमार ओझा | 1 Comment on याद रहेगी केपी की बेपरकी……!! तारकेश कुमार ओझा वह ’80 के दशक का उत्तरार्द्ध था। जब मैं पत्रकारिता में बिल्कुल नया था। यह वह दौर था जब रविवार, धर्मयुग व साप्ताहिक हिंदुस्तान जैसी राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाएं बंद हो चुकी थी। लेकिन नए कलेवर के साथ संडे आब्जर्वर , संडे मेल और दिनमान टाइम्स के रूप में कुछ नए साप्ताहिक […] Read more » के पी सक्सेना
शख्सियत राजेन्द्र यादव नहीं रहे October 29, 2013 by पंडित सुरेश नीरव | Leave a Comment आंसुओं के घरौंदे लरजने लगे…. सुरेश नीरव सुबह-सुबह सहारा चैनल से धीरज चौहान का पहला फोन आया कि सुप्रसिद्ध कथाकार राजेन्द्र यादवजी नहीं रहे आप आन लाइन रहिए आपसे बात करनी है। हतप्रभकारी सूचना थी ये मेरे लिए। बात ख़त्म की ही थी दूसरा फोन फिर राजेन्द्रजी के बारे में शोक संदेश के लिए फोन […] Read more »
शख्सियत गणेश शंकर विद्यार्थी: एक क्रांतिकारी पत्रकार October 25, 2013 by अंकुर विजयवर्गीय | Leave a Comment (गणेश शंकर विद्यार्थी जी के जन्मदिवस 26 अक्टूबर पर विशेष लेख) अपनी बेबाकी और अलग अंदाज से दूसरों के मुंह पर ताला लगाना एक बेहद मुश्किल काम होता है। कलम की ताकत हमेशा से ही तलवार से अधिक रही है और ऐसे कई पत्रकार हैं, जिन्होंने अपनी कलम से सत्ता तक की राह बदल दी। […] Read more » गणेश शंकर विद्यार्थी
शख्सियत कांशीराम के सपनों का समाज October 10, 2013 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक सैकड़ों साल बाद भारतीय समाज का स्वरुप, चरित्र एवं चिंतन की व्याख्या का दायरा और उसके मूल्यों को मापने व परखने का मापदण्ड क्या होगा उसकी भविष्यवाणी आज संभव नहीं है। राजाराम मोहनराय, र्इष्वरचंद विधासागर, स्वामी दयानंद सरस्वती, विवेकानंद, गांधी, लोहिया और अंबेडकर जैसे समाज सुधारकों-मनीशियों के सामाजिक अवदानों एवं नैतिक आदर्शो का […] Read more » कांशीराम के सपनों का समाज-
शख्सियत समाज अराजनीतिक गांधी की अराजकता October 2, 2013 by ब्रह्मदीप अलुने | 1 Comment on अराजनीतिक गांधी की अराजकता प्रो.ब्रह्मदीप अलूने नेहरू ने दिसम्बर 1928 मे कलकत्ता अधिवेशन मे कहां था , ‘‘बापू,मेरे और आपके मध्य अंतर यह है कि आप धीमी गति मे विश्वास करते है जबकि मेरा लक्ष्य क्रांति है ।’’ गांधी का व्यंग्यात्मक उत्तर था ,‘‘मेरे तरूण, मैने क्रांति को पैदा किया है ,जबकि अन्यों ने केवल उसका शोर मचाया है […] Read more » अराजनीतिक गांधी की अराजकता
शख्सियत समाज राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर September 30, 2013 / September 30, 2013 by अनिता महेचा | 1 Comment on राष्ट्रधर्म के ओजस्वी कवि दिनकर राष्ट्रीय चेतना के मंत्र हैं उनकी रचनाएं अनिता महेचा मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रथम राष्ट्र कवि थे तो दिनकर उनके सच्चे उत्तराधिकारी थे। गुप्तजी की राष्ट्रीयता में सांस्कृतिक तत्व गहरा था, उसी का एक व्यापक पक्ष हमें दिनकर के काव्य में दृष्टिगत होता है। दिनकर ने प्रारंभ से ही ओजस्विता एवं तेजस्विता से परिपूर्ण कविताएं […] Read more » दिनकर
शख्सियत समाज शिरडी के सांई बाबा September 27, 2013 / September 27, 2013 by बीनू भटनागर | 1 Comment on शिरडी के सांई बाबा शिरडी के सांई बाबा एक योगी और फ़कीर थे। उनके भक्त हिन्दू और मुसलमान दोनों ही थे। वो ख़ुद हिन्दू थे या मुसलमान ये जानकारी भी नहीं है, उनके लियें इसका कोई महत्व भी नहीं था। उनके अनुसार सद्गुरु को समर्पित होना आध्यात्म का पहला क़दम है। सांई बाबा को मानने वाले भक्त भारत में […] Read more » शिरडी के सांई बाबा
राजनीति शख्सियत देश को चाहिए ऐसी सोच September 21, 2013 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on देश को चाहिए ऐसी सोच प्रवीण दुबे कोई देश कितनी ही तरक्की क्यों न कर ले यदि उसने अपने जन को, देश की माटी, देश की संस्कृति, देश के इतिहास, देश के महापुरुषों, देश की परम्पराओं से जोडऩे का प्रयास नहीं किया तो तय मानिए उसका भविष्य सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। ”यूनान, मिश्र, रोमां सब मिट गए जहां से […] Read more »